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CHLP-2021-22
n
Community Health Learning Programme
A Report on the Community Health Learning
Experience

Bhagwat prasad panika
sochara CHLP Fellow
2021-22

School of Public Health Equity and Action
(SOPHEA)

and Action

आभार

“इस वर्ष में किए गए फेलोकिप िे दौरान मेरे मागषदिषि िे रुप में मेरे प्रेरणा स्रोतोों िो आभार व्यक्त
िरना चाहता हों | इस दौरान डॉक्टर रकव नारायण जी ,डॉ. थेलमा जी सोचारा बेंगलुरु द्वारा स्वास्थ्य जैसे
कवर्य िो एि रुप में कमलिर मागषदिषन किया गया | स्वास्थ्य िे कवर्योों िो व्यापि तौर पर सरल एवों
सुव्यवस्थथत व समुदाय में िायष िरने िे तरीिोों िी प्रेरणा प्राप्त हुई l साथ ही राकििा जी ,अब्बू जी एवों
िाकतषि जी एवों मेरे मेंटर आजम खान जी कजनिा मुझे समय -समय पर सतत मागषदिषन प्राप्त हुआ | मैं
उनिे प्रकत भी आभारी हूँ | मैं िृतज्ञ हों सोचारा सोंथथा िे प्रकत कजन्ोोंने एि फैलो िे रूप में मुझे स्वीिार
किया और जनस्वास्थ्य सहयोग गकनयारी सोंथथा ने कजन्ोोंने मुझे इस फेलोकिप िरने िा मौिा कदया | 1 वर्ष
में सीख एवों दस्तावेजीिरण िे सहयोग िे कलए सभी समीक्षिोों िा ह्रदय से आभार”

भागवत प्रसाद पकनिा
SOCHARA,CHLP Fellow 2021-22
--------------------------------00--------------------------------------

क्रमाोंि

अनुक्रमाकणिा
भाग- 2
सामुदाकयि स्वास्थ्य िायषवाही
. पृष्ठभूकम (समुदाय, समुदाय एसडब्ल्यूओसी कवश्लेर्ण / स्थथकतजन्य
कवश्लेर्ण आकद िे बारे में जानिारी िाकमल हो सिती है)

1.
2.

प्रस्तावना हस्तक्षेप/सामुदाकयि स्वास्थ्य िायषवाही पहल िा उद्दे श्य

3.

हस्तक्षेप और िायाषन्वयन, सामुदाकयि जुडाव प्रकक्रया िा कववरण-(समुदाय
आिाररत बच्ोों िे पोर्ण प्रबोंिन िायषक्रम )
• गकतकवकि


सामुदाकयि प्रकक्रया



पोर्ण युक्त थथानीय िृकर् पहल

4.

सामुदाकयि स्वास्थ्य िायषवाही िा प्रभाव-

5.

सामुदाकयि स्वास्थ्य िायषवाही से सीख -

पेज न.

SOCHARA CHLP Programe 2021-22
सामुदाय आधारित बच्चों का पोषण प्रबंधन
पष्ृ ठभमू म
अनुपपुर, छत्तीसगढ़ के सीमा से लगे मध्य प्रदे श के पररधीय जिलों में से एक है। 2011 के िनगणना के अनुसार 47.9
प्रतिशि जनसंख्या अनुसूतिि जनजाति के वर्ग की है। यह 4 ब्लॉक में तवभातजि है और उनमे से एक पुष्पराजर्ढ़ है।
पुष्पराजर्ढ़ 268 र्ााँव वाला सबसे बड़ा और सबसे र्रीब ब्लाक है। 2018 में अनुमातनि आबादी 2.3 लाख थी, तजसमे
96.3 प्रतिशि ग्रामीण आबादी थी। इसमें 74 प्रतिशि जनजािीय आबादी (ST) है , तजनके पास आय के बहुि सीतमि
साधन है। SECC (सामातजक आतथगक जाति जनर्णना) के अनुसार 93% पररवार अपनी आय के तलए कृति या श्रम पर
तनभगर है।
पुष्पराजर्ढ़ को स्वास्थ्य तवभार् की दृति से 8 सेक्टसग में तवभातजि तकया र्या है। करपा और तििही- जैिहरी सेक्टर में
तवशेि रूप से पहुाँि का अभाव है। यहााँ उच्च माि् मृत्यु और ख़राब स्वास्थ्य पररणाम है। यहां पर सड़क, पानी, तबजली
और संिार की समस्ां भी है। NFHS 4 के अनुसार, अनुपपुर के ग्रामीण क्षेत्र में, 5 साल से कम उम्र के 42.2% बच्चे
कुपोतिि हैं।
अिः , रािरीय स्वास्थ्य तमशन, मध्य प्रदे श और अनुपपुर के तजला प्रशासन ने जन स्वस्थ्य सहयोर् संस्था की मदद से,
2018 में पुष्पराजर्ढ़ स्वास्थ्य और पोिण कायगक्रम (PHNI) की शुरुआि की | जन स्वास्थ्य सहयोर् एक स्वयं सेवी संस्था
है , जो तपछले 18 विों से छत्तीसर्ढ़ में स्वास्थ्य और बाल पोिण पर काम कर रही है।

Community SWOC Analysis:1. ताकत — मक्का,कोदो,कुिकी,अरहल,सरसों,मुनर्ा,आतद पोिणयुक्त फसल का उत्पादन होना,रासायतनक खाद
का कम प्रयोर्, क्षेत्र में जोतहला नदी का बहना, समुदाय का क्षेत्रीय सामातजक एवं सांस्कृतिक परम्पराओं का
मजबूि होना, पहाड़ एवं जंर्ल की उपलब्धिा |
2. कमजोरी — समुदाय में पोिण के प्रति जार्रूकिा की कमी,कृति कायग के तलए तसंिाई का साधन न होना,स्वास्थ्य
तशक्षा के तलए पयाग प्त सुतवधा ना होना,पंिायि स्तर पर शासकीय योजनाओं की जानकारी ना तमल पाना |
3. अवसर — स्वास्थ्य एवं पोिण से संबंतधि शासकीय तवभार्ों से आपसी समन्वय करना। माडल फुलवारी एवं
आरोग्य केंद्र को मजबूि करना । सामुदातयक जुड़ाव । प्रकृति खेिी प्रतशक्षण, कायगक्रम मे समूह की भार्ीदारी

बढ़ाना, समुदाय को स्वास्थ्य एवं पोिण के बारे में जार्रूक करना, फुलवारी के बच्चों की संख्या बढ़ाना एवं तवस्तार
करना। स्वच्छ पानी पीने के तलए जार्रूक करना |सामुदातयक भार्ीदारी और तनर्रानी को मजबूि करना।
4. चुनौततयोों — र्ााँव मे रोड का न होना।आवार्मन की साधन की कमी,पानी की उपलब्धिा की कमी, स्थानीय
पोिणयुक्त खाद्य पदाथों को भोजन मे कम मात्रा में उपयोर् करना, तशक्षा के तलए पयागप्त संसाधन की कमी होना
,पोिण के प्रति जार्रूकिा की कमी,मािा -तपिा के पास अपने बच्चों के दे खभाल के तलए समय कम होना,हमेशा
खेिी-बाड़ी,मजदू री में व्यस्त रहना, बच्चों में कुपोिण दर का अतधक होना | स्वास्थ्य सुतवधाओं की कमी |

SEPCE ANALYSIS:ग्रामीण आददवासी बाहुल्य क्षेत्र पुष्पिाजगढ़ में छोटे बच्चों के पोषण को प्रभाववत किने वाले महत्वपूणण कािकों
का आंकलन (SEPCE ANALYSIS) :सामाजजक कािक

आर्थणक कािक

िाजनैततक कािक

सांस्कृततक कािक

पारिजस्थक कािक

बाल वििाह

गरीबी

गााँि तक िाने के ललए

बेटी का कम उम्र में

पहाड़ी क्षेत्र होने के

सड़क का न होना

शादी करके कन्या

कारण

दान का पुण्य पाना
ANC िाांच के ललए

माता-वपता

शासकीय योिनाओां का बच्चों का अन्न

पानी,सडक,बबिली

अस्पताल के प्रतत

खेती,मिदरू ी में

गााँि तक प्रचार न होना

का अभाि

उदासीनता एिां
पुराने विचारों पर

प्रासन में दे री करना

िाने के कारण

अर्ाात 1 साल के

समय न दे पाना

बाद खाना खखलाना |

ज्यादा विश्िास
करना

घर में प्रसि कराना

पोषण यक्
ु त

भोिन अपने बच्चे

स्िास्र्य कायाकताा का

उस क्षेत्र में पयााप्त

कायाकुशलता कम

कृवष योग्य भूलम की

को तीन टाइम नहीां होना,जिससे उदासीन

अनुपलब्धता

खखला पाना

होना |

िन्म के तरु ां त मााँ

प्रतत माह गभािती

VHSNC सलमतत कक

िांगल पर तनभार होना

मााँ की िाांच के

तनजरियता एिां VHND

एिां बीमार पड़ने पर

न वपलाना

ललए अस्पताल ले

तनयलमत नहीां होना

िांगल कक दिाई का

का गाढ़ा पीला दध


िाने के ललए पैसा
न होना |

उपयोग करना |

िाततिाद

माता-वपता का

प्रसि के समय

गााँि में आशा कायाकताा

पैसा न होने के

एिां आांगनिाड़ी

कारण अस्पताल

कायाकताा के काया में

तक न ले िा पाना

लापरिाही

रोिगार की कमी

गााँि में योग्य

शराब का अधधक

सामाजिक स्िस््य

सेिन करना

कायाकताा का चयन न
होना

बच्चों एिां मााँ के

गााँि के लोगों का

प्रत्येक गााँि में

पोषण के प्रतत

अधधक मात्रा में

आांगनिाड़ी का न होना
|

िागरूकता कक कमी पलायन करना
बच्चों के साफ-

ग्राम आरोग्य केंद्र की

सफाई पर ध्यान न

तनजरियता

दे ना
एक साल तक बच्चे
खाना नहीां खा पते
की परु ानी धरना
होना

बच्चे का बार-बार
बीमार पड़ना
5. िणनीततयां :- SEPCE analysis के माध्यम से जितने भी स्िास्र्य एिां पोषण के प्रभावित करने िाले कारक हैं
उन सभी पहलओ
ु ां पर मालसक पैरेंट्स meeting ककसी एक मद्
ु दे पर बात की िाती है ,और उसमे उपजस्र्त लोगों
का राय बहुत िरुरी रहता है,जिससे उन्हें सोंचने मौका भी ददया िाता है ,इसी प्रकार बारी- बारी से सभ पहलुओां
चचाा की िाती है |तर्ा बच्चों के घर माता-वपता के सार् भी होंम विजिट के माध्यम से चचाा की िाती है |िो कक
सभी कारको के दृजरटकोण से उनकी समस्याओां को समझने के प्रयास ककया िाता है |

2.- हस्तक्षेप/सामुदातयक स्वास्थ्य कारर वाई पहल का उद्दे श्य (Objective of the intervention/ community
health action initiative):1.- छोटे बच्चे 06 माह से 03 विग िक के बच्चों में होने वाले कुपोिण को कम करना िथा स्वास्थ्य एवं पोिण
के प्रति जार्रूकिा बढ़ाना |

2.- स्थानीय भोजन,फल,सब्जियों से तमलने वाले पोिण के प्रति जार्रूकिा बढ़ाना |

3.- हस्तक्षेप और कायारन्वयन, सामुदातयक जुडाव प्रतिया का तववरण (Description of the intervention and
implementation, community engagement process) :-

फुलवािी पहल (सामद
ु ाय आधारित बच्चों का पोषण प्रबंधन (क्रेच) )
फुलवािी से आशय :- फुलिारी का मतलब है फूलो का बगीचा या बाड़ी,िहााँ माली द्िारा नन्हे – नन्हें फूलों के पौधों
का दे खभाल, समय-समय पर भोिन खाद्य,बीि,पानी दे ता है ,और खतरों से सुरक्षक्षत रखता है , जिससे स्िस््य एिां
सुन्दर खुशबूदार पौधे तैयार होकर सुन्दर फूल एिां फल दे ते हैं |
उसी प्रकार फुलिारी में छोटे बच्चे िो फूलों के सामान नािुक एिां कोमल होते है,िे सभी बच्चों को फुलिारी में
रखकर माली अर्ाात फुलिारी कायाकताा द्िारा समय –समय पर पोषण –आहार एिां स्िास््य दे खभाल करती हैं | कई
प्रकार के घातक खतरों से सुरक्षक्षत रखती हैं, जिससे आगे चलकर सुन्दर,स्िस््य बच्चा तैयार होता है |
फुलवािी क्या है ?

फुलिारी िह िगह होती है िहााँ बच्चों के माता-वपता के अलािा गााँि के ही दस
ू री प्रलशक्षक्षत मदहला द्िारा दे खभाल की
िाती है |
फुलिारी केंद्र में गािां की प्रलशक्षक्षत मदहला कायाकताा द्िारा सप्ताह में 06 ददिस प्रततददन प्रातः 9.00 बिे से शाम 4.30
बिे ि बच्चों के माता -वपता के आने तक छोटे बच्चों का पोषण एिां स्िास््य दे खभाल की िाती है | बच्चो का पोषण
बढ़ाने के ललए फुलिारी में भोिन (पोषण आहार) समय सारणी अनुसार सत्त,ू खखचड़ी, अांडा एिां आयरन लसरप ददया

िाता है, इसके सार् बच्चों के शारीररक, मानलसक, भाषा, कियात्मक, नैततक एिां सामाजिक विकास को ध्यान में रखते
हुए स्र्ानीय भाषा में खेल एिां गीत लसखाये िाते है | बच्चों के माता-वपता गााँि िालों के द्िारा समय- समय पर
तनगरानी भी की िाती है | जिससे कायाकताा द्िारा बेहतर तरीके से काया ककया िाता है |
गततववर्धयााँ :फुलवािी में ददन भि की ददनचयाण :- फुलिारी कायाकताा द्िारा सुबह 8.30 बिे खोलकर साफ़ सफाई एिां पीने का
पानी,बतान धुलने का पानी ददन भर के ललए ले आती है | उसके बाद सुबह 9 बिे से 10 बिे के बीच सभी माता-वपता
अपने बच्चों को फुलिारी में छोड़कर चली िाती है | उसके बाद कायाकत्ताा द्िारा िो बच्चे साफ़ सर्
ु रा नहीां उनको हार्पैर,या नहलाकर तैयार करती हैं ,कफर सांभी बच्चों को गोले में बैठाकर नास्ते में सत्तू खखलाती है| कफर समय सारणी के
अनुसार खेल करिाती है | खेल -खेल के माध्यम से बच्चे सीखते हैं | दोपहर 12 बिे से 01 बिे तक सभी बच्चों को खाना
खखलाती है | उसके बाद सभी बच्चों का सोने का टाइम हो िाता है ,जिससे अपने बबस्तर में िाकर सभी सो िाते हैं,
समय 1 बिे से 2 बिे तक सो िाते हैं ,कफर िैसे ही उठते हैं सभी बच्चों को टट्टी,पेशाब के ललए ले िाती हैं | और साफ़सफाई करके आधा घांटे खेल करिाती हैं | कफर दस
ू रे टाइम का भोिन सभी बच्चों को खखलाती हैं | उसके बाद पन
ु ः समय
सारणी एिां खेल गततविधध चाटा के अनुसार खेल करिाती हैं | उसके बाद सभी बच्चों को घर िाने के ललए तैयार करती हैं
| जिससे समय 4.30 बिे के बाद सभी माता-वपता अपने-अपने काम से लौटकर अपने- अपने बच्चों को ले िाते हैं |
पेिेंट्स मीदटंग :- फुलिारी केंद्र समुदाय की सहभाधगता के सार् सांचाललत की िाती है | इसललए बच्चों के माता-वपता
एिां गााँि के लोंगों की सहभाधगता बढ़ाने के ललए पैरेंट्स meeting ककया गया |मीदटांग का सञ्चालन कक एिेंडा कायाकताा
एिां फुलिारी सप
ु र िाईिर के चचाा के दौरान तनकरकर आयें मद्
ु दे पर की िाती है,जिससे बेहतर सञ्चालन की रणनीतत
बनाने में मदद लमलती है | मीदटांग आपसी बात-चीत की िाती है सभी बच्चों के बारें उनके पैरेंट्स से बात चीत की िाती
है,जिससे उनके विकास के बारें में या कोई समस्या हो तो समझने मदद लमलती है |िैसे - बच्चों स्िास््य के बारें में ,
बच्चों के ििन के बारें में , उनके व्यव्हार के बारें में या फुलिारी से सम्बांधधत अन्य सामजिक कारणों के बारें में जिससे
उस समस्या का हल भी स्र्ानीय स्तर पर करने के ललए प्रेररत की िाती है और सभी के सिासम्मतत से तनणाय ललया

िाता है | और कफर अगले meeting में समीक्षा भी की िाती है |

होम ववजजट :- फुलिारी में दिा बच्चे िो फुलिारी में लगातार नहीां आते हैं,िो बार-बार बीमार पड़ते हैं,जिनका ििन
नहीां बढ़ता है,ऐसे बच्चों के घर िाकर होम विजित ककया गया,जिसमे उनके माता- वपता का काउां सललांग ककया गया
,जिसमें उनके पाररिाररक जस्र्तत के बारें में आपसे बात-चीत की िाती है ,जिससे उनके िास्तविक जस्र्तत के बारें पता
चलता है ,बच्चों के रहन -सहन,खान-पीन के बारें में बात की िाती है , घर में ज्यादा समय ककसके पास रहता यह भी
िानकारी ली िाती है और फुलिारी भेिने के ललए प्रेररत ककया िाता है |
फुलवािी ववजजट :- फुलिारी सुपरिाइिर एिां फुलिारी समन्ियक द्िारा फुलिारी विजिट कर फुलिारी की तनगरानी
की िाती है | फुलिारी सञ्चालन से सम्बांधधत कायाकतााओां को ककसी भी प्रकार की समस्या होती है ,तो उसमे उनका
सपोटा ककया िाता है | अर्ाात, लसखाया िाता है | विजिट करने से िमीनी स्तर से िड़
ु े कायों की भौततक जस्र्तत की
िानकारी होती है,जिससे आगे का प्लातनांग बनाने और तुरांत समस्याओां का हल करने में मदद लमलती है |फुलिारी
सुपर िाईिर द्िारा महीनें में 4 बार और फुलिारी समन्ियक द्िारा महीनें में एक बार सभी फुलिाररयों का विजिट
ककया िाता है |

ANM ववजजट:- फुलिारी में ANM द्िारा बच्चो के स्िास््य िाांच कर दिाइयाां दी िाती है |

Anm विजिट कराने से बच्चों के स्िास््य की तनगरानी करने में मदद लमलती है ,जिससे समय-समय पर बच्चों का
स्िास््य सम्बांधधत िाांच होती रहती है,और िो भी बच्चा बीमार होता है या गांभीर बीमारी से पीड़ड़त है तो उसे अस्पताल
के ललए रे फर ककया िाता है ,और िाने के ललए भती कराने का पूरा सपोटा ककया िाता है | बच्चों का स्िास््य दे खभाल के
सार्-सार् फॉलो अप करना बहुत िरुरी होता है | जिससे बच्चों की जस्र्तत के बारें में लगातार िानकारी रखी िाती है |
वजन / ऊंचाई: - फुलिारी में बच्चो का प्रतत माह ििन और 02 माह में ऊांचाई ललया िाता है |

फुलिारी में बच्चों के िजृ ध्द तनगरानी के ललए सुपर िाईिर द्िारा ििन,ऊांचाई ललया िाता है और ग्रेड के माध्यम से
बच्चों विकास के स्तर को मापा िाता है | ििन,ऊांचाई के आधार पर बच्चों के विकास को दे खने के ललए तीन स्तर में
दे खा िाता है:- सामान्य स्तर , माध्यम स्तर , अतत गांभीर कुपोवषत स्तर | और इन तीनो स्तर को तीन रां ग के माध्यम
से बच्चों के माता-वपता को बताया िाता है,जिससे िे आसानी से समझ पाते हैं ,पैरेंट्स meeting में भी बच्चों के िजृ ध्ध

के बारें चचाा करते हैं | और उसके कारण और उपाय पर गहराई से चचाा की िाती है,और बच्चों के माता-वपता हर महीनें
ििन चाटा को आकर दे खते हैं | धीरे -धीरे उनके अन्दर समझ विकलसत हो रही है |
मामसक बैठक व प्रमशक्षण :- फुलिारी कायाकताा का माह में 1 ददिसीय प्रलशक्षण के माध्यम से फुलिारी सांचालन को

बेहत्तर बनाना लसखाया िाता है | यह उनके कायों का समीक्षात्मक बैठक सह प्रलशक्षण ककया िाता है ,और विजिट के
दौरान िहााँ भी कमिोररयाां दे खने को लमलता है,उस पर मीदटांग में चचाा की िाती है |
िहाां सीखाया भी िाता है | कोविड लॉक डाउन के दौरान सामाजिक दरू ी बनाकर फुलिारी सञ्चालन के सम्बन्ध में
बेहतर तरीके सञ्चालन करनें के तरीके लसखाये गए |
फुलवािी समन्वयक भ्रमण :- िमीनी स्तर पर काया कक गुणित्ता का आांकलन एिां टीम की समन्िय प्रकिया को मिबूत
करनें के ललए फुलिारी समन्ियक द्िारा फुलिारी विजिट ककया िाता है | विजिट के दौरान फुलिारी केन्द्रों में िो भी
ददक्कते होती है उन पर िहीीँ चचाा की िाती है |

सामद
ु ातयक प्रक्रक्रया :सामुदातयक प्रक्रक्रया के मलए समूह का गठन : - CHLP प्रोग्राम से सीखा र्ा कक सामुदातयक सशजक्तकरण के ललए हमें
सबसे पहले गााँि में िाकर लोगों के सार् बैठकर उनके समस्याओां को अहसास करना होगा कक उनके िरूरते क्या है
और उनकर निररये से सोंचना पड़ेगा | तभी हम समद
ु ाय में स्िास्र्य एिां पोषण पर लोगों को िागरूक कर पाएांगे

इसीलए समद
ु ाय से िड़
ु ाओ बनाने के ललए सभी गााँि मे एक समह
ू का गठन ककया गया जिसका उद्दे श गााँि के लोगों
की सहभधगता से लोगों के द्िारा ही छोटी-छोटी समस्याओां को स्ियां को समझे और उसके कारण को पहचानने की कल

को सीखे | बच्चों के स्िास्र् एिां पोषण के तनधाारक तत्ि को भी सामुदातयक बैठक के माध्यम से लोगों से बात चीत की
गयी,जिससे उन्हें भी पता हो,उसके ललए जिन गााँि फुलिारी केंद्र सांचाललत है उन गााँि में एक सलमतत बनायी गयी है ,िो
कक गाने के ही िागरूक सामाजिक कायों में रुधच रखने िाले स्िैजच्छक व्यजक्त(मदहला एिां पुरुष) ,आशा कायाकताा
,आांगनिाड़ी कयाकताा ,फुलिारी कायाकताा पांचायत िन प्रततनधध भी इस समूह में शालमल हो सकते हैं | इनका गठन
सामद
ु ातयक बैठक के माध्यम सामद
ु ाय की सहभाधगता से बनाया गया है ,जिसका उद्दे श्य स्िास््य एिां पोषण को
प्रभावित करने िाले कारको का समझ बनाने के ललए तैयार करना | कोविड महामारी के समय ककस प्रकार हम अपने
गााँि के लोगों को महामारी से बचाने के ललए िागरूक करें गे | पोषण के प्रतत िागरूक करें गे | पोषण यक्
ु त स्र्ानीय
फसलों को पुनः िैविक खेती विधध से खेती कराना | ग्राम आरोग्य केन्द्र के बारें में गााँि िालों को िागरूक करना ,एिां
प्रार्ालमक उपचार के ललए ग्राम आरोग्य केंद्र में दिाई उपलब्ध होना |
यह सभी उद्दे श्य स्िास््य एिां पोषण एक दस
ू रे से िुडा है ,अच्छे स्िास्र् के बबना पोषण नहीां हो सकता उसी प्रकार
पोषण के बबना कोई भी व्यजक्त पूणत
ा ः स्िस््य नहीां रह सकता |

पोषण कायणक्रम में कृवष के माध्यम से स्थानीय पोषण:- हमने CHLP प्रोग्राम के माध्यम से सीखा कक िब तक
रचनात्मक रणनीततयाां नहीां बनायेंगे तब तक ककसी भी समस्या को आसानी से ख़त्म नहीां कर सकते | इसीललये
ग्रामीण क्षेत्र में पोषण की समस्या को दरू करने के ललए पोषण यक्
ु त स्र्ानीय सजब्ियाां एिां फल,अनाि को भी अपने
फुलिारी कायािम के शालमल ककया है | इसके अांतगात फुलिारी कायाकत्ताा, बच्चो के पररिार, और अन्य ग्रामिासी को
स्र्ानीय बीि उपलब्ध कराया गया,जिससे फुलिारी कायाकताा अपने घर बाड़ी में लगाकर खुद हरे सजब्ियाां खती है और
फुलिारी खखचड़ी में लमलाकर बच्चों को भी खखलाती है | और बच्चों के माता-वपता अन्य ककसान भी अपने-अपने घर में
लगाते हैं |िो कक तनम्न ललखखत है :1. मशरूम लगाने का प्रमशक्षण औि सामग्री:- प्रतत व्यजक्त ½ ककलो के मसरूम का बीि ददया िाता है और
लगाने के ललए सहायक सामग्री उपलब्ध कराई गई है | िैसा की मशरूम की सब्िी पोषण से भरा होता है ,ज्यादा
मात्रा में प्रोटीन लमलता है ,और यह आसानी से हम अपने घर में उगा सकते है ,इसललये हमने गााँि में ककसान
2. सजजजयों के बीज ववतिण:- फुलिारी के बच्चो के माता-वपता को 40 ग्राम प्रतत व्यजक्त के दहसाब से बीि
(पलक,मेर्ी,लालभािी,) ददया गया |
3. माडिया की खेती:- यह एक स्र्ानीय भोिन है , िो कैजशशयम एिां अन्य कई तत्िों से युक्त होती है |माड़डया के
खेती गााँि के ककसानो को बीि दे कर उत्पादन कराया गया |
4. फुलवािी में क्रकचन बाड़ी- ककचन बाड़ी से उत्पाददत सजब्ियों को फुलिारी में बच्चो के भोिन में प्रयोग

ककया िाता है | जिससे बच्चों को पोषण यक्
ु त भोिन पयााप्त मात्रा में लमले और पोषण स्तर आसानी से सध
ु ार हो | हमें
लोगों को पोषण के प्रतत िागरूकता बढ़ाना है तर्ा उनमे यह िागरूकता स्र्ाई रूप से रहे इसके ललए स्र्ानीय स्तर के
हरे सजब्ियों,का ज्यादा मात्रा में खाने में शालमल करिाना होगा | उसके ललए प्रत्येक घर में ककचन बाड़ी बनाने के ललए
प्रेररत ककया िा रहा है |

कोववि महामािी लॉक िाउन कम्युतनटी क्रकचन -ग्राम-दोना(बेलहाई टोला)

सामद
ु ातयक क्रकचन के मलए सामद
ु ातयक बैठक ग्राम-दोना(बेलहाई टोला)
िन स्िास््य सहयोग द्िारा पुरपरािगढ़ स्िास््य एिां पोषण कायािम के तहत अनुपपुर जिला के पुरपरािगढ़ ब्लॉक के
आददिासी बाहुशय क्षेत्रों में वपछले दो िषों से कुल -75 ग्रामों में कुल 75 फुलिारी केंद्र सांचाललत हो रही है । जिसमें ग्राम पांचायत
लमट्ठू महुिा के ग्राम-दोना बेलहाइटोला भी शालमल है । िो कक मेन रोड से लगभग दरू ी -3 ककमी. पहाड़ड़यों में बसा हुआ है । िहााँ
तक िाने के ललए कच्चा रास्ता है । बरसात में आने-िाने में बहुत समस्या होती है । आांगनिाड़ी बहुत दरू है ,जिस कारण छोटे बच्चे
उम्र 0 िषा से 5 िषा तक के बच्चों को आांगनिाड़ी का लाभ नहीां लमल पा रहा है । यहााँ दो िषों से छोटे बच्चों (उम्र-06 माह से 03 िषा
तक)के ललए ग्राम बैठक के माध्यम से फुलिारी कायाकताा का चयन कर फुलिारी केंद्र सांचाललत ककया है । जिसमें बच्चों को सत्त,ू
आयरन लसरप,खखचड़ी,अांडा ददया िाता है । एिां अनेक खेल कक गततविधधयाां कराई िाती है । लगभग-14 बच्चे प्रततददन फुलिारी
आते हैं। लेककन अचानक (कोविड 19) कोरोना िायरस एिां लॉक डाउन के कारण िहााँ के लोगों पर काफी बरु ा प्रभाि पड़ा। खासकर
िो िध्
ृ द,विकलाांग,तनराधित एिां छोटे बच्चे घर में खाने के ललए राशन नहीां र्ा तो िांगल से कांदमूल,िांगली फल खाकर अपना
भूांख लमटाते र्े। िब िन स्िास््य सहयोग के साधर्यों गााँि का भ्रमण कर समस्या के बारें में समझा तो तुरांत उस गााँि में

सांचाललत फुलिारी केंद्र में िरूरत मांद लोगों के ललए खखचड़ी बनाना शुरू करिा ददया । जिसमें फुलिारी के बच्चों के अलािा 33
लोग खखचड़ी खाने प्रततददन आते र्े। लेककन फुलिारी केंद्र में पयााप्त िगह नहीां होने के कारण एिां बड़े बतान नहीां होने के कारण
काफी ददक्कत होती र्ी। जिस कारण टीम के साधर्यों ने इस समस्या से तनपटने के ललए आपस मे काफी विचार-विमषा के बाद
सामुदातयक ककचन (रसोईया )के बारें सोंचा। और बेलहाई टोला के लोगों से बैठक कर सामुदातयक ककचन के बारें चचाा की गयी।
जिसमें सभी लोगों ने बड़ी उत्सुकता से सुना और समझा। उसके बाद पूरे टोला के लोगों ने लमलकर आपस मे बैठक कर बात-चीत
ककए । कफर उन्होनें बैठक करने के ललए सांस्र्ा के साधर्यों को बुलाये,ठीक तनधााररत समय शाम 3 बिे बेलहाई टोला मे िाने से
दे खे कक पूरे गााँि के लोग एकबत्रत र्े। और उन्होने ककचन शेड भी बना ललए र्े। और बड़े बतान भी गााँि से ही एकबत्रत कर ललये र्े।
जिसमें सांस्र्ा के सार्ी –विनय विश्िकमाा ,अिमत ,भागित पतनका,और धनिांतरी पोते(एएनएम में टर)सम्मललत र्े। इसके बाद
परू े गााँि के लोगों से सामद
ु ातयक ककचन के बारें में चचाा की गयी। और इसमे बताया गया कक गााँि के ऐसे िरूरत मांद लोगों को
(िैसे-िद्
ृ ध,तनराधित,असहाय,विकलाांग,गभािती मदहला,)को प्रतत ददन दो टाइम भोिन खखलाया िाएगा। जिसमें
चािल,दाल,सजब्ियााँ खखलाई िाएगी। और गााँि के लोगों द्िारा ही बारी-बारी से खाना बनाकर खखलाएाँगे। और ईंधन के ललए सभी
अपने-अपने घर से एक –एक लकड़ी लेकर आएांगे, जिससे खाना बनाएाँगे। जिसमें ककशोररयााँ भी शालमल रहें गी। बैठक के दौरान ही
सामुदातयक ककचन में खाने के ललए कुल-43 (िध्
ृ द-24, तनराधित-10,विकलाांग-02,गभािती मदहलाएाँ-04,आांगनिाड़ी के बच्चे)िरूरत मांद लोगों ने अपना-अपना नाम दिा करिाया। एिां बैठक के ददन ही खाना बनाना शुरू कर ददये। और अभी ितामान समय
में 41 लोग खाना खा रहे हैं। जिससे गााँि के लोग काफी खश
ु हैं।

सामुदातयक क्रकचन ग्राम-दोना (बेलहाई टोला)में जन स्वास््य सहयोग टीम के सार्थयों द्वािा खाना पिोसते हुये।

4. सामदु ातयक स्वास््य कािणवाई का प्रभाव (Impact of the community health action) :गुणात्मक प्रभाव :● बच्चों के माता- वपता के पास खेती-बाड़ी,मिदरू ी करने के ललए पयााप्त समय लमल पा रहा है ,जिससे उनके
पररिार की आमदनी में बढ़ोत्तरी हुई है |

● िो बच्चे बार -बार बीमार होते र्े और उनका इलाज़ समय पर नहीां होने के कारण कमिोर हो रहे र्े उसमे
रुकािट हुई है और फुलिारी के माध्यम से समय पर बच्चों का इलाज़ होने के कारण उनका स्िास्र् अच्छा
रहता है और उनके पोषण स्तर में भी सुधार हुआ है |

● सबही बच्चे एक सार् खेलने खाने रहने के ििह से उनके मानलसक विकास में िजृ ध्द हुई है ,फुलिरी के बच्चे
काफी चांचल हैं |

● पैरेंट्स मीदटांग के माध्यम से बच्चों के माता-वपता एिां गााँि के लोगोने में पोषण को लेकर िागरुकता बढ़ी है |
जिससे स्र्ानीय पोषण युक्त फसलों का उत्पादन करना शुरू कर ददए हैं |
● कोविड के दौरान भी अपने बच्चों के ललए फुलिारी से पोषण आहार लेकर िाते र्े | जिससे पता चलता है कक
अपने बच्चों के प्रतत पोषण को लेकर िागरूकता बढ़ी है |
● ककसानो द्िारा माड़डया का खेती करना शुरू कर ददया है |
● ककसानो एिां फुलिारी कायाकताा द्िारा मशरूम लगाने के ललए प्रततिषा बीि का माांग बढ़ते िा रहा है |
संख्यात्मक प्रभाव :● बच्चों का वजन,उं चाई के अनुसाि फुलवािी से लाभाजन्वत बच्चों का ववविण ग्रेिवाि :िषा -निम्बर 2021 से िनिरी 2022 तक कायािम का प्रभाि डाटा के अनुसार इस प्रकार है :-

संकुल

नवम्बि-2021

फुलवा
िी

जनविी-2022

ग्रेि 1

ग्रेि 2

ग्रेि 3

योग्य

ग्रेि 1

ग्रेि 2

ग्रेि 3

योग्य

खमिौध

10

117

57

36

210

105

74

31

210

पड्मतनया

13

127

65

29

221

113

75

33

221

कोिाि

13

79

51

37

167

63

76

28

167

कुल

36

323

173

102

598

279

225

92

598

5. सामुदातयक स्वास््य कािणवाई से सीखना (Learning from the Community Health Action) :● सोचारा सांस्र्ा द्िारा सांचाललत CHLP प्रोग्राम के माध्यम से सामुदातयक स्िास््य कायािाई से सामुदातयक
स्िास््य एिां पोषण की िमीनी जस्र्ततयों के बारें में गहराई से सीखने को लमला | सामद
ु ाय में पोषण को
प्रभावित करने िाले अलग-अलग कारको िैसे सामजिक,आधर्ाक,रािनीततक,साांस्कृततक,पाररजस्र्ततक कारणों
को समझने एिां विश्लेषण करने में मदद लमली है |

● सामद
ु ाय में रहने िाले लोगों का मानलसक स्िस््य पर प्रभाि पड़ने के अलग-अलग कारणों के बारें में गहरे
समझ विकलसत हुआ है |
● समुदाय में बच्चों के माता-वपता के कौंसललांग कैसे करना है ? ये भी CHLP प्रोग्राम से सीखने को लमला है |
जिससे बच्चों के माता-वपता के घर दौरा के दौरान उनसे बात कैसे करना है,और उनकी समस्याओां को कैसे
महसस
ू करना है,ये बेहतर तरीके से कर सकता हूाँ |
● CHLP प्रोग्राम के माध्यम से सामुदातयक कायािाई में िमीनी स्तर में समस्याओां को व्यापक दृजरटकोण से
समझ सकता हूाँ |

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