Sayed Toseef - Final report.pdf

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2014-2015
2015
Community
ommunity Health Learning Programme
Program
A Report on the Community Health Learning
Experience

Syed Toseef Husain
Husai

COMPANY

555-543-5432
5432
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SOPHEA

My Journey of Learning

Syed Toseef Husain
CHLP2014-15

1

Contents
Acknowlegdement ...................................................................................ii
Something about me and why I joined CHLP...................................... 1
My learnings from Collective Sessions .................................................. 4
Learning from Field Visits ................................................................... 12
5th National Bio-ethics Conference ...................................................... 16
My Learnings from Field Work........................................................... 18
About the Organisation ........................................................................ 20
My Field Experiences ............................................................................ 23
Research Project .................................................................................... 29

i

Acknowlegdement
Community Health Learning Program[CHLP] के अंतर्गत में ने एक वर्षीय
फेलोशिप में बहुत कुछ सीखा | इसके शलए आभारी हूँ में डॉ.रवव और थेलमा
नारायण का जिन्होंने न शसर्ग इस कायगक्रम में चन
ु ा बजकक हर समय मार्गदिगन भी
ककयाऔर होसलाअफिाई भी की | में आभार मानता हूँ मोहम्मद सर का जिस
स्नेहिीलता से हर समय हमे ज्ञान ददया हमे शिक्षा दी |में आभार व्यक्त करता हूँ,
चंदर, प्रसन्ना, आददथ्या, कुमार, साब, राहुल, प्रहलाद, दीपक, िानी जिन्होंने बहुत
महनत और ईमानदारी मह
ु ब्बत से पढ़ाया और वों बताया जिन्हें हम नही िानते थे
|इसके अलावा वों लोर् जिन्होंने हमारी वविेर्ष सत्र शलए िैसे डॉ.रवव डीसोज़ा, सेम
िोसफ, कृष्णा, अमीर, िीला, डॉ.शिडी प्रसाद, डॉ.मोहन प्रकाि, डॉ.अमर िेसानी,
डॉ. मोहन, डॉ.दीपक सर्रम, मर्ी, कक्रजस्चअना, मेथ्य,ु प्रेमदास आदद नए हमारे
ज्ञान में बढ़ोतरी की हमारा मनोबल भी बढ़ाया |इसके साथ में उन सहायकों का भी
आभार मानर्
ं ा िो हमेिा हमारा सहयोर् करते रहे मेरा मतलब उन लोर्ो से िो
हमे कुछ पढ़ाते तो नही थे पर शसखाते बहुत थे ककककस तरह सेवा भाव से काम
ककया िाता है ,वो ववक्टर सर,नवीन,माररया,मेथ्य,ु हरी, स्वामी,िोसर्,तुलसी,अम्मा,
दीदी आदद लोर्ों का में ह्रदय से आभारी हूँ | अर्र ककसी र्लती से ककसी का नाम
भल र्या हूँ तो मार् करना | में अपने आपको बहुत भाग्यिाली मानता हूँ िो
मझ
ु े

इस

फेकलोशिप

में

ii

चन
ु ा

र्या

|

Something about me and why I joined CHLP
इससे पहले की में बताऊूँ मै क्यों फेकलोशिप में िाशमल हुआ अपना कुछ अतीत
बताना चाहूँर्ा िो इसका बड़ा कारण बना | मेरी बचपन से सोचने ववचारने

की

आदत रही है,यही कारण है कक मैने १०वीं कक्षा के बाद पढाई छोड़ दी थी |
क्योंकक पढाई का उद्देश्य नोकरी और व्यवसाय से िोड़ते थे| में अपने आस पास
ऐसे कइ लोर्ों को दे खता था िो पढ़े शलखे न थे पर उनका व्यवसाय बहुत अच्छा
था नोकरी वालों से | में सोचता था िब एक ददन मरना हे तो इस िीवन के बारे
में इतना क्यों सोचें | िीवन के शलए थोडा बहुत सामान ज़रूरी बस र्ज़
ु र
िायेर्ा,लेककन मेरे साथ समस्या ये थी कक में कोई काम [हुनर] नही सीख पा रहा
था

मैने

इस

बीच

बहुत

काम

ककये

िैसे

पें दटंर्,बाइंडडंर्,मारुती,ककराने

की

दक
ु ान,फल,सब्ज़ी,कोररअर तब ही मेरे मन में पढाई का भी िोक़ उठ रहा था
क्योंकक अब में पढाई का मकय समझने लर्ा था लेककन समस्या यही थी इस उम्र
में पढाई केसे करूंर्ा और पैसे भी नही थे.. तभी एक दोस्त से कहा, (वों अक्सर
कहता था कक तम
ु इतना अच्छा पढ़ते थे क्यों छोड़ दी थी पढाई) सोचता हूँ 12वीं
कर लूँ , उसने कहा ये तो बहुत अच्छी बात है , मैने कहा पर पैसे नहीं हैं..वों मझ

से तीन साल छोटा था और मालदार भी नही था लेककन उसने कहा ककतने पैसे
चादहए उस समय १२००रु फीस थी उसने १०००रु ददए इस तरह मैने 12 वीं की |
स्कल में पढ़ाया और केसे स्नातक,बीएड,स्नातकोत्तर,ककया बयान करना मजु श्कल
है | इन कामों के दो बार भोपाल िाकर रहना पड़ा | िहाूँ मैने बहुत कुछ िाना
जिन्दर्ी के बारे में! उस काल में भी िब काम करता था,कुछ न कुछ अध्ययन
करता रहता था|धमों के प्रतत रूचच िरू
ु से ही थी इनकी उत्पजत्त,इनका संदेि यही
कारण है कक मेरे अचधकतर शमत्र मझ
ु से इस बारे में पछ
ु ा करते थे न शसर्ग इस्लाम
बजकक दहन्द धमग के और बाद में इसाइयत (कक्रस्टचयन) के बारे में भी | मझ
ु े
ख़ुिी होती िब में उनको बताता था | में हर समय इस बात को लेकर चचंततत
1

रहता था कक एक तरफ र्रीबी बढ़ रही है तो दसरी तरफ बबमाररयां बढ़ रही हैं
केसे इस समस्या का हल

ढूँ ढें | समाि सेवा में िरू
ु से करता था लेककन इसके

इस रूप से अनिान था जिसे हम स्माटग के नाम से िानते हैं | सय्यदअली(mp
fellow) ने 2008 में अकपसंख्यक छात्रव्रती के बारे में बताया तो में ये सोच कर
परे िान था कक में केसे लोर्ों को बताऊंर्ा बजकक उससे ज्यादा ये चीज़ उलझन
बड़ा रही थी कक में शिक्षा ववभार् और आददमिातत ककयाण ववभार् में केसे बात
करूंर्ा क्योंकक उस वक्त तक में अज्ञानी और िशमगला लड़का था| मेरी समझ के
अनस
ु ार, लेककन मैने काम िरू
ु ककया लोर्ों से बात की उन्हें समझाया कक ये आप
लोर्ों के शलए है इसे अपना अचधकार समझ के लें कुछ लोर्ों ने बात मानी|
लेककन अर्ले साल तो नक्िा ही बदल र्या लोर् दर दर से पछते हुए चले आ रहे
थे,उस वक्त जिस स्कल में पढ़ा रहा था उसका संचालक तो अचजम्भत था कक एक
कम पढ़े शलखे लड़के से लोर् सर,सर कर रहें हैंउनको स्कल में प्रवेि की आिाएं
िर् रहीं थीं | उसी साल में भोपाल आकर एक ngo में office secretaryिॉब
करने लर्ा और मेरा स्नातक भी चलता रहा | सय्यद अली भाई का सहयोर् नही
भल सकता जिनकी विह से में भोपाल में ये कायग ककया| कफर मेरे एक और दोस्त
िो इसी समय दोस्त बने थे नरुलइस्लाम ने मझ
ु से कहा M.S.W.करते हैं मैने
कहा ये क्या होता है बोले समाि सेवा में स्नातकोत्तर मैने हाूँ कह ददया लेककन
उस में हुआ नही बताया र्या कक आयु अचधक है लेककन मेरे दोस्त ने बताया वो
ररश्वत लेने के चक्कर में नही हुआ क्योंकक तम्
ु हारी उम्र के और भी लड़के थे कफर
मैने M.A. अरबबक में प्रवेि शलया | एक वर्षग के बाद नरु
ु लइस्लाम ने कहा बीएड
करते है मैने कहा अभी तो एक साल बाक़ी है M.A. में ,बोले िब तक प्रवेि होर्ा
M.A. परा हो िाएर्ा| दोनों ने प्रवेि परीक्षा दी मे पास हो र्या वो रह र्ए| मैने
H.O.D.से बात की उन्होंने बीएड की राय दी | बीएड में बहुत कुछ सीखा बजकक
िो कुछ बचपन में सीखना चादहए था वो भी बीएड में ही सीखा | बीएड के बाद
2

मेरे अंदर समाि के प्रतत जिम्मेदारी का भाव और बढ़ र्या | इसी बीच मेरी
मल
ु ाकातमेरे शमत्र िन
ु ेद भाई से हुई िो उस समय रािस्थान में होने की विह
नही शमल पा रहे थे उन्होंने हाल चाल पछा और बताया की फेकलोशिप करोर्े मैने
पछा केसे क्या करना है ? स्वास्थ्य में है सीखने को बहुत शमलेर्ा,ये सन
ु कर में
तय्यार हो र्या ये िाने बर्ेर कक उसका फायदा क्या होर्ा उन्होंने इसके साथ ये
भी कहा अंग्रेिी में होर्ी में ये सन
ु कर फीका मन हो र्या लेककन मैने उनको
िवाब दे ददया अभी टाइम है में सीख लूँ र्ा उन्होने सय्यद अली का कहा उनसे
पछ लेना क्या करना है क्योंकक वो भी MP भोपाल के फेकलो रहें हैं| इस बात को
तीन माह र्ज़
ु र र्ये | मैने कम्पयट
ु र सेण्टर चलाने का प्लान ककया साथ ही एक
संस्था पंिीयकरण करने का| मे वविेर्ष धन्यवाद दे ना चाहूँर्ा िन
ु ेद भाई और
सय्यद अली भाई को इसमें लाने के सहयोर्ी बने |में अपने घर वालों को भी
धन्यवाद दं र्ा जिन्होंने इस आयु में ज्ञान अजिगत करने के शलए आज़ादी व अवसर
ददया, मझ
ु े प्रोत्सादहत ककया |

3

My learnings from Collective Sessions
मैने इस एक वर्षीय कायगक्रम में बहुत कुछ सीखा और समझा है अब दे खना ये है
कक वो शलखने में ककतना आ पाता है इसकी कोशिि कर रहा हूँ |
मैने यहाूँ आकर स्वास्थ का ववस्त्रत अथग समझा क्योंकक इससे पहले इसका अथग
हम बीमार न होने को समझते थे लेककन स्वास्थ का अथग िारीररक मानशसक,
सामाजिक, अध्याजत्मक तोर पर सख
ु द आभास करना है अब खुद अंदाज़ा लर्
िाता है कक हमारा स्वास्थ का अथग ककतना संकीणग था|

समद
ु ाय की समझ (Community Understanding):साक्षात्कार में समद
ु ाय के बारे में पछ
ु ा र्या था तब मैने अपने ज्ञानस
ु ार बताया था
लेककन िब मै CHLPमें आया तो पता चला कक समद
ु ाय िब्द भीअपने अंदर बहुत
व्यापकता रखता है | समद
ु ाय का अंग्रेिी िब्द यनानी भार्षा आया है िो दो िब्दों
का शमश्रण है com और munis जिस का अथग साथ में काम करना,सेवा करना है
| इससे एक बात तो साफ है कक समद
ु ाय के िब्द में एकता और सामदहकता नज़र
आती है! लेककन शसर्ग ये िन लेने से आपकी समद
ु ाय की समझ नही हो
िाएर्ी,वविेर्ष तोर पर िब आपको समद
ु ाय में काम करना हो,उसके ववकास के
शलए! तब हमे समद
ु ाय को ववस्तार से समझना होर्ा| इसको समझाने में हमारी
मदद की “सेम िोसर्” ने उन्होंने बताया कक समद
ु ाय एक होते हुए भी उसके
सदस्य एक नही होते,इसशलए समद
ु ाय बनाना पड़ता है उन्होंने समझाने के शलए
एक उदाहरण ददया E का,ये चारो और से अलर् अलर् निर आती है इस प्रकार
लोर् अपने अपने द्रजष्टकोण से हर चीज़ दे खते हैं ये ककसी हद तक स्वाभाववक भी
है | कफर उन्होंने बताया समद
ु ाय को बनाना पड़ता है | उन्होंने िब्द समद
ु ाय को
ववभाजित करके (सम-उदय) का (sum-rise) एकसा तनकलना,कुछ एक िैसा
तनकलना, एक बबंद ु पर िमा करना,एक लक्ष्य को हाशसल करना |समद
ु ाय की
4

समस्याओं को िानना उनके दृजष्टकोण से और उनके साथ सहभार्ी बन कर
उनका उपाय तनकलना | इस प्रकार हमारी समदाय के प्रतत समझ बनी |

स्वास््य के सामाजिक निर्ाारक (Social Determinants of Health):िो मैने एक महत्वपणग चीि समझा वो थे स्वास्थ्य के सामाजिक तनधागरक इससे
मैने समझा िब तक हम इनको नही समझेंर्े स्वास्थ्य के मद्द
ु ों को हल नही कर
सकते! यही कारण है कक िब तक सामाजिक,रािनेततकआचथगक,सांस्क्रततक,पयागवरण
को हमने स्वास्थ्य से नही िोड़ा था तो हमारे शलए स्वास्थ्य पर काम करना बहुत
मजु श्कल नज़र में आ रहा था | और इन तनधागरकों को ध्यान में रखा िाये तो
स्वास्थ एक सपना बन कर रह िाएर्ा | इन सब तनधागरकों को ध्यान में रखकर
स्वास्थ्य की तनतत बनना चादहए ये हमने यहाूँ सीखा | रवव सर इसकी शमसाल भी
संद
ु र दे ते थे कक एक नल से पानी कफक रहा है तो हमे पहले नल बंद करना पड़ेर्ा
कफर हम फिग साफ करें र्े नही तो हम फिग साफ करते रहें र्े पानी आता रहे र्ा |
यही हो रहा है जिसे हम खानापततग कहते हैं ! एक अन्य उदाहरण एक पानी की
टं की है जिसमे तल की तरफ नल लर्ा है और दसरा उपर मंह
ु की तरफ एक और
अमीर उच्च िातत के लोर् पानी ले रहे है दसरी और र्रीब और वंचचत लोर्,आप
बताइए पानी ककसे शमलेर्ा? ये हमारे समाि में समानता के नाम पर हो रहा है |

संक्रामक

और

असंक्रामक

Communicable Disease):-

रोग

(Communicable

and

Non-

संक्रामक रोर् से तात्पयग एसे रोर्ों से है िो एक िीव से दस
ु रे िीव में (मनष्ु य या
पि)ु फैलते हैं संक्रामक कहलाते हैं उनको फेलाने का काम अततसक्ष्म िीवाणु करते
है |इनमे प्रमख
मलेररया, टीबी (क्षयरोर्) डायररया (उकटीदस्त), एच.आई.वी.एड्स,

हे ि, खसरा, चेचक, डेंर्, पोशलयो, चचकन–र्ुतनया आदद | ये रोर् अक्सर र्रीबों को

5

होते है क्योंकक उनका रहन सहन एसा होता िो कारण होता है लेककन रहन-सहन
का उत्तरदायी कौन है कैसे बताएं?
असंक्रामक रोर् से तात्पयग िो एक व्यजक्त सेदस
ु रे व्यजक्त में नही फेलता
असंक्रामक

रोर्

कहलाते

है

इनमे

कैंसर,मधम
ु ेह,रक्तचाप,ह्रदयरोर्

चमगरोर्

|

मानशसक रोर् भी असंक्रामक रोर् होते हैं |

चिककत्सा बहुलवाद (Medical Pluralism):चचककत्सा बहुलवाद से तात्पयग वो पविततयां जिनके द्वारा शभन्न शभन्न प्रकार से
रोर्ों का उपचार ककया िाता है,शभन्न शभन्न दवाओं का उपयोर् ककया िाता है |
इनके नाम तनम्नशलखखत है !
1-आयव
ु ेद
2-योर् एवं प्राक्रततक पवितत
3-यनानी
4-शसध्दा
5-होम्योपैथी
इसके अततररक्त बहुत से एसे तरीके हैं जिन्हें हम घरे ल नस्
ु खे और परु खों से शलया
ज्ञान कह सकते हैं | सरकार ने आयर्ष
ु को तो प्रमाखणत ककया दस
ु रे पारम्पररक
उपचार करने वालों को नही ककया ना ही उनके प्रशिक्षण का प्रबंध ककया | यदद
एसा होता तो हमारी िो अचधकतर िनसंख्या र्ावों में तनवास करती है उन्हें बहुत
लाभ होता |

एपिडीममओलोजि (Epidemiology):6

एवपडीशमओलोजि से तात्पयग एसे अध्ययन से है जिसमे रोर्ों को बाूँटकर और उनके
तनधागरकों को अथागत अलर् अलर् करके दे खा िाता है! और स्वास्थ्य की घटनाओं
में िनसमह के शलए ककये िाने पररक्षण िो उनके स्वास्थ्य को प्रोन्नत करते हों
सजम्मशलत

है | इस अध्यन स्वास्थ्य की बड़ी समस्याएूँ हल हुईं हैं इसके वविेर्षज्ञों

का होना बहुत आवश्यक है वविेर्ष तोर पर हमारे समाि में िहाूँ अत्यंत र्रीब लोर्
बड़ी संख्या में रहते हैं| इस अध्यन से सामाजिक अवलोकन कर समाि को अवर्त
कराया िाता है |

स्वास््य संकेत (Health Indicator):ककसी भी क्षेत्र में स्वास्थ्य जस्तचथ िानने के ककये र्ये सवे से िो िनकारी
तनकलकर आती है उन्हें स्वास्थ्य संकेत कहा िाता है | इनसे स्वास्थ्य सध
ु ार कायग
करने में आसानी होती है | अत: ककसी भी क्षेत्र (ग्राम व बस्ती ) में स्वास्थ्य
संकेत बहुत महत्व रखते हैं |
1-िन्मदर

2- म्रत्यद
ु र

3-ववकासदर

4- शििु म्रत्यद
ु र

5-माता म्रत्यद
ु र

6- बाल म्रत्यद
ु र

7-शलंर्ानप
ु ात
इत्यादद संकेत ही स्वास्थ्य संकेत कहलाते हैं |

सामूदानयक स्वास्थ के स्तम्भ (Axiom of Community Health):हर व्यजक्त ककसी भी प्रकार के काम करने से पहले उसके आधार व स्तम्भ िान
ले तो अच्छा है! अत:वविेर्षग्य बताते हैं सामदातयक स्वास्थ्य के भी 10 स्तम्भ हैं
िो तनम्न शलखखत हैं :1- कतगव्य व अचधकार
7

2- स्वाय:त्ता
3- ववकास कायग में ईमानदारी
4- ववकेंद्रीकरण
5- समता एवं सिजक्तकरण सामाजिक टकराव से ऊपर उठकर
6- समद
ु ाय में समझ बनाना
7- िीव-चचककत्सा(bio medical) का माडल पेि करना
8- चचककत्सा एवं स्वास्थ्य का उच्चतम माडल पेि करना
9- नया दिगन स्वास्थ्य व स्वास्थ्य सवु वधा का न की व्यवसाय का
10- एसी व्यवस्था बनाना जिससे सबके शलए स्वास्थ्य का सपना सच हो |
हम इससे अच्छी तरह सामदातयक स्वास्थ्य के काम कर सकते हैं | इनको िाने
बबना स्वास्थ्य का सपना साकार नही ककया िा सकता | सबके शलए स्वास्थ्य के
लक्ष्य अजिगत करना ही है |

स्वास््य व्यवस्था (Health System):स्वास्थ्य एक एसा ववर्षय है िो अपनी मकय और उपयोचर्ता दोनों ही रूप में
आवश्यक है इसको प्राप्त करने के शलए बहुत अचधक प्रयास व प्रयत्न की िरूरत
होती है इसमें िहाूँ एक तरफ मानव संसाधनो की आवश्यकता होती हैं वहीं पदाथों
एवं

उपकरणों

की

भी

आवश्यकता

पडती

है

स्वास्थ्यव्यवस्था

में

सावगितनक,तनिी,पारम्पररक,ओपचाररक सेवा, संसाधन, ववत्त,न्रेतत्व सभी के प्रकार
अवयव ववघमान होते हैं |

स्वास््य-अचर्कार (Health Right):स्वास्थ्य का अचधकार से र्हरा सम्बन्ध है क्योंकक स्वास्थ्य ही िीवन

बचाता है

और िीवन मानव का िन्मशसि अचधकार है | िब अचधकार की बात होती वहाूँ
8

मनष्ु य की ककसी मल आवश्यकता को ही ध्यान में रखा िाता है | इस प्रकार हम
कह सकते हैं की स्वास्थ्य मनष्ु य की एक मख्
ु य आवश्यकता होने के कारण
अचधकार भी होना चादहए | और ये कोशिि िारी है कक स्वास्थ मल अचधकारों में
मान्य होना चादहए |

मािमसक स्वास््य (Mental Health):मानशसक स्वास्थ्य से तात्पयग एसे रोर् हैं जिनका सम्बन्ध मन से है अथागत
मनष्ु य में िो भावना,चेतना,ववचार,वववेक,व्यवहार इनमें िब असंतुलन पाया िाता
तो उसे हम मानशसक रोर् कहते हैं | अत: इसके

ज्ञान को मनोववज्ञान कहा िाता

है | इससे आि ववश्व का हर दे ि िझ रहा है एक ररपोटग के अनस
ु ार हर दसवां
भारतीय

और

हर

चोथा

अमेररकी

इस

रोर्

से

पीडड़त

हैं

|

इस

में

दजु श्चन्ता,तनाव,अवसाद अनावश्यक बोलना,चप
ु चाप रहना,र्ुस्सा करना, झर्ड़ा
करना(अकारण)अपने आपसे बात करना,ककसी को (अद्रश्य) दे खना और भी तरह के
अशभलक्षण पाए िाते हैं |

मािसि
ू गेम (Monsoon Game ):मानसन र्ेम के द्वारा हमे बोहुत ही सरलता से र्रीब ककसानो की जस्तचथ से
अवर्त कराया | इस र्ेम में हमे चार समह में बांटा र्या और हमको कुछ 1 से
5 एकड़ िमीं दी और कुछ फसलों के नाम बताये! ये भी बताया कक मानसन की
जस्तचथ प्रततवर्षग केसी रहे र्ी | अब जिन ककसानो के पास ज़मीन कम उनकी आमद
कम! ऊपर से मानसन अच्छा न हो तो और मस
ु ीबत! बीि भी कुछ एसे होते हैं
अर्र बाज़ार में अच्छी कीमत पर फसल बबकती है तो पानी भी ज्यादा चादहए और
कीड़ा लर्ने का खतरा भी ज्यादा िैसे ‘मर्
ं फली’ और िो फसल पानी कम कीड़ा
लर्ने का डर कम रहता है उसमे आमदनी कम होती है िैसे ‘रार्ी’ कफर ककसानो
का वावर्षगक खचग वववाह,बीमारी ककसान को कज़ग लेने में फंस िाता है इससे उस
9

ककसान की जस्तचथ ददन ब ददन दयनीय होती िाती है तो इस प्रकार इस र्ेम ने
ककसानो की भावनाओं को समझने का अवसर ददया |

स्वास््य िीनत (Health Policy):संयक्
ु त राष्र संघ के अनस
ु ार राष्रीय स्वास्थ्य नीतत से तात्पयग वो उद्देश्य है
जिसमे दे ि का स्वास्थ्य स्तर सध
ु ारने व्याख्या की र्ई हो | और प्राथशमक उन
समस्याओं को दी र्ई हो िो र्म्भीर हैं |
हमारे दे ि की दो राष्रीय नीतत हैं : राष्रीय स्वास्थ्यनीतत 1983 और 2002
 राष्रीय िनसंख्या नीतत

2002

स्वास्थ्य के लक्ष्य को पाने के शलए एक अच्छी नीतत का बनना आवश्यक है नीतत
अच्छी होर्ी तो कायगक्रम अच्छे

होंर्े ! अच्छी नीतत के शलए समस्याओं

की,आवश्यकताओं की, िमीनी स्तर पर िानकारी होना ज़रूरी है ! और सभी
तनधागरकों को ध्यान में रखकर नीतत बनाने का कायग करना चादहए | इसमें िहाूँ
वविेर्षज्ञों की राय हो वहाूँ आम लोर्ों से भी पछ
ु ा िाना चादहए कक उनकी समस्या
क्या हैं और उनका केसे तनकला िा सकता है इससे जस्तचथ भी सामने आ िाती है
| कुछ र अनमोल ज्ञान िो इस एक वर्षीय कायगक्रम में सीखा संक्षेप में शलख रहे हैं
|

पवनियोिि तकिीक (Appropriate Technology):इस तकनीक से तात्पयग ये है कक समद
ु ाय की मान्यताओं,िरूरतों,और सामथग को
ध्यान में रखकर समद
ु ाय में कायग करना चादहए |

10

िव
ू ना िवारण व प्रोत्साहि (Prevention and Promotion):इससे तात्पयग यह कक रोर् होने से पहले िो उपाय ककये िाएूँ जिससे रोर् िन्मे ही
नही उन्हें हम पवगतनवारण कहते हैं | इसका स्वास्थ्य क्षेत्र में बहुत महत्व है इससे
हमारे बहुत से संसाधन बच िाएूँर्े और प्रोत्साहन का कायग भी साथ साथ करना है
स्वस्थ रहने की िानकारी दे कर प्रोत्सादहत करना पड़ेर्ा इससे स्वास्थ्य क्षेत्र बहुत
सफलता शमलेर्ी वविेर्षत: सामदातयक स्वास्थ्य में | इससे उपचार और रोचर्यों की
संख्या में कमी आयेर्ी तथा

दस
ु रे रोचर्यों का उपचार अच्छा होर्ा |

11

Learning from Field Visits
मैने कलेजक्टव सेिन के समय कुछ फीकड (भ्रमण) के अनभ
ु व शलए कुछ संस्थाओं
में और कुछ प्रदिगनों में िो बहुत ही लाभप्रद और ज्ञानवधगक रहे | इसमें मैने िो
िाना उसका वणगन आर्े कर रहा हूँ |

स्िेह्दाि:ये संस्था 14 िुलाई 1997 को स्थावपत हुई | िो एच आई वी/एड्स पीडडतो के
उपचार और पन
ु वागस के शलए कायग कर रही है । न पीडड़तों के शलए उनके पररवारके
व्यवहार, लोर्ों का व्यवहार िो लोर्ों के मन में इन लोर्ो (पीडड़तों) के प्रतत र्लत
धारणा है उसे भी दर करना। संस्था ये कायग भी उच्चतम ढं र् से कायग कर रही है
| इस संस्था में िाकर हमने एच आई वी/एड्स को िाना वह ककस प्रकार फेलता है
और कैसे नही फेलता ये िाना | इसके बचाव के क्या तरीके हैं ये िाना यहाूँ िाने
से पहलेएड्स को एक रोर् िानते थे बस लेककन ककस प्रकार होता है िरीर को
कैसे प्रभाववत करता है ककतना इलाि के योग्य है ये िाना | लोर् इस रोर् को
ककस दृजष्टकोण से दे खते हैं और उनके अंदर कैसे बदलाव लाया िा सकता है |
हम स्वयं िाकर रोचर्यों से शमले उनसे बात की उनमे िीने की चाह दे खी,आिा
दे खी ये स्नेह्दान का कररश्मा है | उनमे छोटे छोटे बच्चे भी हैं िो मा बाप के
रोर्ग्रस्त होने के कारण िन्म ही से रोर्ी बन र्ये | इसशलए स्नेह्दान के कायग को
सराहना करनी होर्ी |स्नेह्दान NACO, KSAPS and KHPT की सह्भाचर्ता से
कायग कर रही है |

ए.िी.डी. (Association of People with Disablity):ये संस्था 1959 में अजस्तत्व में आई | इसका मख्
ु य उद्देश्य समाि में अपंर् और
ववकलांर् लोर्ों को न्याय व समता ददलाना था इसी उद्देश्य को आर्े लेकर बढ़ रही

12

है ये एक सराहनीय कायग कहा िाएर्ा जिस दे ि में 7 करोड़ लोर् ववकलांर् हैं यहाूँ
इनको सिक्त बनाया िा रहा है | उनको आत्मतनभगर बनाया िा रहा है अथागत इन
लोर्ों (ववकलांर्) को शिक्षा और कोिल प्रशिक्षक्षत ककया िा रहा है | इस संस्था ने
बहुत पररश्रम ककया जिसकी विह से आि कई जिलों में इसकी िाखाएूँ हैं| इससे
लर्भर् 28 हिार अपंर् लोर् लाभ ले रहे हैं | अत्यंत अचजम्भत करने बात ये है
इसकी संस्थापक एक र्म्भीर रूप से ववकलांर् थी वो आि 87 वर्षग की हैं
कायगिील हैं |

ऍफ़.आर.एल.एि.टी (Foundation for Revitalization of Local Health
Traditions):ये संस्था बीस वर्षग से कम में भी आि ऊंचाई के उस शिखर पर पहुंची जिसकी
शमसाल बहुत कम दे खने में आती है इस संस्था का शमिन भारत की र्ोरविाली
पारम्पररक और्षचध व उपचार िो इस दे ि में सददयों से चला आ रहा है | शसर्ग
अनस
ु न्धान करके उसे वैज्ञातनक दृजष्टकोण से समझाने की आवश्यकता है | इस
कायग को ये संस्था बहुत अच्छे से कर रही है | इसका मख्
ु य कायगक्रम ये हैं : प्राक्रततकऔर्षचधसंसाधनकोसंरक्षक्षतकरना
 वंिानर्
ु त वेदों की पध्दतत को पन
ु िीववत करना
 परम्परार्त और वैज्ञातनक पध्दतत के बीच सेतु बनाना
 सच
ु ना-तकनीक और पारम्पररक ज्ञान दे ना

 प्राकततक संसाधनो का वैज्ञातनक उपयोर्
इस तरह हम िानते हैं पहले लोर् दवाइयों का इस्तेमाल बहुत कम करते थे
क्योंकक उनके घर के आसपास ही कइ दवाइयां शमल िाती थीं िड़ी बटी के रूप में,
पेड़ पोधों की पत्ती के रूप में , और मसालों के रूप में लेककन अर्ली पीढ़ी उन
धरोहरों को भल र्ये अब िबकक दवाएं इतनी महं र्ी और डाक्टरों का िक
ु क कई
13

लोर् सहन न कर पाना भी लोर्ों को इस और सोचने पर और कुछ करने पर
वववि ककया | f.r.l.h.t. का कायग बहुत सराहनीय है परुस्कार योग्य है |

एम ्.ऍफ़.सी. (medico friend circle):एम ्.ऍर्.सी.एक एसा संर्ठन है जिसे ककसी से अनद
ु ान या ववत्ती सहायता नही
शमलती और इसमें अलर् अलर् प्रष्ठभशम व क्षेत्र से आये हुए लोर् हैं उदाहरण के
तोर

पर

चचककत्सक,लोक

कायगकताग,नसग,छात्र इत्यादद !

स्वास्थ्य

वविेर्षग्य

स्वास्थ्य

कायगकताग,सामाजिक

एम.एफ.सी. एक संर्ठन है िो स्वास्थ्य के मद्द
ु ों को

लेकर चचाग, वाद-वववाद,पररचचाग,और वातागलाप करता है लोर्ों का और सरकार का
ध्यान

आकवर्षगत

स्वास्थ्य,मदहला

करता
एवं

है

बाल

िैसे

प्राथशमक

स्वास्थ्य,

स्वास्थ्य,

कुपोर्षण,मानशसक

िेहरी

स्वास्थ्य,ग्रामीण

स्वास्थ्य,स्वास्थ्य

में

भ्रष्टाचार, दवाई कम्पतनयों की लट-खसोट,इत्यादद मद्द
ु ों पर चचागएूँ | प्रारम्भ में
इसमें मेडडकल प्रोफेिनल ही थे लेककन बाद में सब तरह के लोर् इसमें सजम्मशलत
हो र्ये इसका हर वर्षग एक वावर्षगक सम्मेलन और उसका एिेंडा चन
ु ने के शलए एक
अधगवावर्षगक बैठक होती है | इसी तरह की एक बैठक में िाने का हमे भी सोभाग्य
प्राप्त हुआ 2014 अर्स्त में | इस बार का ववर्षय था मानशसक स्वास्थ्य |इस
बैठक में वावर्षगक सम्मेलन के कायगक्रम की रूपरे खा बनाना थी | इसमें जिन ववर्षयों
पर चचाग होनीथी वोतनम्नशलखखत है : सामदातयक मानशसक स्वास्थ्य
 यव
ु ाओं का मानशसक स्वास्थ्य
 समाि और मनोववज्ञान
 भारत में बायोमेडडकल मनोववज्ञान
 वैधातनकता और ई.सी.टी.(electro convulsive therapy)
 लोक स्वास्थ्य एवं मानशसक रोर्
14

 मानशसक स्वास्थ्य एवं मानव अचधकार
mfc की वावर्षगक सम्मेलन में भी सजम्मशलत हुआ और में अपने को भाग्यिाली
मानता हूँ इस सम्मेलन में स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपनी परी जिन्दर्ी का अनभ
ु व
शलए महान लोर् शमले | उन्होंने मेरे साथ अपने अनभ
ु व साझा ककये हमे प्रेरणा दी
| आर्े भी एसी बैठकों में सजम्मशलत रहने का प्रयत्न करूंर्ा |

15

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lsok,a nsus okyh gS vkSj Lo;a lsoh laLFkk,a tks bl {ks= esa dke dj jgh gS mudks tkx:d
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16

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17

My Learnings from Field Work
मेरा फील्ड काया अिुभव:मेरा CHLP में सजम्मशलत होना एक संयोर् था िैसा की में ऊपर भी बता चका हूँ
की िनेद भाई से शमलना और उनका मझ
ु े इस कायगक्रम का बताना और मेरा
तैयार हो िाना िबकक इंजग्लि का ज्ञान न होना कफर MSW न होना उस वक्त
तो कोई नही कह सकता था कक मेरा चयन हो सकता है सय्यद अली ने एसा ही
इिारा ददया था | पर िो में तो अपने ईश्वर का बहुत ददल से िक्र
ु करता हूँ अनेक
लोर्ों को स्रोत बनाकर इस वविालका्य प्रशिक्ष्ण का अंर् बनाया जिसमे सम्पणग
मानव िातत के ककयाण के ववर्षय पर चचाग और पयोर् होते हैं |
में िब पहली बार फीकड में आया तो मझ
ु े लर्ा ही नहीं कक में उसी भोपाल के
एक भार् में िहाूँ में आये ददन घमता कफरता था | न मैने एसे समद
ु ाय को दे खा
न उसकी समस्याओं को दृजष्टकोण से दे खा था,इसमें सोचारा में हुए सत्र का बहुत
हाथ जिसने समद
ु ाय के प्रतत मेरी एसी समझ बनाई | अब में उसी भोपाल में िहाूँ
में वर्षों से और उसी समद
ु ाय जिसे में आते िाते दे खता था मझ
ु े सब नया ददख
रहा था |मैनेतीनो फीकडवकग भोपाल में मस्
ु कान संस्था में ककये | इससे पहले कक में
अपने फीकड अनभ
ु व बताऊूँ कुछ भोपाल के बारे बताना चाहूँर्ा | भोपाल मध्यप्रदे ि
की रािधानी है म.प्र.को दे ि का ह्रदय कहा िाता है क्योकक ये दे ि मध्य में जस्थत
है | भोपाल की प्रमख
ु वविेर्षताओं का वणगन हम तनम्नशलखखत पंजक्तयों में करें र्े: ये नवाबों का िहर है यहाूँ लर्भर् 250 साल नवाबों ने िासन ककया
है |
 उनमें भी 200 साल तक मदहला िासक रहीं! और कुिलता से िासन
ककया |

18

 भोपाल को झीलों की नर्री भी कहा िाता है क्योंकक 7 से 10 झीले
पा िातीं हैं |
 यहाूँ एक बड़ी झील है जिसकी लम्बाई लर्भर् 20 कक.मी.से ज्यादा है
| जिसके उत्तर ददिा में वन ववहार है वहीं सरकार ने नोका ववहार
बना ददया जिससे हर समय सेलातनयों की भीड़ लर्ी रहती है उसमे
क्रज़ िहाज़ चल रहे हैं |
 यहाूँ नवाबों की बनाई हुए संद
ु र महल हैं जिनके नाम
मंजिल,र्ोहर

महल,तािमहल,बेनिीर

महल,मोती

मंजिल,हमीद

महल,

इत्यादद

आिकल सदर मंजिल में नर्र तनर्म का कायागलय ,हमीद मंजिल में
सांस्क्रततक और र्ोहर महल में कला,हथकरघा,की प्रदिगनी लर्ई िाती
हैं |
 भोपाल की एक और पहचान है इसे मजस्िदों का िहर भी कहा िाता
है लर्भर् 800 मजस्िदें हैं |

भोपाल की िान िान तािुल मसजिद

िो एशिया की दसरी बड़ी मजस्िद है |
 भोपाल िहर बहुत तेज़ रफ्तार से बढ़ रहा है कुछ वर्षों में महानर्र का
रूप ले लेर्ा | शिक्षा के शलए भी उच्चतम स्थान बनता िा रहा है |
इस प्रकार दे खें तो िहरीकरण का प्रभाव भी पढ़ रहा जिससे र्रीब
लोर्ों की समस्याओं का बढना ही हैं | इन समस्याओं पर अंकुि कैसे
लर्ेर्ा अभी से सोचना होर्ा ! ये चन
ु ोती ववकास के साथ िोडकर दे खी
िाती है |

19

About the Organisation
मुस्काि (Muskan):मस्
ु कानने 20 बच्चोंकोलेकर 1998 मेंकामिरू
ु ककयाथा|

मस्
ु कान ने अपना काम

साधन के अभाव में िरू
ु ककया था बहुत महनत करके इस काबबल हुई | इसका
अनम
ु ान इस बात से होता है िब इसने काम िरू ककया था तब से अब तक
संस्थापक सदस्य केवल दो बचे हैं | आि वों भोपाल की एसी बजस्तयों में काम
कर रही है िो अत्यंत वपछड़ी मानी िाती हैं भोपाल िहाूँ 200 वैध और इतनी ही
अवैध झजु ग्र्याूँ मोिद हैं उनमे मस्
ु कान नए उन बजस्तयों को चन
ु ा िो िहाूँ बहुत
वपछड़े,बदहष्क्रत लोर् तनवास करते हैं िैसर्
े ोंड,पारदी,कंिर,शमचश्रत िातत आदद !िो
लर्भर् 20 वर्षग से भोपाल में रह रहे हैं और दै तनक मज़दरी, उपयोर् हो चका
सामान बीनना,पन्नी बोतल आदद मस्
ु कान ने सबसे पहले इनके बच्चों ओपचाररक
शिक्षा दे ना िरू
ु की वों भी प्राकततक ढं र् से |

पवज़ि:वंचचतबच्चों को शिक्षा और एसे अवसर दे ना, जिससे वह भावनात्मक तोर पर
सिक्त और सरु क्षक्षत रहें उन्हें इस योग्य बनाना की वह अपना उद्देश्य चन

सकें,कोई रचनात्मक कायग कर सकें,उन्नतत व जज़म्मेदार बन सकें |

ममशि:- र्रीब,वंचचत बच्चों के चेहरे पर मस्ु कान लाना |
लक्ष्य:- बच्चों को काबबल व सिक्त बनाना |
काया उद्देश्य:1- औपचाररक शिक्षा दे ना
2- स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना
20

3- न्यनतम पोर्षण प्रदान करना
4- स्रिनता का ववकास करना
5- िारीररक स्वास्थ्य के शलए कक्रयाएूँ करवाना
6- व्यजक्तत्व ववकास,व्यजक्तत्व तनमागण,सम्पणग ववकास |

लक्ष्य समूह:-3 से 16 वर्षग के बचे
क्षेत्र:-भोपाल की 6 बजस्तयां
कक्रयाएँ/कायाकलाि:1-बस्ती में स्कल / कोचचंर्
2- शिववर (केम्प) 6 माह के
3-कायगिालाएं,प्रशिक्षण शिववर
4- साप्तादहक कायगक्रम |
मस्
ु कान ने अब तक की बच्चों के िीवन में पररवतगन लाया है और अब मस्
ु कान
के साधन के साथ काम भी बढ़ता िा रहा है अब वो समद
ु ाय में आवश्यकतों की
पततग के साधन िुटा रही है स्वास्थ्य, रोज़र्ार,ककिोर व मदहलाओं के साथ साथ
काम भी िरू
ु कर ददया है | मस्
ु कान की संचालक व तनदे िक बहुत ही लर्निील
एवं उघमी हैं अपने कायग के प्रतत समवपगत में उनसे बहुत प्रेररत हुआ | और अपने
कायगकतागओं से भी यही अपेक्षा करती हैं।

प्रोिेक्ट: पहला project UHRC 2005
 आिा फार एिक
ु े िन
 NRTT
21

मस्
ु कान ने वपछले 15-16 वर्षों भोपाल की झजु ग्र्ओं में सामदातयक ववकास के कई
कायग ककये अभी वो छ: बजस्तयों में काम कर रही उनमे से दो बजस्तओं में मझ
ु े भी
अकपसमय र्ि
ु ारने को शमला जिसका वववरण हम तनम्न पंजक्त में दें र्े | मैने जिन
दो बजस्तओं में समय बबताया उनमे एक बार् मर्
ु लया और दसरी अंबेडकरनर्र
(बंिारी)बस्ती थीं | बार् मर्
ु लया होिंर्ाबाद रोड पर है िो 2 कक.मी.अंदर है
जिसमे र्ोंड िातत के लोर् रहते हैं | अंबेडकरनर्र में पारदी िातत के लोर् रहते हैं
और ये कोलार रोड पर है िो अलर् नर्र पाशलका क्षेत्र है | इन दोनों बजस्तयो में
दसरी िातत के लोर् भी रहते हैं! मस्
ु कान इन दो िाततयों में काम करती है िो ST
समद
ु ाय के हैं |

22

My Field Experiences
बंिारी बस्ती
ये कोलार नर्र पाशलका के वाडग क्रमांक 8 में आती है | लेककन SC/ST ज्यादा हैं st
में र्ोंड भी हैं और पारदी भी जिनमे मस्
ु कान काम कर रही है |

इनतहास:पारदी आि से 18 साल पवग यहाूँ काम की खोि में आकर बसे थे | ये मल
ु त:
र्ुिरात व म.प्र.सीमा के रहने वाले थे वहाूँ से वह

भोपाल से 40 कक.मी.दर सीहोर

जिले दो र्ाूँव में आकर रहने लर्े िंर्ली क्षेत्र होने के कारण शिकार करके अपना
िीवन यापन करते थे वन अचधतनयम आने से ये लोर् भारी मात्रा में बेरोिर्ार हो
र्ये और आिीववका के शलए भोपाल आकर बस र्ये उनके कुछ सम्बन्धी अभी भी
र्ाूँव में ही हैं क्रवर्ष श्रशमक या छोटे ककसान हैं |

व्यवसाय:ये लोर् अचधकतर पन्नी, बोतल,टुटा फटा सामान बीनने का कायग करते हैं कुछ
कबाड़ा खरीदते तो कुछ दारू भी बेचते हैं | बीनने का कायग मदहलाएं और बच्चे
करते तथा परु
ु र्ष घर पर सामान की सरु क्षा करते है बच्चों का इस कायग में ज्यादा
होने का एक कारण ये भी है कक बच्चे डांट सन
ु लेते हैं |

मशक्षा:शिक्षा का स्तर बहुत नीचा है क्योकक बच्चे काम करते हैं काम इसशलए करते हैं
ककपररवार अत्यन्त र्रीब हैं! र्रीब इस कारण हैं कक ववस्थावपत हैं | बस्ती में
सरकारी स्कल भी नहीं है और स्कल दर होने कोशििों से कुछ बच्चे िरूर साक्षर
हुए हैं और बच्चों को रूचच भी है ! काम पर िाने के कारण समय नहीं दे पाते |

23

मल
ू आवश्यकताएँ:ये अवैध झग्ु र्ी है यहाूँ ककसी पास पट्टे तक नहीं है कुछ पचचगयां हैं िो वो लोर्
नर्र पाशलका की ओर से शमलने का दावा करते हैं िब कभी पट्टे शमलने की
उम्मीद होती है तो एक क्षेत्रीय नेता रजिस्टे री की मांर् करने लर्ता है जिससे
मामला अटक िाता है | ककसी ने बताया कक उस क्षेत्र में भी उसके भी दो मकान
हैं | पारदी समद
ु ाय के लोर्ों की 10*12 के घर हैं उन पर घास फस पन्नी की
छत है ददवार भी एसी हैं बरसात में मैने स्वयं उनके घर दे खे,िैसा बाहर वैसा
अंदर की जस्तचथ थी |

िािी:पानी की समस्या यहाूँ हमेिा से ही है िबकक आधा भोपाल को पानी िहाूँ से
शमलता है वो कोलर डेम करीब ही है | यहाूँ टें करों से पानी आता है लेककन जिस
क्षेत्र में पारदी लोर् रहते हैं वहाूँ सरकारी टें कर नहीं िाते मैने पता ककया तो पता
चला की कभी लड़ाई झर्ड़ा हो िाता था इसशलए यहाूँ बंद हो र्ए | अब वो लोर्
तनिी टें करों से पानी खरीदते हैं उनका माशसक खचग 800 से 1000 रु तक पानी
क्रय करने में आ िाता है | जिससे उनकी अथगव्यवस्था बबर्ड़ िाती है |

स्वच्छता:शिक्षा और दसरी सवु वधाओं के अभाव में यहाूँ हर तरफ र्ंदर्ी पसरी हुई है
प्रिासन की भी उदासीनता साफ ददखाई दे ती है घरों के सामने कचरा,नाशलयों में
भरा कचरा,करीब ही िोच के शलए िाते है /र्ड्ढोंमें पानी और उसमे बेठे कुत्ते और
सअर र्ंदर्ी में और बढ़ोतरी कर दे ते हैं पानी की कमी और समस्याओं को िन्म
दे ती है यहाूँ तक वों र्ंदे पानी से बतगन धोने को वववि हैं िो रोर्ों को खुला
बल
ु ावा है |

24

स्वास््य:इस समद
ु ाय के स्वास्थ्य का अनम
ु ान ऊपर ककये र्ये वववरण से हो िाता है |
िैसा कक स्वास्थ्य की जस्तचथ को मैने दे खा हर बच्चे की हालत बता रही थी कक
वह ककसी न ककसी रोर् से पीडड़त हैं | िहाूँ तक स्वास्थ्य सवु वधा की बात है
सामदातयक स्वास्थ्य केंद्र4 कक.मी. दर है | अन्य सरकारी केंद्र भी दर है अत:
तनिी केन्द्रों से दवाई लेने पर वववि हैं कुछ लोर् रूपये के अभाव तो वो भी नही
लेते | मैने कुछ लोर्ों को मानशसक रोर् से भी पीडड़त पाया लेककन वह प्राथशमक
स्तर या न्यनतम हैं |इस वाडग में तीन आंर्नवाडडयां हैं जिसमे से एक पारदी लोर्ों
के क्षेत्र में है और क्योंकक अभी अभी ही उर्षा का चयन हुआ था इसशलए िनसंख्या
का सटीक वववरण नहीं शमला पर लर्भर् 1200 से ज्यादा इस पारदी लोर् यहाूँ
रहते हैं कुछ र्ोंड भी हैं | बस्ती में एक प्रशिक्षक्षत Bsc नशसिंर् और एक ओझा,एक
पारम्पररक स्वयं शसखा हुआ व्यजक्त इलाि का कायग करते हैं |

समुदाय िर मेरी द्रजटट :इस क्षेत्र में आने के बाद मैने समद
ु ाय दे खा,समझा,िाना कक क्या उनकी समस्याएूँ
हैं क्या उनकी िरूरतें हैं उनकी िड में क्या है | मैने बंिारी बस्ती में िो समस्या
दे खी वो पानी और शिक्षा की थी | इसका एक सीधा सा कारण वहाूँ सरकारी स्कल
न होना था और पानी की समस्या नर्र पाशलका का भंर् होना बताया र्या लेककन
उनके िड में हमे िो चीि दे खी वो उनका ववस्थावपत होकर आना था और
ववस्थापन आिीववका के अभाव में था | आिीववका नीतत की समस्या है सरकार
को चादहए कक वह उन लोर्ों को उनके स्थान पर ही रोज़र्ार उपलब्ध कराए या
कफर उनको बस्ती में ये सवु वधाएूँ उपलब्ध कराना होर्ा | लेककन यह कहना जितना
आसान है उतना ही इसे प्रयोर् में लाना मजु श्कल है | इस बस्ती की मल समस्या

25

घर की यहाूँ लोर्ों के बांस बकली से बनाये हुए हैं और वो अत्यंत ही क्षीण जस्तचथ
में हैं बरसात में पानी घरों में भरा रहता है तथा लोर् रात में भी िार्ने पर
मिबर रहते हैं जिससे उनकी मानशसक जस्तचथ बबर्ड़ने का अंदेिा बहुत बढ़ िाता
है तथा उनके घरों का पट्टा न होना भी उनको सदे व चचंततत रखता है | कफर उनका
काम धंधा भी एसा है िो उन लोर्ों को तनाव में रखता है | धंधे में

उनको एक

और ददक्कत का सामना करना पढ़ता है िब भी कोई काम करते हैं िब उनको
लाभ होता है तो खचग कर दे ते हैं लेककन िब हातन होती है तो तो कफर किग लेते
या धंधा छोड़ दे ते दोनों ही जस्तचथ में वो तनाव का शिकार हो िाते हैं |

अत: हम

कह सकते हैं कक यहाूँ स्वास्थ्य की जस्तचथ बहुत र्म्भीर है |
पारदी समद
ु ाय की मान्यताओं की बात है उनकी में अचधक िानकारी तो नही ले
पाया पर मैने पाया उनकी मान्यताएं दस
ु रे दहन्दओ
ु ं से िरा अलर् थे नवराबत्र के
समय होने वाले उनके पारम्पररक आयोिनों का वो बड़े उत्साह से बताते हैं दे वी
को प्रसन्न करने से लेकर उससे वरदान लेने तक की कहानी बड़ी रोचक और
अचरि भरी लर्ती है |
पारदी समद
ु ाय के अक्सर लोर् दारू पीते हैं उसका सेवन उनको एक तरफ दुःु ख से
तनिात दे ती है तो दसरी तरफ आनन्द | र्ुटखा भी बच्चे बढ़े सभी खाते हैं तथा
मदहलाएं भी र्ुटखा सहिता से लेतीं हैं | पछने पर कहती हैं “इसके बबना काम न
होवे” इनकी दतु नया एक अलर् दतु नया लर्ती है इनकी खशु ियाूँ इनके र्म सब
अलर् न िाने क्यूँ ..िानने की कोशिि करूंर्ा |
इस समद
ु ाय की प्राथशमकता की बात करें तो सबसे महत्वपणग इनके घरों की
समस्याएं हैं यहाूँ तक इनके घरों का पट्टा भी नहीं है | नर्र पाशलका भंर् पड़ी है

26

जिससे उनको ज्यादा

दसरी बड़ी समस्या पानी की है िो हमेिा उनको परे िान

रखती है | िो उनके स्वास्थ को प्रभाववत कर रही

है |

गोंड बस्ती
ये बार् मर्
ु शलया क्षेत्र में आती है बार् मर्
ु शलया में तीन

वाडग हैं ये एक बड़ी

बस्ती उसके एक छोर पर र्ोंड लोर् तनवास करते हैं इसशलए इसका नाम र्ोंड
बस्ती या कंिर बस्ती कहते हैं |

इनतहास:आि से 20 वर्षग पवग यह लोर् भोपाल के हबीबर्ंि स्टे िन के समीप रहते थे |
िब िहर ववस्त्रत हुआ तो इन्हे यहाूँ से दर ववस्थावपत कर ददया र्या | ये िर्ह
उस वक्त बहुत िहर से बाहर समझी िातत थी धीरे और भी लोर् ववस्थावपत
होकर आए िब ये भोपाल की एक बस्ती कहलाई | लेककन यह लोर् आि भी
सामाजिक बदहष्कार के शिकार हैं िहर ददन पर ददन ववकशसत होता िा रहा है पर
जस्तचथ में कोई ववकास नज़र नही आता! ये इनकी बस्ती में िाकर दे खा िा
सकता है | मल
ु त: ये दर्
ु ,ग रायपरु (छर्) के रहने वाले हैं 30-35 वर्षग पहले काम की
तलाि में भोपाल में आकर बसे थे इनकी पहले की जस्तचथ केसी होर्ी यह
अध्ययन से पता चलेर्ा लेककन िैसा एक नवयव
ु क ने बताया अच्छी रही होर्ी |
िहाूँ तक शिक्षा और स्वास्थ्य की समस्याएूँ इनकी और पारदी लोर्ों की एक िैसी
हैं लेककन कुछ ववशभन्न जस्तचथ का वववरण तनम्नशलखखत है : बंिारीबस्तीमें स्कुलनहींथापरर्ोंडबस्तीमें थाऔरइसकाउनको लाभ नही शमल रहा
ये अलर् बात है |
 यहाूँ पानी की कमी नही थी पर उनके पास बतगन नही थे भरने के शलए ये
अलर् बात है |
27

 यहाूँ सरकार ने पक्की सडक बना कर दी थी पर नाशलयां नहीं थीं ये अलर्
बात है |
 यहाूँ इन लोर्ों के शलए अलर् से आर्नवाडी थी पर उससे इनको लाभ नहीं
हो रहा था ये अलर् बात है |
 यहाूँ का पार्षगद निदीक ही रहता था पर कभी समस्याएूँ सन
ु ने नहीं आया ये
अलर् बात है |
ककसी भी प्रिासतनक कमगचारी का आना यहाूँ नहीं होता था पर भोपाल में कहीं
चोरी हो िाती तो तब पशु लस भरोसे के साथ चोर यहीं का है पकड़ने िरूर आ
िाती थी |
 मस्
ु कान में में ने झग्ु र्ी बस्ती में होने वाले अनभ
ु व शलए
 लोर्ों से पालकों की मीदटंर् ली, बच्चों का सवे ककया
 आर्नवाडी तनररक्षण , स्कल तनररक्षण मस्
ु कान का
 सवे बच्चो का ,उनके स्वास्थ्य के िानने के शलए इंटरववयु शलया
 phc /chc का ववशसट ककया, बाल अचधकार के होने वाले अशभयान में भार्
शलया ..िो uncrc के 25 वर्षग होने पर हुआ था |
 संस्था का सांर्ठतनक ढांचा िाना |

28

Research Project
शीर्ाक:भोपाल की एक बस्ती में बाल मिदरों की समस्याएूँ एवं उनको स्वास्थ सेवा में
आने वाली कदठनाइयां |

प्रस्ताविा:बच्चे ककसी भी राष्र का भववष्य होते हैं! वह राष्र की महत्वपणग सम्पतत भी होते
हैं! जिनकी सरु क्षा,दे खभाल करना दे ि की सेवा करना हैं| आि बाल मिदरी न
शसर्ग भारत के शलए बजकक परे ववश्व के शलए अशभिाप बन चक
ु ी है ! और इसे दर
करना सभी दे िों के शलए बड़ी चन
ु ोती है | अंतरराष्रीय मिदर संघ [ILO] के
अनस
ु ार 5.20 करोड़ ववश्व में और 1.20 भारत में बच्चे बाल मिदरी करते हैं!
ववश्व में भारत दहस्सा एक चोथाई है | भारत में कुल आबादी बच्चों की 25.3 करोड़
है | इन आंकड़ों से अनम
ु ान होता है जस्थतत ककतनी भयावह है !

िररभार्ा:बाल मिदरी से तात्पयग है कक “ककसी बच्चे द्वारा अपनी आिीववका के शलए ककया
कायग जिसके कारण वो अपने बचपन से वंचचत रह िाता है ,उसकी स्कली शिक्षा भी
बाचधत होती है तथा वह उसके शलएमानशसक,िारीररक,सामाजिक, नैततक तौर पर
हातनकार व दख
ु दायी होता हो”! (ILO)
अब हम दे खते हैं बाल मज़दरी बच्चों के स्वास्थ्य पर ककस प्रकार प्रभाव डालती है
|
1-बाल मिदर बच्चों को समय पर पणग भोिन नहीं शमल पाता जिससे उनका
पोर्षण स्तर कम हो िाता है और वो कुपोर्षण के शिकार हो िाते हैं!

29

2-बच्चों को खेलने का पयागप्त समय न शमल पाने के कारण उनका मानशसक
ववकास पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है !
3-शिक्षा के अभाव में बच्चोंमें सामाजिक व नैततक मकयों का ववकासनहीं हो पाता
और वह असामाजिक र्ततववचधयों में शलप्त हो िाते हैं!
4-ज्यादा में हनत और कम पोर्षण से बच्चों की रोर् प्रततरोधक क्षमता कम हो
िाती है जिससे कई रोर् उकटी,दस्त,टीबी,कुपोर्षण,मलेररया,आदद रोर् होने का
खतरा बढ़ िाता हैं!
5- उनको इस कायग में चोट लर्ने और चमगरोर् की सम्भावना हमेिा बनी रहती है |
इससे अनम
ु ान लर्ा सकते हैं कक बाल मज़दरी बच्चों को ककस तरह क्षतत पहुंचा
रही है और उनका िीवन कठोर बना रही है |
यही कारण है कक संयक्
ु त राष्र संघ 20 नवम्बर 1989 को बाल अचधकार एवं बाल
स्वास्थ्य एिेंडा बनाकर अंतरराष्रीय अचधवेिन का आयोिन ककया | जिसमे 194
दे िों के प्रतततनचधयों ने भार् शलया ! 54 अनच्
ु छे द िो बाल अचधकारों पर आधाररत
थे, इसमें बाल मज़दरी पर चचंता व्यक्त करते हुए इसके उन्मलन की बात कही
र्इ| भारत में बाल सरं क्षण,सरु क्षा को लेकर बालनीतत (1974) बनाई र्ई|18
िनवरी 2002 को प्रोटोकाल लार्ु ककया र्या कक बच्चों की खरीद -फरोख्त, बाल
वेश्यावजृ त्त, बच्चों के अश्लील चचत्रण को अपराध की श्रेणी में रखा र्या|12 फरवरी
2002 के प्रोटोकाल लार्ु ककया र्या की सिस्त्र यि
ु में बच्चों की भार्ीदारी न हो|
संयक्
ु त राष्र व भारत दे ि के इतने प्रयासों के बाविद जस्तचथ में ज्यादा पररवतगन
नही आया है

बाल मज़दरी से िोर्षण तो हो ही रहा है उनके स्वास्थ पर भी

ववपरीत प्रभाव पढ़ रहे हैं| यही कारण है कक मैने बाल मज़दरों की समस्याओं को
िानने के शलए ये अध्यन ककया |

30

शोर् प्रश्ि:-

बालमज़दरों की स्वास्थ्य समस्याएं और उनको स्वास्थ्य सवु वधामें आने वाली
कदठनाईयां ?

उद्देश्य:-

 बाल मिदरों की सामाजिक व आचथगक जस्तचथ िानना |
 बच्चों की स्वास्थ्य समस्याएूँ िानना |
 वों इलाि कहाूँ लेते हैं ये िानना |

 इलाि के समय क्या क्या कदठनाईयें आती हैं ये िानना |

कायापवचर्:अध्ययियोििा:-

मेरा अध्यन स्वरूपक्रास सेक्िनल था |
अध्ययि क्षेत्र:-

मेरा अध्यन क्षेत्र भोपाल की एक झग्ु र्ी बस्ती थी | यहाूँ के अक्सर लोर् ST

समद
ु ाय के थे उनकी उपिातत पारदी है | यहाूँ SC और OBC के लोर् भी बसें हैं

लेककन पारदी समद
ु ाय के बच्चे बाल मज़दरी में ज्यादा अनप
ु ात में हैं इसशलए मैने
ये बस्ती चन
ु ी थी।
अध्ययिसमय:-

सेप्टे म्बर से नवम्बर 2015
अध्ययि ििसंख्या:बाल मिदरों

ueuw s dk vkdkj:-

मेरे अध्यन का ववर्षय बाल मिदर थे |मैने 16 बाल मिदरों पर अपना अध्यन
ककया |

एन्कक्लस
ु ि क्राइटे ररया:-

8 वर्षग से 15 वर्षग के बच्चे थे |
31

एक्सक्लश
ू ि क्राइटे ररया

8 वर्षग से कम और 15 वर्षग से ऊपर के बच्चे थे |
डेटा कलेक्शि:-

मैने 16 बच्चों का सवे ककया और प्रश्नावली के अंतर्गत िानकारी िमा की |
उद्देश्य

सेम्पल

तकनीक

उपकरण

1

16

सवे

प्रश्नावली

2

16

सवे

प्रश्नावली

3

16

सवे

प्रश्नावली

4

16

सवे

प्रश्नावली

डेटा पवश्लेर्ण:- डेटा ववश्लेर्षण ms exel और epi-info से ककया |

िैनतक मद्द
ु ों:- मैने साक्षातकार से पहले उनको परु े अध्ययन की िानकारी दी उनको
ववश्वास ददलाया की आप िो भी बताना चाहें बताएं नही तो न बताएं और आपकी
ये िानकारी बबना आपकी आज्ञा के नही प्रकाशित की िाएर्ी |

िररणाम:तामलका1. उत्तरदाताओं का डेमोग्राकफक जस्तचथ
आयु
8
10
11
12
13
14
15
मलंग
पुरुर्ष
स्त्री

र्मा
दहन्द
32

आवजृ त्त

प्रनतशत

1
3
3
2
3
1
3

6.25
18.75
18.75
12.5
18.75
6.25
18.75

आवजृ त्त

प्रनतशत

14

87.5

2

12.5

आवजृ त्त

प्रनतशत

16

100

िानत

आवजृ त्त

प्रनतशत

एसटी

14

87.5

ओबीसी

2

12.5

जिन बच्चों पर अध्यन ककया उनकी आयु 8 साल से 15 साल थी|उत्तरदाताओं में
14 लड़के और 2 लडककयाूँ थीं| सभी उत्तरदाताओंका धमग दहन्द था | उत्तरदाताओं
में 14 एस.टी. 2 ओ.बी.सी. िातत के थे |
तामलका 2. उत्तरदाताओंके िररवार में कुल सदस्य
िररवार में कुल सदस्य

आवजृ त्त

प्रनतशत

4

2

12.5

5

3

12.5

6

7

43.75

7

2

12.50

8

2

12.50

पररवार के सदस्यों की तुलना करने पर 43.75% के 6 लोर् हैं और 18.75%के 7
तथा 12.50% 8,4,5,लोर् हैं |
तामलका 3. उत्तरदाताओं का मशक्षा जस्तचथ
मशक्षा
अनपढ़
आठवीं
चोथी
तीसरी

आवजृ त्त

प्रनतशत

10

62.5

2

12.5

1

6.25

3

18.75

उत्तरदाताओं में 62.50%अनपढ़ थे |बाकी में12.5%आठवीं तक 6.25%चोथी
तक और 18.75 तीसरी तक पढे हुएथे|
तामलका 4. उत्तरदाताओं मेंिशीले िदाथा का सेवि
िशीले िदाथा

आवजृ त्त

प्रनतशत

8

50

गट
ु खा
हाूँ

33

बीड़ी/मसग्रेट
नहीं

16

100

16

100

2

12.5

शराब/दारू
नहीं
अन्कयसेवि
चथनर का

धम्र
ु पान व मघपान सेवन का पछने पर बीड़ी,शसर्रे ट,िराब पीने वाले नहीं थे
लेककन 12.50%बच्चे चथनर का निा करते थे और 50%बच्चे र्ुटखा खाते थे |
तामलका 5. उत्तरदाताओं के घरोंमें शोिालयका उिलब्र्ता और प्रयोग
घर में शोिालय है

आवजृ त्त

प्रनतशत

नही

11

68.75

हाूँ

5

31.25

आवजृ त्त

प्रनतशत

16

100

शोिालयका उियोग
नहीं

घर में िोचालय तो 31.25% में लेककन उपयोर् कोई भी नहीं करता था| मतलब
100%लोर् बाहर िोच करते हैं|
तामलका 6. उत्तरदाताओं के घरोंमें िािी का स्रोत
िािीकहाँ से आता है

आवजृ त्त

प्रनतशत

14

87.50%

2

12.50%

टें कर से पैसे दे कर लेते हैं
ट्यबवेल से

पानी के बारे में पछने पर 87.50% बच्चों के घर टें कर से पानी लेते हैं|12.50%
ट्यबवेल से लेते हैं|
तामलका 7. उत्तरदाताओं का ररश्तेदारोंमें कमािे वालेका पववरण
ररश्ता(एक से ज्यादाउत्तर)
भाई
मम्मी
पापा

34

आवजृ त्त

प्रनतशत

12

75

12

75

8

50

बहन
काकािी
काकी

7

43.75

1

6.25

1

6.25

बच्चों के कमाने वाले ररश्तेदारों में 75%मम्मी थीं, 75% भाई थे, 50%
पापा थे,43.75% बहन थीं, 6.25%काका और 6.25% काकी थी।
तामलका 8. उत्तरदाताओं का कमािे वालेररश्तेदारोंका मशक्षा जस्तचथ
मशक्षा

पररवार

की

आवजृ त्त

प्रनतशत

अनपढ़

34

82.9

पांचवी

3

7.3

आठवीं

2

4.9

तीसरी

1

2.4

दसरी

1

2.4

िेक्षखणक

जस्तचथ

82.9%

अनपढ़

4.9%आठवीं, 2.4%तीसरी 2, 4%दसरी तक पढ़े हैं |

थे,

7.3%पांचवी,

तामलका 9. उत्तरदाताओं का ररश्तेदारोंमें कमािे वालेका र्ंर्ा
िररवार र्ंर्ा

आवजृ त्त

प्रनतशत

बीनने का

19

46.3

कुछ नही

3

7.3

कबाड़े का धंधा

3

7.3

सब्ज़ी का ठे ला

3

7.3

अंर्ठी बेचना

2

4.9

घर घर काम

2

4.9

दारू का

2

4.9

मज़दरी

2

4.9

घरे ल काम

1

2.4

रद्दी का

1

2.4

रं र्ाईपुताई

1

2.4

1

2.4

बकरी चराना
35

हलवाई

इन बच्चों के पररवार में

1

2.4

46.3% बीनने का काम करने वाले हैं

53.7% अन्य धंधे करते हैं|
तामलका 10. उत्तरदाताओं का काया जस्तचथ
काया

आवजृ त्त

प्रनतशत

12

75

1

6.25

1

6.25

1

6.25

1

6.25

बीनने का काम
चाय की दक
ु ान
पत
ु ाई,रं र्ाई

सब्ज़ी का ठे ला
हलवाई

इन बच्चों में 75% बीनने का काम करते हैं | 25%बच्चे अन्य वकग
करते हैं|
तामलका 11. उत्तरदाताओं ककतिेददिऔर घंटे कामकरिेकापववरण
माह में ककतिे ददि काम
करतेहैं
10 ददन
12 ददन
15 ददन
19 ददन
20 ददन
22 ददन
25 ददन
26 ददन
28 ददन
30 ददन
ककतिे घंटे करते हैं
8
9
10
36

आवजृ त्त

प्रनतशत

2

12.5

1

6.25

1

6.25

1

6.25

1

6.25

1

6.25

4

25

2

12.5

2

12.5

1

6.25

आवजृ त्त

प्रनतशत

3
2
6

18.75
12.5
37.5

12
24

4
1

25
6.25

बच्चों के काम करने के ददन और घंटे 37.5% बच्चे 10 से 20 ददन काम
करते हैं,और 62,5% बच्चे 21 से 30 ददन काम करते हैं |इसी तरह
31.25% बच्चे 11 से 24 घंटे काम करते हैं और 68.75% बच्चे 8 से 10
घंटे काम करते हैं|
तामलका 12. उत्तरदाताओं कामके मलए करिेककतिे दरू िाते हैं कापववरण
ककतिे दरू िाते हैं

आवजृ त्त

प्रनतशत

पास में

1

6.25

2 ककमी.

3

18.75

4 ककमी.

3

18.75

5 ककमी.

4

25

6 ककमी.

1

6.25

7 ककमी.

1

6.25

8 ककमी.

2

12.5

10 ककमी

1

6.25

25% बच्चे 5 ककमी, 12.50% 8 ककमी,

18.75% 2 ककमी, 18.75% 4

ककमी, 6.25% 10 ककमी, 6.25% 7 ककमी,6.25% 6 ककमी और 6.25%
पास में काम करने िाते थे |
तामलका 13. उत्तरदाताओं भोििककतिी बार करते हैं कापववरण
भोििककतिी बार करते हैं

आवजृ त्त

प्रनतशत

2 बार

13

81.25

1बार

2

12.5

1

6.25

3 बार

इसी तरह 81.25% बच्चे ददन में 2 बार 12.50% बच्चे ददन में 1 बार
37

6.25%ददन में 3 बार भोिन करते हैं |
इन बच्चों को िो कदठनाईयां आतीं हैं उनमे

25% है डांट सन
ु ना 18.75%

विन हो िाना 12.50% को िमग आती है इतने ही बच्चों को कीड़े काटने
डर, आंख में चन
ु ा िाने का डर, बरु ा लर्ता है | और भी हैं ताशलका में
दिागई र्ई हैं |
तामलका 14. उत्तरदाताओंपिछ्ले 15 ददि में बीमारी कापववरण
पिछ्ले 15 ददि में बीमार
हुए

आवजृ त्त

प्रनतशत

14

87.5

2

12.5

आवजृ त्त

प्रनतशत

3

21.42

1

7.14

1

7.14

1

7.14

1

7.14

1

7.14

1

7.14

1

7.14

1

7.14

1

7.14

1

7.14

1

7.14

आवजृ त्त

प्रनतशत

1ददन

1

7.69

2 ददन

2

15.38

2

15.38

2

15.38

हाूँ
नहीं

क्याबीमारी हुई
बुखार आया

बुखार,कुत्ते ने काटा
कान में ददग

चोट लर्ी थी
पेट में ददग
पैर में चोट लर्ी थी
पैर मोंच र्या था
बुखार,उकटी,शसरददग

बख
ु ार,हाथ में चोट

सर ददग ,हाथ िला था
सर में ददग
सीने में ददग
क्याबीमारी हुई

3 ददन
4 ददन
38

5 ददन
6 ददन
8 ददन

2

15.38

2

15.38

2

15.38

वपछले 15 ददन में 16 से 14 बच्चों को ककसी प्रकार की बीमारी हुई |
इनमे 21% बख
ु ार आया इतने ही बच्चों बख
ु ार के साथ अन्य बबमाररयां भी
हुईं | इनमें 2 ददन से 8 ददन तक बीमार रहे बच्चे जिनका प्रततित
15.38% था |
तामलका 15. बीमार हुए उत्तरदाताओंमें इलाि कापववरण
इलाि

आवजृ त्त

प्रनतशत

नहीं

4

28.57

हाूँ

10

71.43

आवजृ त्त

प्रनतशत

प्रायवेट डॉ

8

80

र्ामेसी से

2

20

आवजृ त्त

प्रनतशत

2 ककमी.

1

10

4 ककमी.

5

50

पासमें

4

40

आवजृ त्त

प्रनतशत

2

20.00%

1

10.00%

5

50.00%

2

20.00%

इलािकहाँ कराया

ककतिेदरू गए

इलाि केमलए ककसके
साथगए
अकेले
भाई के साथ
मम्मी के साथ
मामा के साथ

बीमार हुएबच्चों मे 71.43% िो इलाि के शलए र्ये और 28.57% ने
इलाि नही कराया | जिन बच्चों ने इलाि कराया प्रायवेट डॉ. से
39

80% थे

| 20% ने र्ामेसी से दवा ले ली थी | इनमे 50% बच्चे एसे थे िो 4
ककमी.दर इलाि के शलए र्ये थे |40% बच्चों ने पास में ददखाया और
10%बच्चों ने 2 कक.मी.दर र्ये |इनमे 50% बच्चे अपनी मम्मी के साथ
ददखाने र्ये 20% अकेले, इतने ही मामा के साथ र्एऔर 10%भाई के
साथ र्ए |
तामलका 16. बीमार हुए उत्तरदाताओंमें इलाि काखिाा का पववरण
आवजृ त्त

प्रनतशत

< 10 रु.

2

20

11- 100 रु.

2

20

101-200 रु.

2

20

201-500रु.

1

30

>500रु.

1

10

ककतिाखिा हुआ

इस ताशलका से हमे पता चलता है कक 20% से 30% लोर्ों का
खचग 100 से 500 खचग हुए |
तामलका 17. बीमार हुए उत्तरदाताओंमें इलाि काखिाा का पववरण
ददखािे क्यों िहीं गये(एक से ज्यादाउत्तर)

आवजृ त्त

प्रनतशत

पैसे नहीं थे

3

75

घर पर कोई नही था

2

50

सरकारी अस्पताल दर है

1

25

ज़रूरी नहीं लर्ा

1

25

मम्मीकाम पे थी

1

25

पापा के पास समय नही था

1

25

ददग हो रहा था

1

25

16 में से दो बच्चे तो बीमार ही नहीं हुए 14 में 10 बच्चों ने ही इलाि
कराया 4 ने नहीं कराया कारण में 3 मख्
ु य थे |पैसे नही थे 75% घर पर
कोई नही था 50% िवाब नही 50% था|
40

ppkZ:मैने िाना की बच्चों का िीवन हातनप्रद व कष्टदायक है |सब
ु ह से िाम
तक काम में लर्े रहना |बच्चे शिक्षा नही ले पा रहे हैं क्योंकक वो काम
करते है,काम

इसशलए करते हैं क्योंकक वो र्रीब, र्रीबी की एक विह यह

भी है कक वो ववस्थावपत हैं | घर,पानी, िैसी मकय आवश्यकताओं की पततग
के शलए ही िझ रहे हैं, साथ ही आददवासी समदाय से हैं/ अध्ययन के बाद
बच्चों के प्रतत चचंता बढ़ी |

समस्याएूँ र्म्भीर है |क्योंकक उनके साथ दहंसा और अन्याय हो रहा है |
अशिक्षक्षत होने के कारण स्वास्थ के प्रतत िार्रूक नही हैं | अचधकारों की

तो बात ही अलर् है | यही कारण है कक वोस्वास्थसवु वधा हो, शिक्षा हो
सबसे वंचचत हैं और नारकीय िीवन िीने को वववि हैं |

निटकर्ा:बच्चों का िीववत बने रहना और उनका स्वास्थ, ककसी भी समाि के

ववकास के स्तर का प्रमख
ु मापदं ड है| यहाूँ की जस्तचथ तनरािािनक है इस

प्रकार आचथगक व सामाजिक ववकास प्राप्त करने में अक्षमता की पक्की
तनिानी है |

1) क्योंकक बच्चों को भरपर पोर्षण नही शमल पाता काम का समय
तनजश्चंत नही है जिससे वह कुपोवर्षत भी होते हैं तथा
हो िाते हैं |

भी

अन्य रोर् भी

2) सरकारी अस्पताल दर होने के कारण बच्चे प्रायवेट में ददखाना पसंद
करते हैं | जिससे उनपर आचथगक भार ओर बढ़ िाता है |

3) पैसों की कमी के कारण बच्चे इलाि नही करा पाते तथा घर के
सदस्य काम पर होने कारण बच्चों के साथ नही िा पाते | कुछ
बच्चे इलाि को टालते हैं |

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Community Health Learning Programme is the third phase of
the Community Health Fellowship Scheme (2012-2015)
(2012 2015) and is
supported by the Sir Ratan Tata Trust, Mumbai.

School of Public Health, Equity and Action (SOPHEA)
SOCHARA
# 359, 1st Main,
st
1 Block
Block, Koramangala,
Bangalore – 560034
Tel: 080-25531518
25531518;; www.sochara.org

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