Pravesh Verma - CHLP_Final Hindi Report.pdf
Media
- extracted text
-
Sairam
COMMUNITY HEALTH LEARNING PROGRAM
2012-2013
A report on the community health learning experience
PRAVESH VERMA
Fellow, SOCHARA-SOPHEA, Bangalore
0
Community Health Learning Program
Decemberb 2012 to December 2013
REPORT
PRAVESH VERMA
Community Health Cell
1
विषय सूची
क
विषय
पे॰न
1
मेने फ़ेलोविप क चयन क्यू वकय
1
2
आभ र
2
3
उदे श्य
3
4
क्षमि िर्मन
➢ स मुद वयक लवनिंग क यम के िहि प्रविक्षण लेन
➢ सांथि के क यम क्रम में भ ग लेन
➢ मेरी समझ बन न लवनिंग क यम क्रम के िहि
14
5
क यम क्षेत्र क चयन
➢ विल प्रोफ़ इल
o भोगवलक क्षेत्र
o थिल कृवि
o िन
o प्रि सवनक
o स्व स्थ्य प्रोफ़ इल
15
6
ऑगमन इिेिन क के स ि समन्वय बन न
➢ ग्र म क चयन
➢ ग्र म ि लोां की प्र िवमकि
➢ प्र िवमक स्व स्थ्य केद्र ओर व्यस्िगि स्व स्थ्य पर समझ बन न
➢ एन.आर.एच.एम. में वकस प्रक र समुदीयकरण हो रह है इस पर समझ बन न
37
7
ररसचम
➢
➢
➢
➢
➢
➢
➢
49
लक्ष्य
स र ां ि
उदे श्य
प्रस्त िन
विवर्
पररण म
चच म
8
सांदभम
49
9
सांदवभमि ग्रि
50
LIST OF TABLES
क्रम ां क
1
2
3
4
विषय
मांडल स्थिवि
न र यण गांज स्थिवि
न र यण गांज स मुद वयक कममच री स्थिवि
स मुद वयक स्थिवि–न र यण गांज
पेज ॰न
20
21
25
25
2
5
6
7
8
9
11
12
13
14
15
16
17
न र यण गांज भोगोवलक स्थिवि
पुनि म स स्थिवि
मलेररय स्थिवि
स मुदीयक सविमस स्थिवि
सहभ गी की सांख्य
सांदवभमि व्यस्ि सांख्य
क यम योजन वनम म ण
मध्य प्रदे ि मे खु ले में िोच की स्थिवि
भ िल ग्र म पांच यि में िोच की स्थिवि
भ िल ग्र म पांच यि में वनममल भ रि अवभय न क लक्ष्य
अध्यन मे सहभ गी की सांख्य
Figure 1: Discussion with community at Mandla
26
26
26
27
31
31
34
40
40
41
42
51
18
Figure 2 PHC- Discussion in Medical officer
52
19
Figure 3 Mandla Hospital Discussion to nrhm progarm
53
Acronyms
ANM
Auxiliary Nurse Midwife
ASHA
Accredited Social Health Activist
BCC
Behaviour Change Communication
BPL
Below the Poverty Line
BRGF
Backward Region Grant Fund
CBO
Community Based Organisationcm
CSC
Community Sanitary Complex
DDWS Department of Drinking Water and Sanitation
DEWATS Decentralised Wastewater Treatment System
ECOSAN Ecological Sanitation
FGD
Focused Group Discussion
IEC
Information Education and Communication
IHHL
Individual Household Latrine
NGO
Non-governmental Organisation
NGP
Nirmal Gram Puraskar
NREGS National Rural Employment Guarantee Scheme
O&M
Operation and Maintenance
PPP
Public Private Partnership
PRI
Panchayati Raj Institution
RSM
Rural Sanitary Mart
SHG
Self Help Group
SSHE
School Sanitation and Hygiene Education
TSC
Total Sanitation Campaign
VIP
Ventilated Improved Pit
WSP
Water and Sanitation Program
Why I joined this fellowship
1992 मे हम रे पररि र में एक दु खि घटन हुई वजसक कही न कही सबांर् स्व स्थ्य की सुविर् क न वमलन ि , िभी से
हम रे यह विल स्तर पर वमल रही स्व स्थ्य सुविर् की कमी के ब रे मे सोचि रहि ि , परिू वकस प्रक र सुर् र वकय ज ए
इसकी ज नक री न होने के क रण मे कुछ न कर सक ।
2009 में MSW पूणम करने के ब द 3 िषम मध्य प्रदे ि के र् र विले के बलि री खुदम ग्र म के ग्र मीण समुद य मे क यम वकय
ि ,यह आवदि सी पररि र वसर्म खेिी पर ही वनभमर ि , वकस न की 5 स ल की बच्ची जो की पोवलयो से ग्रवसि िी, उसके पूरे
ह ि पेर बीम री के क रण जूल गए िे। उसकी यह ह लि दे ख उसके पररि र से मेरी जब ब ि हुई िब उन्होने बिय की यह 2
स ल से इस बीम री से ग्रवसि है । उनक कहन ि की हमने कई ब र डॉ को वदखय परिू यह ठीक नही ां हो सकी।
3
हम रे प स अांिोदय क डम है पर दि ई पर अवर्क पेस लगि है डॉ ब हर से दि ई अवर्क वलखिे है ओर हम रे प स उिन
पेस नही ां है , पेसे की कमी के क रण उसको िह पर वनयवमि स्व स्थ्य सुविर् नही ां दे प रह है ।उनके विच रो से लग की पेसे
की कमी के क रण उसको िह इल ज के वलए नही ां ले ज न च हिे िे, अि पररि र को डर ि की िह पेस अवर्क लगेग ओर
कुछ समय ब द िह बच्ची मर गई।
एक अन्य आवदि सी पररि र में एक मवहल अपन चे हरे पर कम्बल ड ले हुई िी, पररि र क कोई सदस्य उनके प स नही ां ज
रह है क्यूकी उस मवहल को मुह क केसर ि ।ओर चेहरे बहुि भय नक वदख ि ि ,पररि र ओर सम ज ि लोां को डर ि ,की
यह बीम री हमे भी लग सकिी है । इस प्रक र लोगो को उस बीम री के ब रे में कम ज नक री िी ,िभी मेने इस क्षेत्र मे क यम
करने क र्ैसल वलय । मध्य प्रदे ि के ग्र मीण समुद य में अवर्किर कही न कही टी॰बी॰केन्सर ,मले ररय आवद बीम री दे खने
को वमलिी है । मेरे दोस्त ने स्व स्थ्य से सबवर्ि नेट पर स मुद वयक स्व स्थ्य लवनिंग क यमकम को दे ख ओर मुझे यह के ब रे मे
बि य ,यह से 1 सप्त ह स क्ष त्क र चल ओर मेरी स्व स्थ्य पर समझ बन सके,यह मेरे वलए ओर समुद्य के वलए उपयोगी होग ,
इस उदे श्य से मेने यह लवनिंग क यमकम क से जुड़ ि वकय है ।
4
Acknowledgements
“इस एक िषम मे वक गई र्ैलोविप के दोरन मेरे म गम दिमक के रूप मे मेरे प्रेरण स्त्रोिोां के रूप क आभ र व्यि करन च हि
हु।जह स्व थि जेसे विषय पर सरलि से समझने क प्रय स वकय गय है , स मुद वयक स्व थि क यम की पद्धवि को सरल ओर
व्यिस्थिि ओर समुद य मे क यम करने के िरीको को सरल ढग से करने की प्रेरण प्र प्त हुई, मे क्रिज्ञ हु स मुद वयक स्व थि लवनिंग
क यमक्रम (सोचर - बेगलोर )वजन्होने मुझे फ़ेलो के रूप मे स्वीक र वकय ि िॉटर िेड ऑगमनीिेसन टर स्ट ने क यम करने क मोक
वदय ।एक िषम मे सीख एि दस्त िेजीकरण के सहयोग के वलए समीक्षको क आभ र।“
समीक्षक
सबसे पहले अपने गुरु स ई ब ब को ओर अपने पररि र ओर दोस्त को आभ र म नि हु वजनहोने इस क्षेत्र मे क यम करने की प्रेरण
प्रद न की।
स मुद वयक स्व थि लवनिंग क यमक्रम (सोचर - बेगलोर ): मे सबसे पहले डॉ रिी न र यण ,डॉ िेलम न र यण ,डॉ आस मोहम्मद,सेम
जोसेर् क आभ र म नि हु वजनहोने इस प्रक र क र्ील्ड लवनिंग ओर स मुद वयक स्व थि की सरचन क वनम म ण वकय ।वजससे
सम ज को स्व स्थ्य के क्षेत्र में वदि वनदे ि प्रद न कर महत्व पूणमभूवमक अद कर रहे है ।
डॉ अवदत्य : में अपने टीम में टर डॉ अवदत्य क भी आभ र म नि हू वजन्होने मुझे मेरे र्ील्ड क्षेत्र ओर अनुसांर् न मे हमेि मेर
म गम दिमन वकय है । जब भी मुझे अपने क यम क्षेत्र मे ेँ कठन ई आई डॉ अवदत्य ने उसे हल करने मे पू णम सहयोग प्रद न वकय है ।
डॉ युिर ज : डॉ युिर ज क भी आभ र म नि हू वजन्होने यह पर हमेि एक खु ले ि ि िरण क वनम म ण कर इस लवनिंग क यमकम
को सर्ल बन ने मे महत्व पूणमभूवमक अद की है ।
क विमकजी : क विमक से भी हमे क र्ी कुछ सीखने को वमल है ,उसने भी समय समय पर जब कभी हमे समझ मे नही ां आि ि िब
क विमक ने उसे सरलिम रूप मे समझने क प्रय स वकय है ।
प्रसनन जी : प्रसनन जी क आभ र म नि हु की वजन्होने ग्लोबल स्तर पर चल रही स्व स्थ्य की स्थिवि पर प्रक ि ड ल ।
वप्रयांक जोिी : वप्रयांक जोिी क भी आभ र म नि हु वजन्होने सथि में क यम क मोक प्रद न वकय ।
िहनी मेम : िहनी मेम क आभ र म नि हु वजन्होने समय समय पर क उां वसवलांग कर स्व स्थ्य पर समझ बन ने में सहयोग वकय ।
कुम र सर: कुम र सर क भी आभ र म नि हु वजन्होने अपने अनु भि से समझ बन ने में मदद वकय ।
स बू सर: स बू सर भी आभ र म नि हु वजन्होने ररसेचम वजसे विषय पर सरलि से समझ बन ने में सहयोग वकय है ।
“सोचर टीम क र्न्यि द करि हु वजन्होने मुझे पूणम सहयोग वदय ।‘’
फ़ेलोविप के उदे श्य
❖ समुद य स्व स्थ्य प्रबर्न पर समझ बन न ।
❖ जलि यु पररििमन पर समझ बन न ।
❖ गेर सरक री सगठन के दु ि र स्व स्थ्य के क्षेत्र मे वकए ज ने ि ले क यो क अिलोकन करन ।
❖ समुद य वकस प्रक र ि ि ि रण को बच ने मे सहयोग कर रही है ।
❖ ग्र मीण समुद य की समस्य को लेकर िॉटर ओर थछ्ि पर समझ बन न
5
यह पर स मुद वयक लवनिंग क यम क्रम के अनु भि को 2 चरणो में पू णम वकय गय वजसमे 1 िषम में 6 म ह क हम र िेक्षवणक सत्र
ओर 6 म ह भ्रमण क्षेत्र क क यम क्रम रह वजसमे मेने िेक्षवणक सत्र में समूह चच म हुई, भ्रमण,रोल प्ले के म ध्यम से जो सीख उसक
वििरण इस प्रक र है । िेसे िो हर िेक्षवणक सत्र से कुछ न कुछ सीख है परिू यह पर कुछ िेक्षवणक सत्र के ब रे में ही बि रह
हू।
स्वास्थ्य पर समझ :
स्व स्थ्य पर सरल िरीके से समझ बन सके इसवलए यह पर समूह, रोल प्ले,के म ध्यम से समझने क प्रय स वकय गय है।
पहले स्व थि को मेवडसन की द्रवि से दे ख ज ि ि परिू लेवकन अब प्रविक्षण पश्च यि स्व थि के नजररये मे पररििमन हुआ। यह
एक स मुद वयक पहल है वजसमे स्व थि वनर् म रक ि मूल भूि सुविर् ओ को लेकर आगे बड़न है ।पहले भी इन्ही विषयो को ले कर
क यम वकय करिे िे लेवकन स्व स्थ्य को अपन विषय कभी नही ां म न ि ।प्रविक्षण के ब द लग की स्व स्थ्य हम रे समुद य जीिन
क वहस्स है ।
स्वास्थ्य ओर सामुदावयक विकास :
रिी सर दु ि र स मुद वयक विक स ओर सभी के वलए स्व स्थ्य पर समझ बनी ,इसके ब द स्व स्थ्य एि विक स के पेम ने
को म पने के वलए स्व स्थ्य सूचक ां क ओर इनक वकस प्रक र विश्लेषण वकय ज ि है इस पर मोहम्मद सर बिय गय । मह म री
को वकस प्रक र प्रविलेनस ओर इन्सीडे स को दे ख उसको रोकने की योजन करन , इसके स ि ही र िरीय ग्र मीण स्व स्थ्य वमिन
क्य है , इसकी िुरुआि केसे हुई, इसक वक्रय न्वयन सरचन वकस प्रक र क यम करे गी।सेि ओ में सुर् र वकस प्रक र वकय ज ए
इस पर समझ बनी।प्रविक्षण के दोरन प य की स्व स्थ्य को बेहिर प्रबांर्न केसे वकय ज ि है विक स की स्थिवि को समझने के
वलए वकस प्रक र स्व स्थ्य सूचक ांक के म ध्यम से विक सिील एि विकवसि होने की पहच न की ज सकिी है । स म वजक वनर् म रको
की जि ब दे ही सुवनवश्चि होिी है िो यह स्व स्थ्य की स्थिवि को वकस प्रक र सुर् र ल य ज सकि है ।
सामुदावयक स्वास्थ्य के 10 वसधदाांत:
र ख ल सर दु ि र अपने व्यस्िगि अनुभि ओर उन्होने समुद य के क्षेत्र में स्व स्थ्य ओर विक स के स मुद वयक स्व स्थ्य के 10
वसधद ां ि को बि य गय वजस पर मेरी समझ इस प्रक र है ।
वकसी भी व्यस्ि की समस्य क पहले से ही आकलन नही ां करन च वहए क्यूकी यह समस्य क मुख्य क रण कुछ ओर ही रहि
है ।अि पहले से र् रण नही ां करनी च वहए।हमे उस व्यस्ि की पररस्थिवि को समझ कर ही वनणमय ले न च वहए।ग्र मीण समुद य में
प्रद न की ज रही सविमस क भी समुद य दु ि र ही मूल् ां कन वकय ज न च वहए वजससे समुद य में एक नई पहल वकसी भी सविमस
को सर्ल बन ने में महत्व पूणम है ।
विकवसि और विक सिील दे िोां के बीच वििेष रूप से दे िोां के भीिर के रूप में अच्छी िरह से लोगोां के स्व स्थ्य की स्थिवि में
मौजूद सकल असम नि र जनीविक, स म वजक और आविमक रूप से अस्वीक यम है , इसवलए सभी दे िोां के वलए आम वचांि क
विषय है ।
बाजार रूप का विमााण :
वकसी भी ग्र म में यवद कपनी क छोट स सरूप एक बड़े गां भीर पररण म की िुरुआि को दि म ि है जो की िह की आने ि ले
ि ि िरण की स्थिवि को बदल कर एक नय ही रूप र् रण करि है । जेसे - म केवटां ग अि हमे अपने ग्र मीण समुद य में लोगो को
ब ज र ओर उसके प्रभ ि से अिगि करन होग ।जो की जलि यु पररििमन क मुख्य क रण है ।
ग्रामीण सहभागी मूल्ाांकि :
सेम जोसेर् सर दु ि र वकस प्रक र जो ग्र म मे समस्य होिी है उसको ग्र मीण सहभ वगि मूल् ां कन के सहयोग से समस्य क
चयन कर समुद य से ही कुछ लोगो को एकवत्रि आपसी सांस र्न क उपयोग कर सभी व्यस्िओ दु ि र समस्य के वलए उस र वि
6
को एकवत्रि कर आपस में ब ट कर उसे एक वनश्च्ि समय अिवर् में उसे ि पस कर समुद य के म ध्यम से ही उससे हल वकय
करने क प्रय स वकय ज न च वहए।वजससे समुद य को अपन खुद क मूल् ां कन होग ओर िह एक अच्छ ि ि िरण क वनम म ण
होग वजससे लोगो में सम नि वर्र से वकसी भी समस्य िक आसनी से पहुच वकय ज सकि है ।
मािवसक स्वास्थ्य :
वपछले क यम के दोर न भी कई ब र म नवसक व्यस्ियोां को दे ख गय ,वजसमे समुद य को भी इसके ब रे में कम ज नक री होिी है
कई ब र एसे व्यस्ि को िोषण क अवर्क विक र होन पड़ि है ओर समुद य भी उसक सहयोग नही ां कर प िी है ,अि म नवसक
स्व स्थ्य पर क यम मुिकील है परिू सबसे पहले म नवसक अस्व स्थ्य व्यस्ि के पररि र से वमलन च वहए ओर उनको पर मिम दे न
च वहए क्यूकी ग्र मीण क्षेत्र में अवर्किर पररि र अांर्विश्व स में ब ब के प स ले ज िे है इस प्रक र की स्थिवि में कई ब र व्यस्ि मर
भी ज िे है ।अि हमे अपने आसप स लोगो को भो इसके ब रे मे ज गरूप वकय ज न च वहए।
कई ब र म नवसक अस्व स्थ्य व्यस्ि को क ही दू र पररि र दु ि र छोड़ वदय ज ि है वजस क रण िह व्यस्ि अपने आप को अक्षम
पि ओर एसी मवहल ओ को ि रीररक िोषण क विक र होन पड़ि है एसे कई केस है परिू सबसे बड़ क रण है समुद य क
इस ओर ध्य न न दे न है ।
र्ील्ड म चम में क यम के दोर न एक ब र म नवसक अस्व स्थ्य व्यस्ि जो अपनी जगह बेठ ि परिू एक युिक दु ि र
िांब कू,िर ब,अन्य निीले पद िम प्रदय की गई,अि ग्र मीण समुद य म नवसक अस्व स्थ्य व्यस्ि के स ि कई ब र म र ज ि है हश्य
क विक र भी होन पड़ि है । अि सरक र दु ि र एसे व्यस्ियोां क दस्त िेज को हर विल स्तर में इस पर मूल् ां कन वलय ज न
च वहए।ओर इनके पररि र से वमल कर उनको पर मिम प्रद य करन च वहये।
आईस बगा :
वजस प्रक र वकसी भी जगह हमे जो समस्य वदखिी है उसक मूलभूि क रण कोई ओर ही रहि है अि हमे वकसी भी क रण के
मूलभूि में ज न च वहए ओर वर्र वकसी भी समस्य क वनर करन करन च वहए।
मलेररया :
मलेररय एक िेज बुख र ि ली बीम री है वजसमे मनुष्य के िरीर के अांदर मलेररय के परजीिी की उपस्थिवि से उत्पन होिी है
प्ल ज्मोवडयम र्ेस्िपेरम ज िी के परजीिी वदम ग पर असर डलि है ,मनुष्य में मलेररय पेद करने ि ले 4 प्रक र के परजीिी है
प्ल स्मोवडयम ब यिेक्स,प्ल स्मोवडयम र्ेस्िपेरम, प्ल स्मोवडयम मलेरी,प्ल स्मोवडयम ओिेल ,वजसमे सबसे ज्य द प्ल स्मोवडयम
ब यिेक्स,प्ल स्मोवडयम र्ेस्िपेरम परजीिी क सांक्र मण अवर्किर पह ड़ी क्षेत्रोां में अवर्क दे खने को वमलि है ।ओर वकस प्रक र
ग्र मीण समुद य गड्ोां की मर मद,नीम के पििोां क र्ुओ को करके,स ि ही जह पर गांदे प नी में गपू म्ली को ड ल कर परजीिी
के ल ि म को नि वकय ज सकि है ।
रोड दु र्ाटिा:
रोड दु घमटन क सबसे बड़ क रण निीले द्रव्य क सेिन करन ,पररय प्त नीद न लेन है वजस क रण आये वदन हम दु घमटन सुनिे
रहिे है ।इसमे सरक र को कुछ करन च वहए यह पर य ि य ि पररिहन के दु ि र भी करपसन करने के चक्कर में िह चल्दी
ल इसेन्स बन दे िे है वजस क रण उनको अनु भि नही ां होने के क रण कई ब र दु घमटन से मर ज िे है अि सरकर को बड़ी गांभीरि
से ल इसेन्स बन न च वहए ओर यवद कोई घटन घवटि होिी है िो उस व्यस्ि क ल इसेन्स कुछ िषम के वलए रद कर दे न च वहए
वजससे व्यस्ि सभ ल कर ि हन को चल एग ।यही नही ां वजसक िह ि हन चल रह है उसको भी 1 स ल की दां ड दे न च वहए ओर
उसके पररि र को र वि प्रदय की ज नी च वहए।ओर ि हन च लक क हर म ह च ज वकय ज न च वहए वजससे यवद िह कभी भी
निीले द्रव्य पी कर ग ड़ी चल ने ि ले क भी ल इसेन्स रद करन च वहए स ि ही एक स फ्ट िेयर क वनम म ण वकय ज न च वहए
वजसमे ि हन च लक की जीमेद री होगी की िह उसकी प्रविवदन इां टरी करे , वजसमे समय -6 घांटे,थि न, दू री वनश्च्ि,स्व स्थ्य क
परीक्षण हर व्यस्ि क -5वदन में करन अिश्क होग ,यवद िह कोई भी निीले पद िम क सेिन करिे प य ज ि है िो 5 स ल िक
ि हन नही ां चलन पड़े ग ,वजससे मन मे डर के क रण यह लोग स िर् नी से ि हन चल एगे ओर दु घमटन भी कम होगी। इसके स ि
7
ग ड़ी क सेल करने ि ली कपनी को वजसको उस ि हन की आििकि क्यू है इसक क रण पूछन च इये।अििकि होने पर ही
ग ड़ी प्रद य की ज नी च वहए कपनी अपनी सेवलांग बड् ने के वलए म केवटां ग क रूप में लोगो से ब्य ज िसूलिी है इसवलए कपनी को
1 स ल में वसर्म अििक व्यस्ि को ही ग ड़ी प्रद य वकय ज न क वनयम होन च वहए।
बुजुगा का स्वास्थ्य :
व्यस्ि वसर्म पेसे को अपन म नकर िह वसर्म स्व िम वसद्ध में लग ज ि है ओर िह अपने पररि र के बुजुगम को भूलने लगि है यह
अिथि में व्यस्ि अपने भूि को य द कर रह ज ि है जबवक युि िगम दु ि र इनके ब रे में न सोचन कही न कही इनको एक
अांर्क र में ड ल रह है अि हमे बुजुगम व्यस्ियोां को खुि रखन च वहये।बहुि स रे व्रद्ध आश्रम मध्य प्रदे ि में भी खुले है परिू परिू
िह ि सकीय विभ ग दु ि र ठीक से सुविर् नही ां प्रद न की ज िी है वजस क रण इनको परे ि नी क स मन करन पड़ि है ।ग्र मीण
क्षेत्र में िह पर बुजुगम व्यस्ियोां में िब कू क सेिन अवर्क दे ख गय है वजस क रण उनके स्व स्थ्य पर बुर प्रभ ि पड़ि है ।
सामावजक विर्ाारक :
वकस प्रक र स म वजक वनर् म रक के प्रभ ि से स्व स्थ्य पर प्रभ ि पड़ि है इस पर समझ बनी
• SOCIO-ECONOMIC
• ENVIRONMENT
• INBORN
• HEALTH SYSTEM
• SOCIO-POLITICAL
• BEHAVIOURAL
• DEMOGRAPHIC
• SOCIO-CULTURAL
आयुष :
ग्र मीण क्षेत्र में पहले व्यस्ि की बीम री क इल ज घेरलु िरीके से वकय ज ि है ओर व्यस्ि पहले आयुिेवदक जड़ी बूटी पर
वनभमर ि परिू आज ज़्य द िर लोग केिल दि ओ पर वनभमर है अि आयुष में घरे लू उपच रो क उपयोग करिे हुए जड़ी बुड़ी के
दु ि र स्व स्थ्य पर कम ख़चीले में उपलब्ध कर कर समुद य को मजबूि करने में सहयोग प्रद न कर रहे है ।
ररसचा :
मेरे दु ि र पहले भी अनुसांर् न क यम वकय गय ि परिू अनुसांर् न करने क सही िरीक मेने यह पर स मुद वयक स्व स्थ्य लवनिंग
क यमक्रम में विख है वकस प्रक र पहले वकसी भी क्षेत्र में समस्य क अिलोकन कर उससे सांबस्िि वकि बोां क अध्यन कर उस
क्षेत्र के व्यस्ियोां क चयन कर उनसे प्रश्न िली खुले ओर बांद प्रक र के प्रश्न को पूछ कर व्यस्िगि ओर समूह में प्रश्न को पूछ कर
ड ट को एकवत्रि कर वकस प्रक र ड ट क विश्लेषण स फ्ट िेयर की सह्यि से कर वकस प्रक र ररपोटम को िेय र वकय ज ि है
इस पर मेरी आां िररक समझ बन सकी।
उपवििेििाद :
(ज्य द िर यूरोपीय , अमरीक और ज प न ) कुछ दे िोां में दु वनय के ब की वहस्सोां में अन्य दे िोां पर विजय प्र प्त की और खुद को
समृद्ध करने के वलए अपने कच्चे म ल , श्रम और ब ज र क इस्तेम ल वकय ।
साम्राज्यिाद :
बड़े एक वर्क र के उद्भि के द्व र होिी पूांजीि द के उन्नि चरण ,दु वनय प्रभ ि के क्षेत्रोां में विभ वजि इस चरण में है और पूांजी क
वनय म ि इस स्तर की प्रमुख वििेषि है ।
खाद्य सुरक्षा:
एक दे ि के वलए आिश्यक भोजन को दे ि के भीिर सांग्रहीि वकय ज ि है जो वक यह सुवनवश्चि करि है वक एक नीवि है , इस
प्रक र एक प्र कृविक य म नि वनवममि आपद की घटन में कमी से सुरक्ष सुवनवश्चि करने, इस िरह के ख द्य सुरक्ष करने के ब द
भी हम एक अक ल में भोजन के वलए भीख म ेँ गने के वलए यवद आिश्यक हो िो हम उनके आदे ि के हविय र ड ल दे न करने के
वलए मजबूर हो ज एग के वलए एक र िर के रूप में हम री सांप्रभुि सुरवक्षि है ।
8
सकल र्रे लू उत्पाद (जीडीपी ):
यह एक दे ि के र्न क एक उप य है , यह हर वकसी की आय को जोड़कर ली गई है , यह िषम में सभी उत्प दोां और सेि ओां क कुल
मूल् है ,इस सूचक ां क के स ि समस्य यह है वक कुछ व्यस्ियोां क र्ी उनकी आय / उत्प दन में िृस्द्ध, बहुमि की आय में कमी
आई है ,भले ही सकल घरे लू उत्प द अभी भी ऊपर ज न होग ,यह आां कड़ असम नि ओां को छु प ि है ।
िैश्वीकरण:
समृस्द्ध के वलए सबसे अच्छ पचे के रूप में एक िैवश्वक ब ज र के वनम म ण के वलए सभी ब र् ओां को नीचे ले ज ने में विश्व स रखि
है वक आविमक और र जनीविक नीवियोां क एक सेट करने के वलए सांदवभमि करि है ,बहुर िरीय वनगमोां इसक स्व गि करिे हैं और
इसवलए हर जगह सभी बड़े अमीर और ि कििर कांपवनयोां करन , उनके वलए र िरीय अिरोर्ोां को दू र िे एक बहुि बड़ ब ज र है
वक इसक मिलब है , ह ल ांवक अवर्क ां ि दे िोां में बड़ी कांपवनयोां के स ि प्रविस्पर् म नही ां कर सकिे हैं वक छोटे उत्प दकोां और यह ां
िक वक छोटे उद्योगोां इस विरोर् करिे हैं । िे द ि एक मुि ब ज र में , अमीर िे क्य च हिे करने के वलए स्विांत्र हैं , लेवकन गरीब
ब हर र्केल रहे हैं । िैश्वीकरण व्य प र ब र् ओां को हट ने के द्व र एक िैवश्वक ब ज र बन नही ां है केिल यह भी एक समरूप िैवश्वक
सांस्कृवि पैद करि है , प्रौद्योवगकी विक स , वनम म ण और ज्ञ न और सूचन और स म वजक सांथि ओां की सांरचन क वनयांत्रण भी
कुछ बहुर िरीय कांपवनयोां के प्रभुत्व के पक्ष में आक र के हैं ।
मुद्रास्फीवत:
क गज पैसे क मूल् वगर ज ि है वजसमें एक आविमक प्रिृवि, इसवलए सभी िस्तुओां की कीमिोां में िृस्द्ध,मुद्र स्फीवि की दर उसक
/ उसकी मजदू री के क यमकि म लूटि - यह उसकी / उसके ( प्रभ िी ) मजदू री वनयवमि रूप से कम कर रहे हैं इसक मिलब के
वलए, सांपवि म वलकोां के वलए ह ल ां वक यह ऊपर ज ि है ि स्तविक मूल् में पररििमन य उनकी सांपवि की है वक नकद मूल् कोई
मिलब है .
अांतरााष्ट्रीय मुद्रा कोष ( आईएमएफ) :
अांिर म िरीय वििीय स्थिवि क प्रबांर्न करने में मदद करने के वलए पवश्चम के िस्िि ली दे िोां द्व र ज री एक अांिरर िरीय वििीय
सांथि ,यह विक सिील दे िोां के वलए उर् र दे ि है , र िरोां के ऋण के वलए िक लि करने के वलए मजबूर वकय य ऋण चुक ने में
असमिम हैं जब यह इन दे िोां के कजम के बदले में अमीर दे िोां के वहिोां के अनुरूप नीवियोां को बदलने की म ां ग है वक।
उदारीकरण :
उत्प दन और व्य प र पर सरक री वनयांत्रण हट रहे हैं य क र्ी कम कर रहे हैं ,जह ां एक र जनीविक नीवि इन वनयमोां को हट ने
के वलए कह गय है समझ ब ज र सरक र से लोगोां की जरूरिोां को बेहिर ढां ग से जज है । उद रीकरण के आलोचक उत्प दन की
स म वजक लक्ष्योां को वििेष रूप से गरीब हैं और रोजग र सृजन के लक्ष्योां को ऐसे उद रीकरण और केिल अमीर ल भ द्व र
नजरअांद ज कर रहे हैं ,जो बहुमि की जरूरिोां को पूर करने के वलए है ।
उदारिाद :
9
आविमक म मलोां में सरक र के हस्तक्षेप के उन्मूलन में विश्व स रखि है वक एक आविमक दिमन को सांदवभमि करि है ,कोई भी सरक र
विवनम म ण य व्य प र के वलए प्रविबांर्,इस िरह की मुि व्य प र अिमव्यिथि को विकवसि करने के वलए सबसे अच्छ िरीक होन
च वहए ि । यह मुि व्य प र की अनुमवि दी गई िी, जब उत्प दकोां के बीच प्रविस्पर् म अच्छी गुणिि और म त्र के स म न के वलए
और सभी के वलए रोजग र दोनोां यह सुवनवश्चि करन होग वक उम्मीद िी।ह ल ां वक वपछली सदी के मध्य िक इस चु नौिी दी गई िी
और उन्नीस िीसि ां दिक के दौर न इस ब ि क अवर्क छोड़ वदय गय ि ।पूांजीि द के बज य उद रि द को चुनौिी दी है और
पूणम रोजग र सुवनवश्चि करने के वलए हस्तक्षेप करने के वलए सरक रोां पर बुल य ,और जीविि रहने के विकवसि करने के वलए इस
पूांजीि द के वलए जरूरी हो गय ि ।
बहुराष्ट्रीय विगमोां (एमएिसी ) :
इन बड़ी कांपवनयोां के कई दे िोां और मह द्वीपोां अिवर्,उनमें से ज्य द िर अक्सर कई गरीब दे िोां के कुल बजट से ज्य द एक स ि
रख ,विि ल सांपवि है ,िे वकसी भी एक दे ि के क नूनोां के िहि नही ां आिे हैं अपने वनणमय लेने की प्रवक्रय पूरी िरह से अदृश्य है
और िे वकसी के प्रवि जि बदे ह नही ां हैं , लेवकन वजसक केिल म पदां ड अपने स्वयां के बोडम ल भ है ।वर्र भी क्योांवक उनकी जबरदस्त
सांस र्नोां की िे आस नी के स ि सरक रोां की नीवियोां को प्रभ विि कर सकिे हैं ।
िि उपवििे ििाद :
यह अपेक्ष कृि कम कीमि पर अपने कच्चे म ल के वनय म ि और उनके औद्योवगक म ल और वनम म ण के वलए एक ब ज र बन गय ,
औपवनिेविक क ल में ही प्रत्यक्ष ि सन के वबन करने के वलए विक सिील दे िोां के वलए मजबूर है वक अमीर दे िोां की नीवियोां को
दि म ि है ,ऋणग्रस्ति के म ध्यम से, असम न सांवर्योां और व्य प र िब्ोां के म ध्यम से अमीर दे िोां के गरीब पर वनयांत्रण रखें और
उन्हें जल्द से के रूप में ज्य द मुन र् वनक ल सकिे हैं अक्सर वनक ली र वि उपवनिेिि द के दौर न क्य हुआ की िुलन में
अवर्क है ।
िि उदारिाद :
यह 80 और 90 के दिक में उद रि द के पुनरुद्ध र है इसक मु ख्य स मग्री एक अवनयवमि ब ज र ल भ सभी को है वक आविमक
विक स दर ह वसल करने क सबसे अच्छ िरीक है वक है अमीर और अवर्क ल भ होग , ह ल ांवक कुछ ल भ ब की को वमलने
ज एग ।उद रि द " जनवहि " न मक स म वजक सेि ओां और कुछ गविविवर्योां में र ज्य के वलए एक भूवमक जबवक नि उद रि द
भी इन के वलए ब ज र सम र् न खोजने की कोविि करि है ।स्व स्थ्य , विक्ष और स म वजक सुरक्ष जैसे क्षेत्रोां में गरीब को अपन
इां िज म खुद करने के वलए और अगर िे असर्ल हो यह होग है " िे आलसी हैं ।
विजीकरण:
इसमे वजिनी भी योजन पस्िक के बन ई ज िी है उनकी डोर ि सकीय लोगो के प स है ओर सविमस जो प्रद न कर रह है उसकी
डोर म केट के ह ि में है ।
मांदी :
एक आविमक सांकट के क रण वनवममि म ल बेचने के वलए असर्ल जब अपय म प्त म ां ग के क रण होि है ,यह उद्योगपवियोां को बड़े
नुकस न क मिलब है और औद्योवगक विक स को प्रविबांवर्ि यह बदले में श्रवमकोां बेरोजग री की उच्च वडग्री है , वजसके
पररण मस्वरूप बांद रखी हैं ।
सांरचिात्मक समायोजि काया क्रम ( एसएपी ) :
10
अांिर म िरीय मुद्र कोष और विश्व बैंक अपने ऋण चुकौिी थिवगि य उन्हें एक ि ज ऋण दे ने के वलए एक ििम के रूप में ऋणी दे िोां
पर इन नीवियोां िोपन आमिौर पर गुप्त रख ज ि है जो इन स्थिवियोां ,सरक री क नूनोां और वनयमोां की आविमक सांरचन और कुछ
पहलुओां को बदल वदय ज न च वहए वक कैसे ऋणी दे ि को वनयांवत्रि करिी हैं ।
World Bank (WB):
यह भी अांि र िरीय बेंक है वजसमे भी दु वनय के बड़े बड़े लगपवि लोग जुड़े है वजसमे दु वनय के सभी सभी बड़े र ज्य आिे है वजसमे
अमेररक भी जुड़ आि है वजसमे सभी र ज्यो मे पेसे वकस विषय पर खचम करन है उसकी योजन के अनुस र ही पेस वदय ज ि
है ,वजसमे स्व स्थ्य वजसे गांभीर मुद्दे पर कम पेस खचम करने को वदय ज ि है जबवक अन्य दू सरी विषय पर अवर्क खचम करने को
अवर्क वदय ज ि है ,ओर सभी र ज्यो वजनके प स कम पूजी है उन र ज्यो को भी इसी प्रक र से खचम करन होि है , िभी िह एसे
र ज्यो को पूजी ऋण रूप में प्रदय की ज िी है ओर उन र ज्यो को इनकी ब ि बगेर कुछ बोले मन नी पड़िी है ।
World Trade Organization (WTO):
यह दु वनय के सभी र ज्यो की अांिर िरीय सरचन है वजसमे सभी र ज्यो विक सिीलि के वलए वमलकर अपने अपने हस्त क्षर कर
करिे है वजसमे वनयम,योजन ,वकय न्वयन वकस प्रक र वकय ज एग इस पर सहमवि ली ज िी है ओर सभी र ज्यो को उनकी ब ि
क प लन करन पड़ि है पवश्चमी र ज्यो की यह ब ि सभी र ज्यो को मन नी पड़िी है क्यूकी िह इसकी सरचन क भ ग है ।
फील्ड क्षेत्र :
स ि ही यह पर कई स रे भ्रमण ओर क यम ि ल के गये उसमे भी स्व स्थ्य की स्थिवि की ि स्तविक स्थिवि के ब रे में बिय गय
ओर वकस प्रक र सविमस वमल रही है उनके ब रे में बिय गय ।उस पर मेरी जो समझ बनी है उसक भी वििरण इसी अर्यन में
कर रह हू।
1 जि स्वास्थ्य अवभयाि
यह लोगो की स्व थिय को लेकर सांच र क क यम है वजसमे व्यस्ि के म नि अवर्क र विषय पर समझ बन ई ज िी है ,ओर लोगो के
स म वजक आविमक पोवलवटकल विषय पर चच म कर उस स्थिवि से ि सकीय ओर वसविल सांथि दु ि र हल करने क प्रय स वकय
ज ि है ।
2 प्लास्टिक गाय
बेगलोर में मड़ीि ल के प स खुले मे कचर पड़ रहि है ।जह पर ग य दु ि र उस पन्नी को ख य ज ि है जह िेस्ट मटे ररयल क
प्रबांर्न होन च वहए परां िु न लोगो दु ि र इस क्षेत्र में कोई ठोस कदम नही ां वलए ज रहे है । ओर नही ां ि सकीय दु ि र भी इस पर
र्ोकस वकय ज रह है । जब िक लोगो दु ि र प्ल स्स्टक क उपयोग कर उसक ठीक से प्रबांर्न नही ां वकय ज एग िब िक सुर् र
करन मुस्श्कल है ।
3 िॉटर एि स्व्छ्ता
यह पर उपस्थिवि सदस्य दु ि र सभी लोगो ने अपने अपने विच र वदये मेरी भी सोच यही है की सरक र को वसर्म िोच ल य के
वलए ट रगेट न रख ज न च वहए बस्ि लोगो के व्यिह र पररििमन को लेकर ध्य न दे न च वहए वजससे लोग िह पर उसक उपयोग
कर सके।
4 मेवडको फ़्रेंड् स सकाल
11
यह एक स्व स्थ्य मांच है वजसमे स्व स्थ्य क क्षेत्र पर अलग & अलग जगह क्य स्थिवि पर बिय ज ि है स ि ही गभीर मुद्दोां पर
आपसी विच र के दु ि र उसको केसे सुर् र ज ये इस पर विच र मि बन कर,एक क यम योजन को पवत्रक में प्रस्तुि वकय ज ि
है ।
5 ग्रीि फ़ाउां डेिि
वकसनोां की सहभ वगि क सांगठन बनकर उनको अलग & अलग ग िोां में लोगो को ज गरूक करने क भी प्रय स करन
च वहये।वजससे लोगो में विश्व स पेद होग ओर हम ज्य द पुर ने बीज को एकवत्रि कर सकेगे।ओर स ि ही एकवत्रि अन ज क कुछ
वहस्स बच कर वजस पररि र में आज भोजन क कोई स र्न न होन उनको दे न च वहये।वजससे सम ज में वर्र से एक दू सरे की
मदि की भ िन ज ग्रि होगी,ओर लोग सम नि से रहने लगेगे।
6 एफ़.आर.एल.एच.टी :
यह पर कुछ क यम अच्छ है ये आयुिेवदक जड़ी बूटी के दु ि र स्व स्थ्य को बेहिर बन ने मे पूणम सहयोग वदय ज रह है । परिू मुझे
लगि है की यह भी ब ज र क रूप वदख ।
7 तबाकू विषेर् :
मेरे दु ि र पूिम क्षेत्र में भी इससे ग्रवसि कई व्यस्ि दे खे गये]वजसक सबसे बड़ क रण लोगो क इसके प्रवि ज गरूक नही ां होन है
ओर इसको बड् ने में विज्ञ पन भी भूवमक वनभ रह है अि सरक र को ग्र म स्तर पर एक ज गरूक सदस्य को रख कर इसको बांद
करने क प्रय स करन च वहये
8 एपीडी :
यह पर इनके दु ि र अच्छ क यम वकय ज रह है जह पर विकल ग जो अपन जीिन को गुज रने में कई स री परे ि नी क स मन
करन पड़ि है ,एसे व्यस्ियोां को विक्ष प्रद न कर सम ज को मजबूि बन ने में महत्व पूणम योगद न वदय ज रह है ।
9 करुणाश्या
हम रे यह विल स्तर पर इस प्रक र की कोई व्यिथि नही ां है अि मेर भी एसे व्यस्ियोां क चयन कर उनके पररि र ि लोां को
पर मिम दे कर उनको ि सकीय विभ ग से जोड़ने क प्रय स वकय ज येग
10 बेवसक िीड इां वडया
यह स्व स्थ्य क्षेत्र क सबसे मुस्श्कल विषय है वजसमे लोगो क विच र पररििमन करन बहुि अिश्क है क्यूकी अवर्किर लोग
अांर्विश्व स से ज गरूप नही ां है ।
11 इां वडयि पस्टिक हैल्थ एसोवसयासि :
यह पर अपने अध्यन को एक अलग प्रक र से प्रस्तुि करने क िरीक दे ख वजसमे प्रदिमनी पर लोगो को अपने अध्यन से ज गरूप
करने क प्रय स वकय ज ि है ।
12 तवमलिाडू :
12
यह पर स्व स्थ्य प्रबांर्न अच्छ है परिू क ही न क ही बोझ िी-एच-एन-डी- पर बड़ रह है वजस क सरक र को अनुभि करन होग
िह पर आि की भी जरूरि है , जो की समुद्य मे िीएचएनसी जो की बेठ्क नही ां हो प रही है िह वनयवमि हो प एगी।
13 टर ाजेसिल अिावलयवसस:
व्यस्ि को वकस समय केस व्यिहर रखन च वहये इसक ज्ञ न होन अिश्क है स ि ही समुद य में इसक उपयोग करिे हुए ग्र म
स्तर पर चल रही समस्य को हल करन है ।
My over all learning:
यह पर समुदीयक लवनिंग क यम क्रम के अांिगमि जो स्व स्थ्य वजसे विषय पर सरलि से समझने क प्रय स वकय गय ,यह पर खुल
प्रक र क ि ि िरण है जो की वकसी अन्य िेक्षवणक सांथि में नही ां दे ख गय मेरे पूरे िेक्षवणक सत्र में कभी इस प्रक र क खुल
िेक्षवणक सत्र नही ां दे ख गय यवद मध्य प्रदे ि में दे खे िो इस प्रक र क स्व स्थ्य को लेकर कोई भी सांथि ठीक से क यम नही ां कर
रही है यवद सभी के वलए स्व स्थ्य की उप्पलब्धि करनी है िो सभी को वमलकर क यम करन होग ।
यह पर इस लवनिंग क यम क्रम के अांिगमि कई स री सीख सीखी परिू कुछ क ही वििरण यह पर कर रह हू
जब भी इस क यम क्रम के अांिगमि मुझे क ही समझने में वदकि आई उसको सवक्रय रूप से समझने क प्रय स वकय गय । यह पर
स्व स्थ्य की ि स्तविक स्थिवि को ज न । सेम जोसे र् सर दु ि र ग्र म में वकस प्रक र ग्र मीण सहभ वगि के दु ि र ( पीआरए) क
उपयोग कर िह की मुख्य ओर समिीय क चयन कर ग्र मीणो के दु ि र ही उसे हल वकय ज न च वहए। डॉ रिी ने समुद य क्य
है समुद य स्व थि, स मुद वयक विक स,पस्िक स्व स्थ्य के ब रे मे को दे ख कर समुद य के दु ि र ही उसे हल करने क प्रय स
करन । िहरी समुद य से ब ि कर िह की ि स्तविक स्व स्थ्य की स्थिवि को ज नन है ।वकस प्रक र ग्र मीण समुद्य ओर िहरी समुद्य
में स म वजक वनर् म रक अलग अलग िरह से व्यस्ि को प्रभ विि करिे है ओर स्व स्थ्य की स्थिवि को ज न वकस प्रक र समुद य में
स्व थिय वसस्टम क यम कर रह है ओर समुद य ओर स्व स्थ्य में वकस प्रक र गेप है उसको ज नने क प्रय स करन है । चांदर सर के
दु ि र बिय गय ि की कोन कोन से सोिल स म वजक वनर् म रक क रक है जो की समुद य के स्व स्थ्य पर प्रभ विि करिे है ।
समुद य ओर ि सकीय विभ ग को स्व स्थ्य के प्रवि ज गरूप करन है । मेंटल है ल्थ को लेकर लोग की क्य विच र र् र है । समुद य
क ि सकीय विभ ग से केस सांबांर् है ओर िह वकस प्रक र िह स्व स्थ्य की गविविवर् में भ ग लेिे है । ग्र म मे लोकल वहलर को
वकस प्रक र महत्व वदय ज रह है। प्र िवमक स्व स्थ्य केंद्र ि स मुद वयक केद्र ि विल स्तर पर समुद य को वकस प्रक र की सुविर्
प्रद न की ज रही है ।
इसी प्रक र र्ील्ड क यम में यह पर अलग अलग सांथिोां में भ्रमण क यम वकय गय वजसमे मेने दे ख की यह पर गेर सरक री सांगठन
के वकस िरह से क यम कर रहे है , उसक वििरण इस प्रक र है ।
FIELD PLACEMENT:
मेर र्ील्ड क्षेत्र मध्य प्रदे ि के मांडल विले के न र यण गांज िॉक में िॉटर िेड ऑगमन इिेिन टर स्ट में 6 म ह के वलए हुआ वजसमे
मेरे मेंटर श्री म न वप्रयांक जोिीजी है वजन्होने मेरे इस क यम में पूणम सहयोग वदय ।मेरे र्ील्ड के उदे श्य इस प्रक र है ।
Objectives of field placement
❖
❖
❖
❖
❖
❖
❖
Understanding of community.
Understanding of community prioties.
Understanding of organization
Understanding of social determition in health
Understanding of situation analysis
Health care Providers and medical pleorlesm
Understanding of NRHM and commnitization.
13
❖ Understanding of Mental health.
❖ Understanding of climate chang.
❖ Understanding of public health system .
Organisation profile: मेरे दु ि र जो इस 1 िषम में र्ील्ड क्षेत्र में वकय गय क यम ओर अपने विच र इस प्रक र है ।
प्रस्तिािा
मह र िर, आां ध्र प्रदे ि, मध्य प्रदे ि, र जथि न, झ रखांड और उड़ीस - WOTR प ेँ च 6 भ रिीय र ज्योां में ििमम न में पररच लन 1993
में थि वपि एक गैर सरक री सांगठन है । WOTR भ गीद री ि टरिेड विक स और जलि यु पररििमन के अनुकूलन के क्षेत्र में एक
प्रमुख सांथि न के रूप में व्य पक रूप से म न्यि प्र प्त है ।यह र् दर द्व र मह र िर, भ रि में िुरू वकय गय ि . हरमन ब कर,
सह सांथि पक और WOTR के अध्यक्ष और Crispino लोबो, सह सांथि पक और प्रबांर् न्य सीWOTR जन दे ि िे यह वटक ऊ
आजीविक क क यम, उत्प दक इसक इस्तेम ल करिे हैं ।
प ां च र जर् वनयोां में - भौविक, वििीय, स म वजक, म निीय और प्र कृविक - वटक ऊ विक स से वकय है ।मध्य प्रदे ि और र जथि न
में 18 स ल में यह 1029 ि टरिेड विक स पररयोजन ओां क आयोजन वकय है ,600,000 हे क्टेयर से अवर्क को किर और 821,000
लोग प्रभ विि. इसक मवहल ओां के स्वसह यि समूहोां को बढ ि दे ने, सूक्ष्म विि,प्रविक्षण और अन्य पहल भी अवर्क ग ां िोां के
वलए करि है ।
जलिायु पररिताि के अिुकूलि (सीसीए) पररयोजिा
ि टरिेड विक स के अल ि , WOTR आप ि स्थिवियोां में वकस नोां के वलए पर मिम की पीढी के वलए अग्रणी ग ां ि स्तर पर मौसम
के वमज ज पर निर रखने के वलए इस िरह के कृवष मौसम विज्ञ न के रूप में नय ित्व पे ि कर रह है । यह भी प नी बजट, र्सल
योजन , अनुकूली और थि यी कृवष प्रि ओां और वसांच ई प्रबांर्न से जुड़ हुआ है । इस के वलए WOTR अपनी सभी गविविवर्योां में
जैि विविर्ि की वचांि ओां को एकीकृि और ग्र मीण ऊज म आिश्यकि ओां में से कुछ को पूर करने के वलए िैकस्िक ऊज म को
प्रोत्स वहि करिी है ।
जलि यु पररििमन के जोस्खम को कम करने के क्रम में आजीविक के स्रोिोां में विविर्ि ल ने, और नई कृवष और निीकरणीय
ऊज म प्रौद्योवगवकयोां को गोद लेने में रहिे पय म िरण प्रण वलयोां के प्रभ ि के वलए प्रविवक्रय करने के वलए ग्र मीण समुद योां के अनुकूली
क्षमि में सुर् र है ।जलि यु पररििमन के अनुकूलन पररयोजन में WOTR के िैकस्िक ऊज म पहल क ध्य न केंवद्रि करने की
जरूरि है ।जलि यु पररििमन िमन के वलए क बमन उत्सजम न को कम करने की जरूरि है , गैर निीकरणीय ऊज म सांस र्नोां की
कमी के वलए अनुकूल करने की जरूरि है , वजससे असुरक्ष को कम करने, िरीके खोजने के वलए और ब ह्य ऊज म स्रोिोां पर
वनभमरि को कम करने से वििीय लीकेज से परहे ज है , वजससे आजीविक की सांभ िन ओां और थि नीय समुद योां के स्व स्थ्य की
स्थिवि में सुर् र के स र्, अक्षय स्रोिोां से थि नीय स्तर पर ऊज म क उत्प दन करने के वलए।
स्वास्थ्य में WOTR के हस्तक्षेप से कई क्षेत्रोां में वकया गया है:
समुद य के पोषण की स्थिवि को समझिे हैं - बच्चोां के विक स और हीमोग्लोवबन ।
14
0-5 उम्र के बच्चोां की ज ां च वनयवमि रूप से स्व स्थ्य और िजन, प्रेरण और मवहल ओां के प्रविक्षण को अपने बच्चोां के वलए एक
सांिुवलि आह र उपलब्ध कर ने के वलए और पररि र, आां गनि ड़ी Sevika क प्रविक्षण (एकीकृि ब ल विक स चल ने के सरक र
के प्रभ र में है जो क यमकि म ग ां िोां में क यमक्रम), और बुवनय दी स्व स्थ्य दे खभ ल वििेष रूप से पोषण, 0-5 स ल की उम्र के बच्चोां,
टीक करण, स्वच्छि और सर् ई की दे खभ ल के विवभन्न पहलुओां पर मवहल Pravartaks (मवहल स्व स्थ्य प्रमोटरोां)।
िह स्व स्थ्य उप केंद्र और बच्चे की दे खभ ल और टीक करण के वलए सरक री विभ गोां के स ि वनकट समन्वय में क म करि है ।
िह भी म ां और कुपोषण के विक र हैं , जो बच्चोां की पहच न करने के वलए और पोषण सांबांर्ी सल ह, सरल स्व स्थ्य समस्य ओां के
वलए बुवनय दी दि एां दे ने के िरीके के ब रे में प्रविक्षण वदय ज ि है ।इस के अल ि , िह म ां और बच्चे की दे खभ ल, पररि र
वनयोजन, मवहल ओां के स्व स्थ्य के मुद्दोां, घरे लू उपच र, एचआईिी / एड् स की समस्य ओां पर चच म के वलए एक समग्र विच र वदय
ज ि है ।
पेयजल एिां स्वच्छता
WOTR ने जल की कमी पर ध्य न केंवद्रि वकय है मवहल ओां और बच्चोां के वलए सभी, कवठन पररश्रम में कमी के वलए अच्छी
गुणिि ि ले जल की उपलब्धि पर ध्य न दे िे हैं । पररयोजन ओां जैसे नए कुओां, मौजूद पेयजल योजन ओां की मरम्मि, प इप
ल इन, ह ि पांप थि पन , नल कने क्शन के वबछ ने, और प्रविक्षण और प वण सवमवि (जल सवमवि) की क्षमि वनम म ण के वनम म ण के
रूप में ऐसी गविविवर्योां में ि वमल हैं ।
स्कूल जल एिां स्वच्छता पररयोजिा
WOTRपीने के प नी, सर् ई और स्वच्छि के सांिर्मन प्र िवमक में और पूिम प्र िवमक स्कूलोां की समस्य ओां को हल है वक "स्कूल
जल एिां स्वच्छि पररयोजन " ऊपर ले वलय है । इस पररयोजन के िहि मुख्य गविविवर्योां के वलए और स्कूल के भीिर प नी की
आपूविम प्रण वलयोां क वनम म ण, बेक र प नी की उवचि और पय म प्त म त्र में जल वनक सी को सुवनवश्चि कर रहे हैं , िमी और जैविक
ख द, स्वच्छि िॉक, जल प्रबांर्न और स्वच्छि विक्ष क वनम म ण, ज गरूकि अवभय न के म ध्यम से ठोस कचर प्रबांर्न स्कूल
के विक्षकोां और समुद य के सदस्योां के वलए सभी ग ां िोां और स्कूलोां / आां गनि ड़ी (वकांडरग टम न), और पकड़े क्लस्टर स्तर
क यमि ल ओां के वलए क यमि ल ओां।
चयवनि पूिम प्र िवमक और प्र िवमक विद्य लयोां के छ त्रोां को अपने घरोां और समुद योां के वलए ले जो स्व स्थ्य और स्वच्छि की अच्छी
प्रि ओां के स ि आत्मस ि कर रहे हैं । स्कूली बच्चोां को भी यह छ त्रोां के बीच स्व वमत्व की भ िन विकवसि करि है स्कूल पररसर
की सर् ई आवद, पौर्ोां / पेड़ोां और स्कूल उद्य न के रखरख ि के प नी, वनयवमि सर् ई िौच लय इक इयोां की िरह की गविविवर्योां
में ि वमल करने के वलए वसख य ज ि है ।
ररफ्लेकसि
कृवष थि नीय स्तर पर मौसम पर वनभमर है वर्र भी ििमम न में वकस नोां को उनकी खेिी के सांच लन की योजन बन ने और प्रबांवर्ि
करने के वलए है वजसके द्व र विश्वसनीय प्र सांवगक थि नीय मौसम विज्ञ न और कृवष की ज नक री िक पहुेँ च नही ां है । ििमम न में
उपलब्ध सूचन ि लुक थि नोां पर स्थिि हैं और जो मैन्युअल रूप से प्र प्त कर रहे हैं वक मौसम स्टे िनोां से सू चन ओां पर आर् ररि
है , म नसून सांच वलि मौसम प्रण ली में, थि नीय कृवष मौसम की स्थिवि, वििेष रूप से िष म , यह ां िक वक एक वकलोमीटर के भीिर
अलग अलग है , और इस िरह दू र स्थिि मौसम स्टे िनोां को थि नीय विविि ज्ञ न और पर मिम उत्पन्न कर सकिे हैं वक डे ट प्रद न
करने में सक्षम नही ां हैं । प्रौद्योवगकी हम रे जीिन चल ई पहले पहले के वदनोां में, ग ां ि के बड़ोां िे आग मी मौसम और क्य िे के
आसप स की िनस्पवि (पौर्ोां और पेड़ोां) और जीि (कीड़ोां, पवक्षयोां और ज निरोां) में मन य लग के आर् र पर उनकी कृवष
गविविवर्योां की योजन बन ई है ।यह पुनः प्र प्त दस्त िेि, विश्लेषण, उपयोग और होनह र और उपयोगी हैं वक प्रि ओां क प्रस र
करने के वलए, इस प्रक र, महत्वपूणम है ।
जलि यु पररििमन के अनुकूलन पररयोजन के कृवष मौसम विज्ञ न घटक सुवनवश्चि करि है ।
15
• थि नीय मौसम डे ट वकस नोां के वलए उपलब्ध है ।
• थि नीय समुद य को समझि है और कृवष योजन और प्रबांर्न के वलए मौसम की ज नक री क उपयोग करि है ।
• कृवष पर मिम थि नीय मौसम डे ट के आर् र पर प्रद न की ज िी हैं ।
यह कैसे काम करता है?
WOTR कृवष Meterology प्रय सोां में भ रि मौसम विज्ञ न विभ ग (आईएमडी) ने भ गीद री की है मौसम स्टे िन प्रविष्ठ नोां और
मौसम के पूि म नुम न में आईएमडी ग इड WOTR,स्वच वलि मौसम केंद्र पररयोजन ग ां िोां में थि वपि वकय गय है ।एक स्वच वलि
मौसम स्टे िन (एडब्ल्यू एस) भ रि Meterological विभ ग (आईएमडी) द्व र ि स्तविक वटप्पवणयोां के स ि एडब्ल्यू एस डे ट उत्प दन
के सत्य पन के वलए आईएमडी की िेर्ि ल में थि वपि वकय गय है . इस के आर् र पर, आईएमडी थि न वििे ष के मौसम के
पूि म नुम न प्रद न करे ग ।
इसके स ि ही ग ां िोां में इच्छु क युि ओां से वमले डे ट को पढने और प्रमुख थि नोां पर थि वपि दै वनक मौसम की ज नक री बोडम पर
उन्हें प्रदविमि करने के वलए प्रविवक्षि वकय गय है । इस क रण लोगोां को थि नीय मौसम की स्थिवि के ब रे में सूवचि वकय ज मदद
करि है ।
थि नीय मौसम की स्थिवि पर आर् ररि कृवष पर मिम WOTR से घर में कृवष वििेषज्ञोां द्व र िैय र वकय ज ि है और वकस नोां को
सूवचि वनणमय कर सकिे हैं वक इिने ग ां िोां में प्रच ररि कर रहे हैं ।
प्रमुख कीट और विविि मौसम की स्थिवि, कीट और रोगोां, स म न्य कृवष प्रबांर्न प्रि ओां, और र्सल कैलें डर को वनयांवत्रि करने
के स ां स्कृविक प्रि ओां के िहि रोग घटन ओां - - र्सल वििेष ज नक री क एक डे ट बेस पीठ के अांि सह यि प्रद न करि है .
BRIEF PROFILE OF MANDLA DISTRICT
1. General Characteristics of the District Mandla District is a district of Madhya Pradesh state in central India. The
town of Mandla is administrative headquarters of the district॰ It is part of Jabalpur Division. The district has an area
of 8771 km².
1.1 Location & Geographical Area.
Mandla is a tribal district situated in the east-central part of Madhaya Pradesh. The district lies almost entirely in the
catchment of river Narmada & its tributaries. The extreme length of the district is about 133 Kms. from north to south
and extreme breadth is 182 Kms from east to west. It covers a total area of 8771 Sq.Km. The district lies in the
Mahakoshal region, and most of the district lies in the basin of the Narmada River. The district consistently ranks
among the 20 most backward districts in India
1.2 Topography-
16
Topographic map of Mandla and the surrounding area has been derived from satellite mapping. The topographic data
has been illuminated by a light source corresponding to the position of the sun at mid afternoon in summer. Major
roads, Railways Rivers and other water features are derived from global GIS data.
1.3 FOREST
Madhya Pradesh is endowed with rich and diverse forest
resources. Lying between lat. 21°04'N and long. 74°02' and
82°49' E, it is a reservoir of biodiversity. The geographical
area of the state is 308,252 km2 (119,017 sq mi) which
constitutes 9.38% of the land area of the country. The forest
area of the state is 94,689 km2 (36,560 sq mi) constituting
30.72% of the geographical area of the state and 12.30% of
the forest area of the country.
1.5 Administrative Set Up. It has 9 development blocks, 4
tehsils, and 1214 villages. Much of the population are
adivasis (tribes people), including Gonds.
2. District at a Glance
Mandla is a tribal dominated district, located in the hilly
and forest areas of Maikal hill range of the Satpuras, in
mostly scattered habitation. The District situated in the
east-central part of Madhaya Pradesh lies almost entirely in the catchment of river Narmada & its tributaries. A district
with a glorious history, Mandla comprises of numerous rivers and endowed with rich forests. The world's famous
Tiger Sanctuary, Kanha National Park located in the district, is one of the hottest targets for both the domestic as well
as foreign tourists. The extreme length of the district is about 133 Kms. from north to south and extreme breadth is
182 Kms from east to west. It covers a total area of 8771 Sq.Km. and consists a total population of 10, 53,522.There
are 9 blocks 6 Tehsils and 1221 habitable villages in the district.
(Table 1 वचकत्स स्थिवि मांडल )
S. No
1
1
2
3
4
5
6
7
8
9
10
11
12
13
14
15
16
17
18
Indicator
Total House holds
Population
Total Male
Total Female
Rural population
Urban population
Annual or decadal Growth Rate (%)
Child population (0-6 years)
Sex Ratio**
Literacy rate
Crude Birth Rate, Total
Crude Death Rate, Total
Infant mortality rate
Under 5 mortality Rate
Neo-Natal Mortality Rate
Post Neo-Natal Mortality Rate
Maternal Mortility Ratio
Mother who received at least three
ANC during last pregnancy–Total
Institutional deliveries (%)–rural
Statistic
249,187
10,53,522
525495
527028
923309
130213
17.8
144799 (13.74% of total population)
1003
68.3%
26.0
8.7
71
89
48
23
310*
28.0
22.4
17
19
20
21
23
Women (15-49) who have heard of
HIV/AIDS (%)
Women having correct knowledge of
HIV/ AIDS (%)
Women heard of RTI/STI (%)
Number of Patients diagnosed
Malaria cases
No. of patients whose sputum was
diagnosed positive –In Tuberculosis
55.9
90.2
14.1
144652
695
*Annual Health Survey, 2010-11
Table 1 न र यण गांज स्थिवि
Community profile
यह ेँ क पूर एररय भोगोवलक और से दे खें िो िन से वगर हुआ है च रो और पह ड़ी है यह ेँ पर ग्र मो की बस हट पूरब से पवश्चम
की और है ।यह ेँ पर गोडी,अवहरि ल ,कोिि ल, बेग , आवदि सी,वनम्न ज वि के लोग प ये ज िे है ।यह ेँ पर लोग ,खेिी मजदू री,लघु
उर्ोग पर वनभमर है । कुछ लौग मजदू री कर अपनी जीिीक चलिे है ।यह ेँ पर प नी ओर खुले में िोच को ज न मुख्य समस्य है ।
यह ेँ पर लोग कुओ नल, ि ल ब पर से प नी ल िे है ,यह के लोग केिल 1 र्सल ही ले प िे है । यह ेँ पर लोग जीिीक के वलये
खेिी पर वनभमर है ,कुछ लोग पल यन कर मजदू री करिे है ,यह ेँ पर लोग कम पूजी क र्ांर् करिे है ।यह ेँ पर सयुि पररि र ज्य द
है । यह ेँ पर खेवि सांवचि और असांवचि एररय में की खेिी है ।यह ेँ पर अवर्क आयु के व्यस्ियोां में विक्ष की स्तर कम है ,परिू यह
पर बच्चो को वनयवमि स्कुल पहुच य ज ि है । यह ेँ पर प नी क स र्न कुआ टु ब्वेल, hundpump ि ल ब िल ई नही ां है । यह पर
यवद स्व स्थ्य की इस्थिवि को दे खे िो ज़्य द िर लोग लोकल िेद्य पर ही वनभमर है ,यह पर बच्चो की स्थिवि को पवत्रक सम च र पत्र
न र यण गांज
Serial
क्रम ां क
Particular
भोगोवलक स्थिवि
Number
न र यण गांज
1
क्षेत्र (sq.k.m)
399sq.k.m
2
जनसां ख्य
88394
3
अनुसूवचि जनज वि
72184
4
अनुसूवचि ज िी
8422
5
अन्य
7788
6
वलांग अनुप ि
1000/912
जो स्थिवि वदख ई गई िह इस प्रक र है ।
18
1 Organization visited and projects Undertaken
25/2/13 to 2/3/13
ग्र म – भ िल/डोगररय
क्यू जरूरी था :ग्र मीण समुद य की स्थिवि वकसी है ओर लोग दु ि र वकन वकन मुद्दो पर ग्र मीणो की क्य प्र िवमकि होिी है ।
उस पर समझ बन ने हे िु इसक चयन वकय गय ।
केसे वकया : च र समूह 1 यूि समूह, मवहल समूह, थछसह यि समूह,बुजुगम से खुले प्रक र की चच म की गई।
क्या पाया है : यह ेँ पर ज्य द िर लोग कुछ स म वजक मुद्दो पर अपने वनणमय दे िे है उद रण जगड़े ,प ररि ररक समस्य , खेिी
बटि र क वनर कण करिे है ।यह ेँ पर ग्र म में कभी कभी मीवटां ग करिे है ग्र म में होनी ि ली हर िषम १ जनिरी को मीवटां ग होिी है
वजसमें पूर ग्र म एकठ होिे है ओर िही पर ही ग्र म क मुस्खय चुन ज ि है ,वजसकी हर ब ि स ल भर ग्र म ि लोां को मन नी
पड़िी है ।इसी समय ज निरो की चरने के वलए ले ज ने ि ले क र् न के रूप मे मू ल् िय वकय ज ि है ( गुिल न ई द ई आवद
)ि दी से पहले एक मीवटां ग की ज वि है ओर लोग को अपनी वजमे द री दी ज वि है ।यह ेँ पर लोग जन्म पर ,ि दी,होली ,गांगोर,नि
19
र त्री,पर त्योह र म निे है । ग्र म में सांच र और सुचन क क म पहले १० ग्र मीण की टीम होिी िी जो ग्र म में लोग जन्म पर ,ि दी
,मरन ,त्योह र पर सूचन क क म करिे िे, परिु आजकल मोब इल क उपयोग ज्य द होि है , अब इस क उपयोग कर िुरि
कर सूचन दी ज िी है । यह ेँ पर लोग की ग्र म सभ में भ गीद री कम है क्यवक लोग यह ेँ के सवक्रय नही ां है । यह ेँ पर लोगो की
सवमवि बनी है ,परिु सवमवि यह सक्रीय नही ां है । यह ेँ पर सरपांच सवचि अपनी वहस ब से मीवटां ग करिे जो ४ मुख्य ग्र म सभ बेठक
जरुरी होिी है िह भी नही ां होिी है ।यह ेँ पर िॉटर सांथि के दु ि र जो भी क यम वकय ज ि है उसमे श्रम द न वदय ज ि है ।जो की
समुद य के वलए एक नई पहल है । वकसी भी क यम को लेकर लोग उसमे सहभ वगि से ग्र म मे जल सरक्षण के वलए ि ल ब मे खुद ई
करिे है ।यह ेँ पर पांच यिी र ज योजन ल गु है परिु उपस्थिि सदस्य द्व र यह ेँ पर योजन की पूणम ज नक री नही ां है मनरे ग की
र िी अभी िक नही ां वमली रही है। यह ेँ पर योजन बहुि चल रही है ,परन्तु पांच की सहमिी नही ां ली ज िी है ।
“जलि यु पररििमन पर लोगो दु ि र बिय गय की पहले यह पर एस ि ि िरण नही ां ि यह पहले 4 से 5 म ह िक ब ररि होिी
िी,ग्र म के सहयोग से प नी को रोकने क क यम वकय ज ि ि , यह पर पूर क्षेत्र जांगल से वघर है ,यह गमी कम होिी है ओर ठड़
अवर्क होिी िी,परिू आज एस नही ां है जांगल कट ज ने से गमी अवर्क बड़ी है ,ओर ब ररि भी समय पर नही ां होिी है । यह ेँ पर
मोसम को ले कर कुछ न कुछ पररििमन होि ही रहि है कभी कभी ि पम न बढि है कभी कभी कम होि है ऐस ही ठां ड,और
बरस ि में भी होि है । यह ेँ पर वदन क ३.२.१३ से ४ वदन ब ररि लग ि र हुई वजससे ग्र मीण की र्सल पर नुकस न से बच ि
अग्रोमेट मिीन के क रण हुआ।इससे पहले जब अगोमेट मिीन नही ां िी िब एक वकस न से ब ि करने पर बिय की इसी िरह
म चम में भी मोसम कुछ इसी िरह रह है पिुवसह वकस न के यह ेँ पूरी ५ एकड़ र्सल में मुग,चन लग ि जो पूरी िरह नुकस न
हो गय एक िरह से उसके यह ेँ जीविक क कोई स र्न नही ां है िह पल यन कर अपने पररि र क प लन कर रह है ।ि सकीय
मदद के िोर पर उसे मुआज वमलेग कह गय परिू कब वमलेग इसक कोई समय नही ां है ।“
मेरे दु िारा स्टस्व्थवत पर विचार: यह पर ज्य द आवदिसी पररि र है जह पर ज़्य द िर लोग कम पड़े वलखे है , ि सकीय ओर स हू
कर दु ि र भी इनक िोषण वकय ज ि है ।ज़्य द िर लोगो की जमीन स हूक र के प स वगरिी रखी है।ज़्य द िर लोगो क व्यिह र
अच्छ है ,लोग केिल खेिी ओर मजदू री पर ही वनभमर है यह पु रुष प्रर् न होने के क रण मवहल ओ की सहभ वगि कम है मवहल ओ
दु ि र ज़्य द िर केिल घरे लू ओर खेिी में सहयोग वकय ज ि है यह पर लोगो दु ि र वहन्दी ओर प रसी भ ष बोली ज िी है
अवर्किर बुजुगम लोग कुि म र्ोिी पहनिे है जबवक युि लोग पेंट िटम पहनिे है मवहल ओ दु ि र स ड़ी पहनी ज िी है स स्क्रविक
क यमकम में हर मांगल ि र र म यण क प ठ अलग अलग घर में क्य ज ि है ,ि दी क यम में पुरुष िगम दु ि र लड़की ि लोां को
20000 से 40000 िक र वि दी ज िी है । ि दी में प्रत्येक घर से हर एक व्यस्ि दु ि र ि दी ि ले घर में सहयोग प्रद न वकय ज ि
है । लोगो दु ि र अांर् विश्व स ज्य द है , यह पर वजसकी बुस्द्ध कम होिी है उन लोगो को ब ब के प स ले जय ज ि है उनक
म नन है िह इसे लोग ठीक हो ज िे है ।यह पर सरपांच ओर सवचि क व्यिहर समुद य के स ि ठीक नही ां है िह हर क यम के पेसे
म गिे है , यह दे िी िर ब क सेिन पुरुष िगम ओर मवहल दोनोां के दु ि र वकय ज ि है । पह ड़ी क्षेत्र होने के क रण ब ररि क
प नी यह रुक नही ां पि है ओर बह कर चल ज ि है । िॉटर दु ि र जो वकस नो के यह प नी को रोकने क क यम वकय ज रह है
िह सरहनीय है ।यह पर पूर ग्र म 4 कुओ पर वनभमर है ।लोगो दु ि र केिल कुछ स म वजक मुद्दो पर ही चच म होिी है , पांच ओर
मवहल ओ की वनदम ण्य प्रवक्रय मे भ गेदरी नही ां ली ज िी है । यह पर िॉटर दु ि र अच्छ क यम वकय ज रह है मेने िह पर वपछले
िषम वकसनोां के यह जो कांटू र वनम म ण कर य गय है िह पर पुन वमट्टी भर चुकी िी।इसक सबसे बड़ क रण लोगो को इसकी
सुरक्ष वकसे करनी है इसकी ज नक री नही ां है । अि लोगो दु ि र मेड़ोां पर ध्य न कम वदय ज न है । लोगो को इसक सुरक्ष के ब रे
में भी बि न जरूरी है ।
2 Understanding of PHC health and public health SYSTEM
3.2.13 11 2.13
बीजेग ि /हर वटकुर
इसकी क्य जरूरि िी : ग्र मीण समुद य में लोगो िक वकस प्रक र की स्व स्थ्य सविमस वमल रही है उसक मूल् ां कन करन स ि
ही समुद य ि सविमस प्रद न करि के बीच केस सांबांर् है ।
20
केसे वकया : व्यस्िगि चच म ,ए एन म,एमपीडबल्ू, अगनि ड़ी क यमकि म , िॉक मेडीकल ऑवर्सर ये सभी से खुले प्रश्न पूछे गये,
उप स्व स्थ्य केद्र की ज नक री प्रपत्र के दु ि र पूणम वकय ज ि है ।
स मुद वयक स्व स्थ्य केद्र भ्रमण
Table 2 STAFF IN PHC NARAYANGANJ
Table 4 CHC-MATTERNAL AND NEONATAL CAR IMR/MMR
क्रम क
नम
पद
1
िॉक मेवडकल ऑवर्सर
2
डॉ एम एल चोरवसय
सडॉमुएल
द वयक
स्थ्य केंद्र
एम स्व
कोल
3
क्रम ां क
4
1
5
2
6
मदन ल ल परिे
िषम
नरे ि श्रीि स्ति
2011-12
कमलेि
2012-2013
केल ि सोनी
7
सेिक
ि डम बॉय
8
र्ममल ल
ि डम बॉय
9
वदपक
ि डम बॉय
िहसील
सांख्य
1
1
अस्सीटें ट मेवडकल ऑवर्सर
स मुद वयक
No.of
वििीय
केंद सांख्य
cemones
वििीय
1
1
दि ई
1
1
लेब टे कनीवियन
प्र िवमक स्व स्थ्य
केद्र सांख्य
उप स्व स्थ्य केद्र
सांख्य
1
24
1
24
Table 5 : Geographical features
न र यण गांज
भोगोवलक स्थिवि
1
विल वचकत्स दू री
45 k.m
2
क्षेत्र
399
3
जनसां ख्य
88394
4
ग्र म पांच यि
49
5
ग्र म
128 and 1 village in viran
6
भ्रमण
121 village
7
Table 6 पुनि म स
भ्रमण नही ां
7 village
पोषण आह र
क्रम क
िषम
भिी बच्चो की सांख्य
मूल् ां कन
1
2009
6
0
2
2010
138
299
3
2011
158
144
4
2012
176
187
5
2013
37
45
Total
515
675
21
Table 7 Malariya data
मलेररय
क्रम ां क
िषम
E.p. Colleat
Total poivesat
P.f
A.b.i.r
A.p.i
S.p.r
1
2009
176270
525
223
21.9
6.5
2.9
2
2010
13827
159
38
16.8
1.9
1.1
3
2011
14777
217
74
17.4
2.5
1.4
4
2012
18377
414
133
21.14
4.7
2.2
5
2013
17488
Table 8 सीएचसी सविमस न र यण गांज
192
11
19.36
2.1
1
क्रम ां क
स मुद वयक सविमस
सांख्य
1
स मुद वयक केद्र
1
2
प्र िवमक स्व स्थ्य
1
3
उप स्व स्थ्य
24
4
ग्र म
128
5
ग्र म आरोग्य केद्र
128
6
ग्र म सभ स्व स्थ्य ग्र म ििसवमवि सवमवि
128
7
पांच यि
49
8
आयुिेवदक वचकत्स लय
2
9
मेवडकल ऑवर्सर
3
10
M.i
Nil
11
B.e.e
Nil
12
ऑवर्स बॉय
1
13
N.m.s
1
14
N.m a
Nil
15
लेब टे कनीवियन
2
16
Lhv
2
17
S/n
4
18
Mpw
12
19
ए एन एम
23
20
आि
125
21
रे वडयो ग्र र्र
Nil
दि ई वििरण
22
1
क्या पाया है :यह पर अगनि ड़ी क यम कि म दु ि र गभमििी मवहलोां को बुल कर ज च की ज िी है यह पर सब उप स्व स्थ्य केंद्र
बांद रहि है बच्चो क वटक करण A.N.M /A.P.W दु ि र घर घर ज कर वकय ज ि है स ि ही मलेररय ,टी॰ बी की ज च वक
ज िी है ।गभमििी मवहल क स मुद वयक केंद्र में प्रसि कर य ज ि है । यह पर अगनि ड़ी क यमकि म ओर आि क व्यिह र
लोगो के स ि अच्छ है परिू ए एन म ओर एपीडबल्ू व्यिहर ठीक नही ां है इसवलए लोगो दु ि र उनके प स इल ज नही ां कर य
ज ि है िह ज़्य द िर लोकल वहल र के प स ज िे है स्कूल में भी बच्चो के वलए कोई स्व स्थ्य विविर नही ां लग य ज ि है । यह पर
गभमििी प्रसि क क यम द ई के दु ि र वकय ज ि है ।यह पर सक्रवमि बीम री के ब रे में लोगो को कम ज नक री है ,यह पर वपछले
3 िषम पहले स्व स्थ्य विविर लग ि ।
22
यह पर िन क्षेत्र अवर्क है ज़्य द िर यह जड़ी बूटी प ई ज िी है यह लोकल के िेद्य है जो ग्र मीणो को जड़ी बूटी प्रद न करिे है ।
आगनि ड़ी में आगनि ड़ी क यमकि म चांदरलि से ब ि करने पर बिय गय की यह पर अगनि ड़ी मे 40 बच्चे है ,यह प्रविवदन
आगनि ड़ी लग ई ज िी है बच्चो को सुबह से र्ुली ओर दोपहर में दल सब्जी आवद प्रद य वकय ज ि है ।यह पर आरोग्य केद्र है
वजसके रे क डम अर्ूरे है ।
विष्कषा : अगनि ड़ी भिन कच्च है वजसके वगरने क डर है , यह पर अगनि ड़ी क यम कि म क व्यिह र ठीक है यह पर बच्चो
के वलए िोच ल य की व्यिथि नही ां है बच्चो के वलए पीने के प नी प्ल स्स्टक क खुल टें क है वजसको ढकने की व्यिथि नही ां है ।
परिू आि ओर अगनि ड़ी क यम कि म के बीच समनव्य ठीक नही ां है क्यूकी एक ऊच ज िी की ओर एक वनम्न ज िी से है ।आि
के प स रे क डम प्रबांर्न क क यम अवर्क है ।आि के इन सेंटीि को लेकर भी विभ ग से मि भेि है ।
िीएचएससी के दु ि र आि के क यो में सपोटम नही ां वकय ज रह है िीएचएससी सदस्यो में सवमवि में कोन कोन है इसकी
ज नक री नही ां है । लोगो क आयुिेवदक िेद्य पर पूणम विश्व स है की लोग इससे ठीक होिे है ।यह पर ए एन एम क व्यिह र ठीक
नही ां है ।मेने यह उप स्व स्थ्य केद्र अवर्किर बांद दे ख है यह वसर्म भिन बन रख है , लोगोां के स ि भी उनक अच्छ सांबांद्ध नही ां
है ।न र यण गांज में स मुद वयक स्व स्थ्य केंद्र है जह पर कोई वििेषज्ञ डॉ नही ां है यह अवर्किर गभमििी मवहल ओ क प्रसि क यम
नसम दु ि र वकय ज ि है यह पर कोई लेबटे कवनिीन नही ां है ।यह पर ज्य द सेररएस सीएएसएच केि को जबलपुर ओर मांडल
भेज ज ि है ।जब र् मेवसस्ट से पूछ गय की आप के यह एक्सपयरी दि ओ क रे क डम हे वकय परिू इस कोई रे क डम नही ां है
बिय गय ।
12.3.13 -17.3.13
थि न - मांडल
3 UNDERSTANDING NRHM AND COMMUNITIZATION
राष्टटरीय ग्रामीण स्व्टिास्व्ट्टय वमिि के मुख्य
ट उद्दे श्टय
❖ वििु मृत्युदर और म िृत्ि मृत्युदर में कमी ल न
❖ प्रत्येक न गररक को लोक थि थ्य सेि ओां िक पहुां च सुलभ कर न
❖ सांच री और असांच री रोगोां की रोकि म ि वनयांत्रण
❖ जनसांख्य वनयांत्रण के स ि-स ि वलांग ि जन स ां स्ख्यकीय सांिुलन सु वनवश्चि करन
इसकी क्या जरूरत थी : ग्र मीण समुद य में लोगो िक वकस प्रक र की स्व स्थ्य सविमस वमल रही है उसक अिलोकन करन ।
केसे वकया : व्यस्िगि चच म , मुख्य क यम प लन वचवकत्स अवर्क री ओर 5 स्ट र् सदस्य से खुले प्रक र क प्रश्न पूछे गये।
क्या पाया है :सांस्व्थागत व्यिस्व्था:
ग्र मीण स्व स्थ्य एिां िौच लय सवमवि (ग ेँ ि स्तर पर इसमें पांच यि प्रविवनवर्/ ए.एन.एम/ एम.पी.डब्ल्यू, आेँ गनि ड़ी सेविक , विक्षक,
आि , स मुद वयक स्व स्थ्य स्वयांसेिी)।
स िमजवनक अस्पि ल के स मुद वयक प्रबांर्न के वलए रोगी कल् ण सवमवि
वजल स्व स्थ्य प्रमुख- सांयोजक एिां सभी सांबांवर्ि विभ ग सवहि वजल पररषद के नेिृत्व में वजल स्व स्थ्य वमिन।
स्व स्थ्य एिां पररि र कल् ण सवमवि की अध्यक्षि में अवर्क र सांपन्न क यमक्रम सवमवि वमिन की क यमक ररणी वनक य होगी।
सामुदावयक स्तरीय
23
ग्र म स्तर पर स म न्य बीम री के इल ज के वलए दि ई वकट के स ि प्रविवक्षि स मुद वयक स्तरीय क यमकि म की उपलब्धि य
व्यिथि करन । वनवश्चि वदन/महीन को प्रत्येक आेँ गनि ड़ी केन्द्र पर स्व स्थ्य वदिस क आयोजन करन ि वक प्रविरक्षण बच्चे के
जन्म पूिम य उसके पश्च ि ज ेँ च के वलए एिां म ि ि वििु स्व स्थ्य से सांबांवर्ि स्व स्थ्य सेि एिां पोष ह र आवद के ब रे में आिश्यकि
की पूविम की ज सके।
स्व स्थ्य उप-केन्द्रोां एिां अस्पि ल स्तर पर स म न्य बीम ररयोां के इल ज के वलए औषवर् की व्यिथि करन ।स िमजवनक स्व स्थ्य
केन्द्र/स मुद वयक स्व स्थ्य केन्द्र स्तर पर वनवश्चि रूप से डॉक्टर, दि एिां गुणिि पूणम सेि के स ि अच्छे अस्पि ल की सेि उपलब्ध
कर न । स्वयां नि हो ज ने ि ले वसररां ज के म ध्यम से स िमभौवमक प्रविरक्षण की सुविर् मुहैय कर न । इस क यमक्रम के अांिगमि
िैकस्िक टीक वििरण एिां समुन्नि पररभ्रमण सेि की व्यिथि करन । गरीबी रे ख से नीचे जीिन बसर करने ि ले लोगोां के वलए
जननी सुरक्ष योजन के िहि रे र्रल, पररिहन ि रक्षक सुविर् के स ि उन्नि सांथि गि प्रसि की व्यिथि एिां कम मूल् पर उवचि
अस्पि ल सुविर् की उपलब्धि
जििी सुरक्षा योजिा
भ रि सरक र द्व र जननी सुरक्ष योजन क िुभ रां भ सुरवक्षि म िृत्व ि सुरवक्षि जन्म के पररण म को बढ ि दे ने के वलए र िरीय
ग्र मीण स्व स्थ्य वमिन के अांिगमि गवठि प्रजनन ि वििु सुरक्ष प्रकि-2 के अांिगमि वकय गय है । इस योजन के िहि, गरीबी
रे ख से नीचे जीिन य पन करने ि ली गभमििी मवहल को, उसके द्व र सरक री अस्पि ल अिि जन स्व स्थ्य केन्द्र में प्रसूवि
करि ने पर 700 रुपये दे य होांगे। इस योजन क मुख्य लक्ष्य है , ग्र मीण क्षेत्रोां में , सुरवक्षि सांथि न में प्रसूवि करि न , इसके
अांिगमि गभमििी मवहल , उसके स ि एक य दो पररि र के सदस्य, इन सभी क आि गमन, उसके स ि दो से िीन वदन रहन ,
इस दौर न उनक भोजन, मिदू री क नुकस न आवद पूर करने क ध्य न रख ज ि है ।
ग्रामीण से चचाा :
ग्र म मे एन आर एच एम के ब रे मे ब ि करने पर बिय की यह पर जननी सुरक्ष योजन दु ि र जो भी योजन चल रही है
उसक ल भ वमल रह है जननी सुरक्ष योजन मे जेसे मवहल गभम से होिी है उसक न म आगनि ड़ी मे आि दु िर न म
वलख ज ि है ,ओर हर म ह मवहल की ज च होिी है ओर है 9 के ब द ि हन आि है ,ओर बच्चे के जन्म के ब द मवहल को
र वि दी ज िी है ,यह आि क क यम ठीक है ग्र मीण से आि क म ठीक है वनयवमि है इन लोगो दु ि र स्व थि पर ग्र मीणो से
ब ि की ज िी है ओर उनको वकसी िरह ल भ वदल य ज ि है ।
My experience at my field placement at WOTR, Jabalpur
1. Title of the Programme: Peer Group Assessment (PGA)
•
•
•
•
•
•
Name of Villages Attending the Training: Dobhi, Dobha & Salhepani
Name of Organising Institute with Address: Watershed Organisation Trust, Jabalpur
Name of Staff: Shrikant Kankirad, Ashish Patel & Anil Desai
Duration of the Visit: 06/05/13 to 08/05/13 (3 Days)
Venue of the Visit: Village Partala, G.P Chatra, Narayanganj, Mandla
Number of Participants:
Table 9 सहभ गी की सांख्य
Number Of Trainees
17
•
Trainer
Internal
2
External
0
Support Staff
Total
5
24
Details of Faculty
24
Table 10 सांदवभमि व्यस्ि
S. No.
Name
Org
1
Ashish Patel
WOTR- Jabalpur
2
Anil Desai
WOTR- Jabalpur
•
Description-
Day 1- Introduction- The training was started with introduction of all participants followed with motivational song
“Hum Honge Kamyaab”.
Session I- This session was started with introduction of Peer Group Assessment (PGA) and participant were informed
about the reason behind conducting it in other village. Followed with introduction, the overview had been given to all
the participants and along with it, the importance of PGA was also explained.
Session 2- This session was conducted with an objective to explain them the method of gathering information from
villagers under PGA. In this session all the formats of VDCs, SHGs, SMSs and SAC were explained them thoroughly.
Along with discussion on formats participants were also explained the method of filling all the formats so that actual
result can come at the end
Day 2- In day 2, the participants were explained the method of data collection for all formats. Followed with it, mock
interview sessions were conducted on each and every format of VDC, SHG, SMS and SAC so data collection can be
understood vwell by the participants and there would be no or less chance of error remain. Along with it, participants
were divided village wise into number of group for data collection of each format.
Day 3- This day was dedicated purely for data collection. In morning all the team had meeting that who has to go
where so that instant change can lead to no or less favourism. Whole day spent for data collection and in the evening
all teams met and sahred their experiences.
2. Discussion on Water and Sanitation with VHSC
उद्दे श्य :ग्र म सभ स्वथि ग्र म िदिम सवमवि की बेठके लेन !
ग्र म सभ स्वथि ग्र म िदिम सवमवि के सदस्यो क क्षमि िर्मन करन !
आि के क यो क आकलन करन !
आि को समुद य ि अपने द वयत्व के प्रवि ज गरूक करन !
गवतिीवर्:जून म ह मे मांडल वजले के न र यण गांज ि क के िीन ग ां िो भ िल, बीजे ग ि , हरटी कूर मे उपरोि अनुस र वनम्न उद्दे श्योां
को लेकर ग्र म सभ स्वथि ग्र म िदिम सवमवि की बेठकोां क आयोजन वकय गय
25
ग्र म भ िल ग्र म सभ स्वथि ग्र म िदिम सवमवि की बेठक
पूिम वनयोवजि इन िीन ग ां िो मे ही िेठकोां क आयोजन हो प य ,वजन िीन ग ां िो मे ग्र म सभ स्वथि ग्र म िदिम सवमवि की बेठकोां
क आयोजन वकय गय उनमे सिमप्रिम सभी सदस्यो को ग्र म सभ स्वथि ग्र म िदिम सवमवि की रूपरे ख ,गठन की प्रवक्रय ,क यो
ि सदस्यो के उिरद वयत्व के ब रे मे ज नक री दी ! ओर सवमवि मे जो अन बध्य र वि आिी है उस र वि को स्व थि ि स्वच्छि के
मुद्दो पर वकस प्रक र से वनयोवजि िरीके से खचम करन है उसके ब रे मे ज नक री दी !
Table 11 क यम योजन वनम म ण च टम
कायायोजिा विमााण चाटा
क्र
मुद्दे/समस्य
गविविवर्
कोन कोन करे गे
सांस र्न
1
मलेररय
1 प नी भरे गड्ो को पुरन
2 केरोवसन क वछड़क ि
आि ि सवमवि के च र
अन्य सदस्य
िग री, गेिी
केरोवसन
2
न वलयो ि सड् को की सर् ई
न वलयो ि सड् को की सर् ई
करन !
1मजदू र (सवमवि
प ेँ च
सदस्यो
म गमदिमन मे)
िग री झ ड़ू
फ़ उड़ ,
के
के
फ़ उड़ ,
गेिी
इस प्रक र से क यमयोजन वनम म ण च टम बन कर ग्र म सभ स्वथि ग्र म िदिम सवमवि के सदस्यो क क्षमि बर्मन कर उन्हे स्व थि ि
समुद य के प्रवि जब िदे ह बन ने क प्रय स वकय गय !
आिा के कायो का आकलि करिा :- र्ील्ड विवजट के दोर न आि के क यो क मूल् ां कन करने क भी प्रय स वकय गय
सभी आि वनयवमि रूप से वटक करण मे सहयोग करिी है ! गभम ििी म ि को प्रसि पूिम ि प्रसि ब द दे खभ ल ि ज नक री दे िी
है ! समय पर जननी एक्स्प्रेस को सूचन दे िी है ! हमे ि सांथि गि प्रसि के वलए प्रेररि करिी है ! मवहल ि पुरुष नसिांदी के वलए
भी लवक्षि दां पवियोां को प्रेररि करिी है !
26
इसके अविररि आि को इन क यो के अल ि क यम आर् ररि स्वीक्र्ि प्रोत्स हन र वि के ि रे मे भी ज नक री दी ओर बि य की
इन क यो के म ध्यम से आप अविररि प्रोत्स हन र वि भी प्र प्त कर सकिी है समुद य से जुड़ ि के वलए वनयवमि गृह भे ट करे !
प्रवि म ह ग्र म सभ स्वथि ग्र म िदिम सवमवि की िेठकोां क आजोजन करे बेठक मे सभी की ब िोां को सुने ि बेहिर क योजन क
वनम म ण करे ।
ररर्लेकसन :स्वथि ग्र म िदिम सवमवि की वनयवमि बैठकोां क आयोजन नही हो
प रह है ।सवमवि के सदस्यो क योगद न िहुि कम है आि ग्र म
सभ स्वथि ग्र म िदिम सवमवि के रवजस्टर को सही से मेंटेन नही कर
प रही है !
अभी िक पुर ने सदस्य के ही है नई सवमवि (ग्र म सभ स्वथि ग्र म
िदिम सवमवि) के नही। आि ि सवमवि के सदस्यो क प्रविक्षण
जरूरी है ।
3. Discussion with local women on sanitation
प्रविक्षण % मवहल ओ को स्व्ि के प्रवि ज गरूप करन
वदन क
% 17-09-2013
प्रविभ गी
% 20
थि न
% परिल
प्रविक्षण कि म
: प्रिेि िम म
ि टर ऑगमन इिेिन टर स्ट पररयोजन सांकुल न र यण गांज में ग्र म परिल मे मवहल ओ को स्व्ि के प्रवि ज गरूप करन पर
वदन क 17.9.13 को एक वदिसीय प्रविक्षण वजसमे मवहल ओ को स्व्ि के प्रवि ज गरूप करन के उदे श्य से प्रविक्षण में 20 ग्र म
की मवहल अगनि ड़ी क यमकि म दु ि र भ ग वलय गय सबक पररचय लेकर सांकुल से प्रिेि िम म दु ि र 8 ग्र म मे चल ये ज रहे
िॉटर ओर थछ्ि के ब रे मे बच्चो को अथछ्ि के क रण होने ि ले नुकस न पर ज नक री दी ज िी है ।एि बि य गय की ग्र म में
प नी ओर अथछ्ि की समस्य ज द है इस क रण यह पर आप सभी मवहल ओ को एकवत्रि होकर इस समस्य को लेकर सोचन
च वहए।
मवहल ओ दु ि र बिय गय की यह पर प नी ओर िोच की समस्य है
हम लोगो को खु ले मे िोच के वलए ज न पड़ि है हम रे मन मे डर रहि
है इसवलए स ि मे वकस न वकसी को स ि मे ले ज िे है कभी भी स प व्यस्ि
गि दू र घटन होने क खिर बन रहि है हम लोगो दु िर कई ब र पांच यि
मे प्रपत्र प्रद य वकए गए पर हम री कोन सुनि है करि दे गे/ जल्दी से
बनि दे गे कहिे है पर आज िक कुछ नही ां हुआ। यही नही ां आगनि ड़ी मे
भी िोच की व्यिथि नही ां है इिनी उच ई पर अगनि ड़ी है बच्चो को वगरने
क खिर हमेि बन रहि है
27
मवहल दु ि र बिय गय की हम रे बच्चे घर मे आक र िॉटर के दु ि र जो थछ्ि क यमक्रम चले ज रहे है िह बहुि अच्छ है
वजसमे हमे अथछ्ि के क रण होने ि ली बीम री के ब रे मे ह ि र्ुल ई थछछि खेल के म ध्यम से िोच के ब द ओर ख न ख ने के
पहले ह ि डु ल ई आििक है इस ब रे मे हम लोगो को बि िे है आज हम यह कह सकिे
की हम री आदिोां मे पहले की अपेक्ष बदल ि हुआ है आज हम सभी ख न ख ने के पहले
ओर िोच के ब द ह ि जरूर र्ोिे है
अांि मे 10 बच्चो के दु ि र अपने म ि वपि को थछछि सांदेि वदय ज रह है िह सर्ल है
मवहल ओ को थछछि की ज नक री अपने अपने बच्चो दु िर वमली ओर मवहल क एक
सवक्रय समूह बन सकि है यह मवहल मण्डल सवक्रय है वजसमे यह प्रपत्र वलख कर अपनी
समस्य को बि सकिी है
Research project
अनुसांर् न
Community Health Learning Program 2012-13
An Exploratory Qualitative Study on the
Reasons for Practicing Open Defecation
and Non-use of Constructed Toilets in
Rural Madhya Pradesh
By – Pravesh Verma
lkjka’k
Þxzkeh.k leqnk; esa yksx ’kkSpky; D;qW ugha cuk jgsa gSa]vkSj ftUgksus cuk;k gSa
og yksx bldk mi;ksx D;qW ugha dj jgs gSa & ;g ik;ysV v/;;u gSaÞ
y{; %& yksxks dks ikuh vkSj LoNrk ds ek/;e ls csgrj LokLF; eqgS;k djokus ds fy,
Ik`"BHkwfe %&yksxks rd csgrj LokLF; lsok feys blds fy;s dbZ lkyks ls LOkkLF; ds
{ks= esa vusdksa dk;Z vkSj vuqla/kku fd, tk jgs gSa] fQj Hkh yksxksa rd bl {kS=
esa dbZ vlekurk ikbZ xbZ gSaA tgkW rd ty vkSj LoPNrk dh ckr dh tk, rks vkt Hkh
yksx bl lEkL;k dk leuk dj jgs gSaA iwoZ ppkZ ds vuqlkj ;gkW ij [kqys esa ’kkSp dh
leL;k ,d fo"ks’k eqÌk gSa]vkSj ;gkW ij ’kkldh; ;kstuk ds }kjk Hkh ykxks dks lg;ksx
28
fd;k tk jgk gSaA vr% bl v/;;u ds ek/;e ls ;g tkuus dk iz;kl fd;k tk jgk gSa] fd leqnk;
fufeZr ’kkSpky; dk mi;ksx D;qW ugha djuk pkgrs gSaA
fof/k %& ;gW v/;;u e/; izns’k ds eaMyk ftys ds ukjk;.kxat Cykd ds xkWo Hkkoy
esa fd;k x;k] bl v/;;u esa duosUklh lsaifyx vkSj xq.kkRed i)fr dk mi;ksx fd;k x;k
gSa] blesa vkdMks+ dks ,df=r djus ds fy;s lk{kkRdkj o leqg ppkZ fd x;h gSa]MkVk
dk laxzg.k vksfM;ks jsdkfMZx }kjk fd;k x;k gSaA
ifj.kke %& bl v/;;u ls leqnk; ds ykxksa }kjk [kqys esa ’kkSp tkusa ds dkj.kksa ds
fo"k; esa tkudkjh feyh gSa fd &
leqnk; dks [kqys esa ’kkSp tkusa ls gksus okys nq"ifj.kke ds fo"k; esa tkudkjh
ugha gSaA
xzke iapk;r ds lnL;ksa }kjk viuh ftEesnkjh ls dk;Z ugha fd;k tk jgk gSaA
ctV dh leL;k
’kkSpky; fuekZ.k fd lkexzh dk le; ij uk feyuk A
vkfFkd leL;k ¼leqnk; ds ikl fuekZ.k ds fy;s :i;ksa fd deh ½
xjhch
f’k{kk dh deh ‘
’kkldh; foHkkx }kjk dk;kZ dh le; ij fuxjkuh ugha fd;k tkukA
xzke Lrj ls ysdj ’kklfd; Lrj ¼Cykd& ftyk½ rd Hkz"Vkpkj A
ppkZ %&
;gk ij izfro"kZ cPpksa dks Mk;fj;k] ldscht vkfn chekjh;kW gksrh jgrh gSa] ljdkjh
foHkkx }kjk leqnk; fd t:jrksa ds vuqlkj iz;kZIRk ’kkSpky; dk fuekZ.k ugha djok;k
x;kA o"kZ 2009 esa fueZy Hkkjr vfHk;ku ds varxZr dqN ’kkSpky; dk fuekZ.k djok;k
x;kA xzkfe.kksa dk ekuuk gSa fd ’kklu ds }kjk flQZ [kkukiqfrZ ds fy;s bl xkWo esa
’kkSpky; fuekZ.k djok;s x;s gSaA ’kklu ds }kjk flQZ ’kkSpky; fuekZ.k fd;k tk jgk
29
gSa] leqnk; ds O;Okgkj ifjorZu o iq.kZ tkudkjh ij dksbZ Bksl dk;Z ugha fd;k tk jgk
gSaA
30
1- izLrkouk
[kqys esa ’kkSp Hkkjr esa ,d pqukSrh %&
U;q fnYyh esa 16 vDVqEcj 2013 dks lcls cM+s Þjk"Vªh; ’keZ fnolÞ ij [kqys esa ’kkSp ds fojks/k esa
djhc 600 djksM+ks yksx ,df=r gq,A Hkkjr dh tux.kuk 2011 ds vuqlkj yksxksa ds ikl Vh-oh- vkSj
Qksu @eksckbZy dk izfr’kr T;knk gSa ijUrq ’kkSpky; dk izfr’kr de gSaA vr% [kqys esa ’kkSp tkuk ,d
cgqr cM+h leL;k gSaA
fo’o LokLF; laxBu vkSj ;wfuls+Q dk vuqeku gSa] fd 620 djksM+ yksxksa dks [kqys esa ’kkSp
tkuk] iM+rk gSa] [kqys esa ’kkSp tkuk Hkkjr ds fy;s ,d lkekftd o vkfFkZd leL;k gSaA fo’o esa lcls
T;knk cPPksa Hkkjr esa gSa djhc 500 yk[k cPpsa 18 o"kZ ls de mez ds gSaA Hkkjr esa izfro"kZ djhc
6yk[k cPpksa dks Mk;fj;k vkSj fueksfu;k ds dkj.k [kks nsrs gSaA Mk;fj;k dk lcls cM+k dkj.k
cSDVhfj;y iznq"k.k]lkQ ikuh o vkl &ikl ds okrkoj.k dk LoPN u gksuk] [kqys esa ’kkSp djuk] ’kkSpky;
dk iz;ksx uk djuk]O;fDrxr LoPNrk dk u gksuk mnk- ’kkSp dss ckn lkcqu ls gkFk uk /kksuk vkfn (The
open defecation challenge in India)
LoPNrk & O;fDrxr le> ’kq) ty vkSj okrkoj.k fd LoPNrk uk gksus ls LokLF; dks lh/kk izHkkfor djrh
gSa] v’kq) ty vkSj vLoPNrk ds dkj.k Mk;fj;k tSlh fcekjh;kW gksus dk [krjk cM+k tkrk gSa] LokLF;
jgus ds fy;s ’kq) ty vkSj LoPNrk cgqr egRoiq.kZ jksy vnk djrh gSa] leqnk; dks LokLF; jgus ds fy;s bu
nksuks dk Kku gksuk cgqr vko’;d gSa
The World Health Organization states that:
"Sanitation generally refers to the provision of facilities and services for the safe disposal of human urine
and feces. Inadequate sanitation is a major cause of disease world-wide and improving sanitation is known
to have a significant beneficial impact on health both in households and across communities. The word
'sanitation' also refers to the maintenance of hygienic conditions, through services such as garbage
collection and wastewater disposal. (“WHO | Sanitation,” n.d.)
nqfu;k esa yxHkx nks frgkbZ ¼64%½ tu la[;k esa ls 15% yksxks dks [kqys esa ’kkSp
tkuk iM+rk gSaA LoPNrk dh deh ,d xaHkhj leL;k gSa];g ekuo xfjek ds fy, vieku dh ckr
gSa] blds dkj.k vkl&ikl ds vjcksa yksx izHkkfor gksrs gSaA(“WHO | Progress on sanitation
and drinking-water,” n.d.)
Table 12 - e/; izns’k esa [kqys esa ’kkSp dh fLFkfr
31
States
%
of Averag Populatio
HHs
e HH n
having
Size
Access
to Toilet
Facility
Total No. HHs
of HHs
having
Access
to Toilet
Facility
Populati
on
having
Access
to Toilet
Facility
Persons
going for
Open
Defecati
on
Madhya
Pradesh
Bihar
37.1
4.7
5730574
25.9
5.2
Chhattishgarh
26.5
4.5
1544629
0
1996243
0
5675599
1504034
2693369
7
2688540
1
6768152
Jharkhand
26.4
5.1
6469851
1708041
8711007
4566386
8
7691923
6
1877204
4
2428523
1
7259756
5
1038046
37
2554019
6
3299623
8
5170269
Kerala
Karnataka
4 -HH- Household, %- PercentageSource: Indian Official Statistics
In eight high focus states of India over 73.5 million households are still defecating in open and the m.p in
mandla distric to toilet facility 13.3 and 86.7 people is defecating in open॰(Malhotra, n.d.)/ Source: Census
of India-2011 vkSj lh-,p-,e-vks eaMyk
Table 13: Hkkoy xzke esa ’kkSpky; fd fLFkfr ¼iapk;r fLFkfr ds vk/kkjHkwr losZ{k.k ¼csl ykbu losZ½
क्र.सां. घटक
1
dqy ?kj
’kkSpky;
fd
orZeku miyC/k
la[;k
0
2
3
4
5
vuqlwfpr tkfr ds dqy ?kj
vuqlwfpr tutkfr ds dqy ?kj
lkekU; dqy ?kj
dqy Ckh-ih-,y ,p-,p (’kkSpky; la[;k)
0
’kkSpky;
fd dqy
orZeku miyC/k
la[;k
544
264
544
40
98
406
264
6
7
8
dqy ,-ih-,y ,p-,p (’kkSpky; la[;k)
Ldwy esa dqy ’kkSpky; fd la[;k
vkWxuokM+h esa dqy ’kkSpky; fd la[;k
0
4
1
280
1
0
280
5
1
(Ministry of Drnking Water & Sanitation, n.d.) ”
Table14 : Hkkoy xzke esa fueZy Hkkjr vfHk;ku dk y{;
क्र.सां.
घटक
ट रगेट (बेस ल इन उपलस्ब्ध
सिे के अनुस र)
वििरण
32
आई .एच .एच. एल. बीपीएल (िौचालय 264
के वबिा)
आई. एच. एच. एल. एपीएल (िौचालय 280
के वबिा)
हाउस होल्ड की सांख्या (सामुदावयक 0
िौचालय का उपयोग)
264
4
कुल आई एच एच एल (िौचालय के 544
वबिा +र्र की सांख्या जो समुदाय के
िौचालय का उपयोग करते हैं )
544
5
स्कूल िौचालय
1
4
4
6
आां गििाडी िौचालय
0
1
1
7
स्वच्छता पररसर
0
0
0
1
2
3
280
110
0
0
Hkkoy xzke esa dqy 544 ?kj gSa] ftlesa 264 ?kj ch-ih-,y dkMZ /kkjdks ds vkSj 280 ?kj
,-ih-,y dkMZ /kkjdks ds gSaAfueZy Hkkjr vfHk;ku ds vUrxZr losZ ds vuqlkj 110 ?kj esa
’kkSpky; dk fuekZ.k fd;k x;k gSa] 434 ?kjksa esa ’kkSpky; dk fuekZ.k ugha fd;k x;kA bl
dkj.k 434 ?kjksa ds yksxks ds [kqys esa ’kkSp ds fy;s tkuk iM+rk gSaA(cencus of india-2011,
n.d.)
2- v/;;u ds mÌs’; %&
• xzkeh.k leqnk; ds [kqys esa ’kkSp tkus ds dkj.kksa dks tkuus ds fy;s A
• xzkeh.k leqnk; ds }kjk fufeZr ’kkSpky; dk mi;ksx u djus ds dkj.kksa dks
tkuus ds fy;s A
• ’kkldh; foHkkx vkSj flfoy lkslk;Vh ds }kjk LoPNrk gsrq lapkfyr ds dk;ksZ
dks tkuus ds fy;s
3- fo/kh %&
;g v/;;u e/; izns’k ds eaMyk ftys ds Cykd ukjk;.kxat ds vUrxZr vkus okys xzke Hkkoy
esa fd;k x;k] bl v/;;u esa uewuk fMtkbu (sampling design) esa duosulh lsaifyx ¼
convency ½ dk iz;ksx fd;k x;k gSa] bl v/;;u esa xq.kkRed i)fr dk iz;ksx fd;k x;k A blesa
vkdMks+ dks ,df=r djus ds fy;s lk{kkRdkj o leqg ppkZ djds leqnk; }kjk ’kkSpky; dk
mi;ksx D;qW ugha fd;k tk jgk gSa] mu dkj.kks dks tkuus dk iz;kl fd;k x;k gSaA MkVk
33
dk laxzg.k vksfM;ks jsdkfMZx }kjk fd;k x;k gSaA ,df=r MkVk dks ,ukykl djus MkVk dh
fjiksZV dks rS;kj djus esa dEI;qVj dh lgk;rk ls ifj.kke dks izkIr fd;k x;k gSaA
bl v/;;u dk Study population
Table 17 अध्यन सहभगी सांख्य
Study population
dza-
1
2
15 O;fDRkxr
6 iq#"k]
1
LokLlF; 1 ftyk leUo;] 1 cqtqxZ
2 cPpsa 4 efgyk
Cykd vkfQlj]
4 leqgksa ds 1
1 xzke lHkk 1 Lo lgk;rk 1 ,u-th- vks- okyh,Vj leqg
32 lnL;ksa }kjk ;qokvksa LokLFk xzke leqg
dk leqg
rnFkZ lferh
voyksdu %& bl v/;;u ls tkudkjh izkIr gksrh gSa fd ’kkSpky; fuekZ.k fd lkexzh dh le; ij
iqfrZ ugha gks jgh gSa]bl dkj.k Hkz"Vªkpkj T;knk gks jgk gSa] bl dkj.k ’kklu fd ;g ;kstuk
,d fctusl dk :i ys jgk gSaA leqnk; esa yksxks ds ?kj voyksdu ij ik;k x;k fd ;gkW LoPNrk
fd deh gSaA
4- ifj.kke %&
4-1 [kqys esa ’kkSp ds dkj.k %&
4-1-1 xjhch %&
bl v/;;u ls ;g tkudkjh izkIr gksrh gSa fd xzkfe.k {kS= esa jkstxkj ds lk/ku de gksus ls
vkenuh de gSa] lkekftd ] lkaLd`frd o thou fd eqyHkqr vko’;drkvksa fd iqfrZ
tSls&[kkuk] diM+ss] d`f"k esa vkfn vf/kd [kpZ gksrk gSa] bl dkj.k ;gkW xjhch gSa] cpr
uk gksus ls ;gkW yksx 'kkSpky; dk fuekZ.k ugha djok jgsa A
“ ge yksxks ds ikl iSlk ugha gSa]vkt ge flQZ [ksrh ij fuHkZj ugha jg ldrs] bl dkj.k gesa
nqljs yksxksa ds [ksrks esa etnqjh djus tkuk iM+rk gSa] gekjh jkst fd etnqjh 50 & 60
:i;s gksrh gSa ]vkSj bl eWgxkbZ ds dkj.k ge yksx flQZ viuk o vius ifjokj dk isV Hkj ys
mruk fg dkQh gSa] ,sls esa ge ’kkSpky; cuokus ds fy;s iSlk dgkW ls yk;sA”¼xzke lHkk
LoLFk xzke rnFkZ lferh ½
34
“’kkSpky; cuokuk esa vf/kd iSlk [kpZ gksrk gSa] bl eWgxkbZ dks ns[kdj ,slk yxrk gSa
]fd ’kkSpky; cuokuk gekjsa cl fd ckr ugha] yxrk gSa fd ge dHkh ’kkSpky; ugha cuok
ik;sxsA”¼ xzkeh.k iq:"k ½
4-1-1 [kqyk okrkoj.k %&
bl xkoW esa ikuh fd deh gSa]yksxksa dks i;kZIr ikuh ugha fey ikrk gSaAlkFk fg ;gkW
f’k{kk dk Lrj de gksus ds dkj.k dqN yksx ijEijk o :f<+okfnrk dks vf/kd egRo nsrs gq,]
’kkSpky; dk mi;ksx ugha djuk pkgrssA
“ fufeZr ’kkSpky; dk iz;ksx djus dk ,d dkj.k gSa fd Hkkoy esa ikuh dh vf/kd leL;k
gSa]yksxksa viuh iajEijk ds vuqlkj [kqys okrkoj.k esa ialn djrs gSaA”¼ tuin CykWd
vkWfQlj foHkkx ½
“ ge yksx cpiu ls [kqys eSnkuksa es tkrs jgs gSa ]blfy;s gesa [kqys eSnku esa tkus
ds vknr gks xbZ gSa] gesa ,d [kqyk okrkoj.k feyrk gSa ftlls gekjk LokLF; fBd jgrk gSA”¼
joh 14 o"kZ½
“ ge yksxksa dks ’kkSpky; esaa tkus dh vknr ugha gSa]bl dkj.k gesa vUnj tkus esa
?kcjkgV gksrh gSaA bl dkj.k ge [kqys esa ‘’kkSp tkuk ialn djrs gSA”¼ Lo lgk;rk leqg ½
4-1-3 yksxks esa tkudkjh dk vkHkko %&
;g ,d vfnoklh cgqY; {kS= gSa];gW leqnk; esaa f’k{kk dk LRkj de Hkh de ik;k x;k gSa
]leqnk; dks [kqys esa ’kkSp ds nq"ifj.kkeksa dss fo"k; esa tkudkjh ugha gSaA blh dkj.k
dgh uk dgh ljdkj }kjk Hkh buds Åij /;ku ughaa nh;k tk jgk gSaA LokLF; o vU; fo"k;ksa
ij tkudkjh u gksus ds dkj.k ;gkW cPpks dks fcekjh;kW gksrh jgrh gSaA
“dqN lferh;kW cuh gSa] ij dkSu &dkSu lh lferh cuh gSa gesa ugha irkA”
¼xzke lHkk LoLF; xzke rnFkZ lferh½
“ ge yksx dks ’kkSp ds fy, cgqr nqj taxy ] lM+d ds fdukjs ][kqys eSnkuks esa tkuk
iM+rk gSa]gesa ‘’kkSpky; dk fuekZ.k dSls djokuk gSa ]bldh tkudkjh ugha gSaA”
¼efgyk ½
35
“leqnk; ds dqN yksx iqjkuh lksp okys gSa] T;knkrj yksxksa dks ’kkSpky; esa tkus ls
?kcjkgV gksrh gSaA” (efgyk)
“ ge yksx ds }kjk vkWxuokM+h ds ’kkSpy; fd lQkbZ djok;h tkrh Fkh] fd bldk mi;ksx
gks lds ij xkWo ds yksx bls xank dj tkrs gSaA vc geus lQkbZ djokuk can dj fn;k gSaaA”
¼ vkWxuokM+h dk;ZdrkZ½
“ leqnk; esa cPPkksa dks Qqqalh dh fcekjh T;knk ns[kus dks feyrh gSaa] bl ij ifjokj
okyks dk [kpZ Hkh vf/kd gksrk gSaA” ¼ vkWxuokM+h dk;ZdrkZ½
“leqnk; esa ’kkSpky; u gksus ] flQZ ljiap o lfpo fd xyrh ugha gSa] leqnk; ds yksxks dh
Hkh xyrh gSa ] yksxks dks ’kkSpky; cuuk ds fy;s vk/kk leku fn;k x;k] bl leku ls dsoy 8
?kjks us viuh vkSj ls lkeu feykdj izkFkfedrk ds RkkSj ij ’kkSpky; dk fuekZ.k djok;kA
jkf’k izkIr u gksus ds dkj.k xSj ljdkjh laxBu us Hkh dke djuk can dj fn;kA” ¼izeksn½
4-1-4 Hkz"Vkpkj %& ‘’kkSpky; dk fuekZ.k djokus esa yxus okyh lezxh esa Hkz"Vkpkj
gks jgk gSa]nqdku nkj lkezxh dks Åps nkeksa csp jgs gSa] lkezxh xzke Lrj ij iWgqpkus
ds fy;s nks ls rhu xq.kk fder olqyrs gSaAljdkjh foHkkxksa }kjk Hkh izR;sd dke ds fy;s
:i;ksa fd ekWx dh tkrh gSaA ljiap o lfpo ds }kjk Hkh izR;sd dk;ksZ ds fy;s :i;ksaa fd
ekxa djrs gSaA ’kkldh; LoPNrk dk;Zdze esa Hkz"Vkpkj ,d cM+h :dkoV gSa ]bl vkSj
/;ku nsus fd cgqr t:jr gSaA
“’kkSpky; fuekZ.k ds fy;s jsr ugha fey ikrh gSa]bl dkj.k dk;Z vk/kqjk jg tkrk gSa]
jsr ds fy;s vf/kd jk;YVh nsuk iM+rk gSA jsr [kjhnus ij fodzrk vfrfjDr :i;ksa fd ekWx djrs
gSaA” ( ljiap)
“’kkSpky; fuekZ.k djus esa gesa vf/kd leL;ksa dk lkeuk djuk iM+rk gSa] tSls eq[;
dk;Zikyu vf/kdkjh dks 10 izfr’kr fj’kor nsuk iM+rk gSa] jsr u feyus ds dkj.k eq[;
dk;Zikyu vf/kdkjh }kjk le; ij jkf’k ugha fn tkrh gSaA xzkfe.kksa uks dk leFkZu u feyuk]
vkSj lkFk gh iapk;r lnL;ksa ds }kjk laidZ u djuk vkfn” ( ljiap)
“ljiap o lfpo ds }kjk ’kkSpky; fuekZ.k ds dk;ksZ ij /;ku ugha fn;k tk jgk gSa] yksxks ds
uke ls tks :i;s tkrs gSa] mls nsus ds fy;s Hkh yksxks ls igys :i;s fd ekxW djrs gSaA vxj
fdlh ljdkjh foHkkx esa tkuk gSa] ;k fdlh dkxt ij lkbZu djokuk gSa rks mls fy;s Hkh ljiap
o lfpo ds }kjk :i;s fd ekWx djrs gSaA” ( efgyk )
36
“iapk;r ds }kjk iqoZ esa ‘’kkSpk;y fuekZ.k dk dk;Z ‘’kq: fd;k x;k Fkk] lHkh ds ?kjks esa
‘’kkSpk;y ds fy;s xÏs [kqnok;s mlds ckn dke can dj fn;kA lkjs dk :i; mi;ksx ljiap o lfpo
}kjk dj fy;s x;k A” ( efgyk )
4-1-5 ‘’kkldh; foHkkx vkSj flfoy lkslk;Vh dk ftEesnkjh dks fBd ls uk fuHkkuk & ;gkW
ij ’kkldh; foHkkx vkSj flfoy lkslk;Vh ds }kjk ftEesnkjh ds lkFk dk;Z ugha fd;k tk jgk gSa]
fu;fer cSBds uk gksuk ]’kkldh; vf/kdkjh;ks }kjk le; ij dk;Z u djuk] dk;Z dks fcp esa
v/kqjk NksM+uk ] dk;Z dk Qkyksvi u djuk A
dbZ ckj foHkkxksa esa i= fy[kk ij ge yksxksa fd lqurk dkSu gSaA”( efgyk )
“gekjs ;gk cSBd fg ugha gksrh gSa rks ge viuh ijs’kkuh fdls crk;sa ” cqtqxZ)
“efgyk o cky fodkl foHkkx }kjk dksbZ eqY;kadu ugha fd;k tk jgk gSaA dksbZ ckj
mUgs crk;k x;k ij dkbZ dk;Zokgh ugha fd tk jghA” ”( vkWxuokM+h dk;ZdrkZ )
“ fueZy Hkkjr vfHk;ku ds varZxr 2 fQV dk xÏk djok;k x;k vkSj 2 cksjh lhesaV fn x;h Fkh]
ijUrq feL=h }kjk dke fcp esa gh can dj fn;k x;kA esjs o esjs HkkbZ ds }kjk 4*4 dk 8 fQV
dk vkSj xÏk dj ds 5 cksjh lhesaV dk mi;ksx djds gekjs LOka; ds }kjk ’kkSpky; dk fuek.kZ
fd;k blls izsfjr gksdj 5 vU; ifjokjksa us Hkh fuekZ.k fd;k x;kA” ( izeksn )
“iapk;r ds }kjk ch-ih-,y ifjokjks ds ;gkW ’kkSpky; fuek.kZ dk dk;Z ’kq: fd;k x;k Fkk]ijUrq
v/kqjk dk;Z fg fd;k x;kA bl dkj.k yksxksa }kjk ’kkSpk;y dk fuek.kZ ugha fd;k tk jgk
gSaA”।
rnFkZ lferh )
(xzke lHkk LoLFk xzke
“ gekjs ;gkW f’k{kd ds }kjk dbZ ckj i= fy[kdj ljiap dks fn;k x;k ijUrq dksbZ dk;Zokgh
ugha gqbZ] ge yksxks }kjk ’kkyk izaca/ku lferh dks Hkh i= fy[kk x;k ij dksbZ dk;Zokgh
muds }kjk ugha dh x;”।( ckyd ) fy[kk
4-1-6 ’kkldh; foHkkxksa dk iq.kZ lg;ksx u feyuk %&
’kkldh; vf/kdkjh;ksa ds }kjk leqnk; dks LoPNrk ds fo"k; esa tkudkjh ugha fn x;h gSa]
v/kqjs ’kkSpky; ds fuekZ.k dks iq.kZ djus ds fy;s dksbZ dk;Zokgh ugha dh tk jgh gSaA
vf/kdkjksa ds bl O;ogkj ls leqnk; dk ’kkldh; foHkkxksa ij ls fo’okl de gksrk tk jgk gSaA
37
“’kkldh; foHkkxksa ds }kjk leqnk; dks ’kkSpky; ds fuekZ.k dk egRo ugha le>k;k tk jgk
gSaAloZ izFke iapk;r lnL;ksa o xzke lHkk LoLFk xzke rnFkZ lferh dks blds fo"k; esa
tkudkjh nsuk pkfg,A” ।( vkWxuokM+h dk;ZdrkZ )
4-1-7 jktuSfrd lg;ksx izkIRk ugha %& jktuSfdrd O;fDr;ksa }kjk fd eÌ ugha fd tk jgh
gSaA
“jktuSfrd nyksa ds O;fDr;ksa dks bl eqÌs dks ysdj vkosnu i= fn;k x;k ]ijUrq mUgksaus
bl ij dksbZ dk;Zokgh ugha fdA jktuSfrd ny okys flQZ oksV ds le; fg leqnk; ds yksxks
dks ;kn djrs gSaA”।
( ;qok leqg lnL; )
4-1-8 xSj ljdkjh ¼,u-th-vks-½ laxBuksa %&
,u-th-vks- }kjk ;gkW leqnk; ds yksxksa ds lkFk CkaSBd fd tkrh gSaA bl cSaBd esa D;k
djuk gSa bl fo"k; esa ;kstuk cukbZ tkrh gSaA
“ leqnk; xkWo esa feÍh o ikuh dks jksdus dk dk;Z dj jgs gSa] mu yksxksa dk dk;Z lQy
gksrk gSaA D;ksdh oks fdlh Hkh dk;Z dks djus fd :i js[kk cukrs gSaAmlh ds vk/kkj ij
dk;Z djrs
( xzkfe.k iq:"k)
5. वडस्किि Water aid Australia के 2008 मे “Sharing Experiences-Sustainable Sanitation in South East Asia and the
pacific-The Sanitation gap प्रक विि ररपोटम के अनुस र: प्रक विि ररपोटम के अनुस र
“Demand for sanitation is low or not fully expressed and household often consider the cost of
investment too high.”
“Political and institutional barriers remain high.”
“Intervention focus on building toilets, not changing behaviors.”
“Sanitation and hygiene are intensely personal and difficult to discuss.” (Water Aid Australia,
2008)
Hkkoy {kS= esa vuqlwfpr tutkfr ¼xkSM+½ leqnk; ds yksxksa fd la[;k vf/kd gSa] budh
vthfodk dk eq[; Lkk/ku [ksrh og etnqjh djds vkiuk thohu ;kiu djrs gSaA ioZrh; {kS=
gksus ds dkj.k <kyu vf/kd gSa] bl dkj.k o"kkZ dk ikuh ugha :d ikrk gSa] o"kkZ de gksus
fd fLFkrh esa fdlkuks dks vf/kd uqdlku gksrk gSaA [ksrh esa vf/kd jklk;fud nokbZ;ksa
38
o [kkn] chp esa vf/kd [kpkZ gks jgk gSaaA la;qDr ifjokj gksus ds dkj.k ’kkfn]Hkkstu
O;oLFkk ij vf/kd :i;sa [kpZ gksrs gSaA
;gk ij izfro"kZ cPpksa dks Mk;fj;k] ldscht vkfn chekjh;kW gksrh jgrh gSa] ljdkjh foHkkx
}kjk leqnk; fd t:jrksa ds vuqlkj iz;kZIRk ’kkSpky; dk fuekZ.k ugha djok;k x;kA o"kZ
2009 esa fueZy Hkkjr vfHk;ku ds varxZr dqN ’kkSpky; dk fuekZ.k djok;k x;kA
xzkfe.kksa dk ekuuk gSa fd ’kklu ds }kjk flQZ [kkukiqfrZ ds fy;s bl xkWo esa ’kkSpky;
fuekZ.k djok;s x;s gSaA ’kklu ds }kjk flQZ ’kkSpky; fuekZ.k fd;k tk jgk gSa] leqnk; ds
O;Okgkj ifjorZu o iq.kZ tkudkjh ij dksbZ Bksl dk;Z ugha fd;k tk jgk gSaA
xzke Hkkoy esa vxLr o flarEcj 2013 esa vuqla/kku fd;k x;k ] ,slk fg ,d vuqla/kku okVj
,M laLFkk }kjk o"kZ 2008 esa lkmFk vfQzdk esa LOkPNrk ij fd;k x;k Fkk bu nksuks
v/;;u esa ifj.kke leku fg fudy ds vk;s gSaA bl izdkj gSa %&
1-leqnk; }kjk v/kqjs ’kkSpky;ksaa dks iq.kZ djus ds fy;s ’kkldh; foHkkx o xzke Lrj
ij viuh vkSj ls nokc iq.kZ ekWx ugha fd tk jgh gSaA leqnk; ds yksxksa dks ’kkSpky; ds
fo"k; esa T;knk tkudkjh uk gksus ds dkj.k mUgsa yxrk gSa fd blds fuekZ.k esa vf/kd
[kpkZ gksxk bl dkj.k oks ’kkSpky; dk fuekZ.k ugha djok jgs gSaA
2- xzkeh.k efgykvkksa ds fy;s [kqys esa ’kkSp tkuk ,d ’keZukd ckr gSa] bl fo"k; esa
oks ckr djus esa cgqr ?kcjkgV eglql djrh gSa] efgykvksa ds fy;s loZtfud ’kkSpky; fd
Hkh O;oLFkk ugha gSaA [kqys essa tkus ds dkj.k muds lkFk fdlh Hkh ?kVuk dh
vka’kdk cuh jgrh gSaA
3- fueZy Hkkjr vfHk;ku ds vaRkxZr dsoy ’kkSpky; fuekZ.k ds VkjxsV dks iqjk fd;k tk
jgk gSaA VkjXksV ds dkj.k fufeZr ’kkSpky;ksa dh xq.koRrk Hkh fBd ugha gSaA
4-ljdkjh foHkkxksa ds vf/kdkjh;ksa ds }kjk viuh ftEEksnkjh;ks dks bZekunkjh ds
lkFk ugha fuHkk;k tk jgk gSaaA ;kstukvksa dk lgh fdz;kUo;u ugha gks jgk gSa] fu;fer
eqaY;kdu o Qkyksvi ugha fd;k tk jgk gSaA bl dkj.k ’kkSpky; v/kqjs gSaa] mUgs iq.kZ
djus ds fy;s dksbZ j.kuhrh ugha cuk;h x;h gSaA
5- O;fDrxr LoPNrk o i;kZoj.kh; LoPNrk euq"; ds LokLF; dks lh/ks izHkkohr djrh
gSaS] LoPNrk tSls xaHkhj eqÌs ij Lkjdkj }kjk dksbZ mfpr dk;Zokgha ugha dh tk jgh gSaA
leqnk; ds O;ogkj ifjorZu vkSj LoPNrk ds izfr tkx:drk ds fy;s dksbZ Bksl dkne ugha
mBk;k tk jgk gSaA
39
6-xzke ;k ftyk Lrj ij ’kkSpk;y fuekZ.k ds fy;s flesUbjh ekVZ ugha gSa]de ykxr okys
’kkSpk;y ds fo"k; esa dksbZ izf’k{k.k ugha fn;k x;k gSaA
‘ 7-’kkldh; foHkkx ds vf/kdkjh;ksa }kjk crk;k x;k fd gekjs }kjk ’kkSpky; fuekZ.k fd
tkx:drk ds fy;s lapkj @ lqpuk @ f’k{kk }kjk dk;Zdze fd;s tk jgs gSaA ij okfLrdrk esa
fLFkrh dqN vkSj gSaA
Hkkjr ds e/; izns’k o lkmFk vfQzdk nksuks ns’kks esa mijksDr dkj.k ,d leku fg fudy
dj vk;sa gSaA
8- Hkz"Vkpkj %& lkezxh o ’kkSpky; fd jkf’k dks ysdj xzke Lrj ls ljdkjh foHkkxksa rd
Hkz"Vkpkj fg Hkz"Vkpkj O;kir gSaA
bl v/;;u ds }kjk ,d vU; dkj.k Hkz"Vkpkj Hkh fudy ds vk;s gSa] ftlds ifj.kke Lo:i leqnk;
dkss ’kkSpky; fd lqfo/kk,W ugha fey ik jgh gSaA
40
सांदवभमि : References
1-The open defecation challenge in India
2-WHO | Sanitation [WWW Document], n.d. WHO. URL http://www.who.int/topics/sanitation/en/ (accessed 1.6.14).
3-WHO | Progress on sanitation and drinking-water [WWW Document], n.d. WHO. URL
http://www.who.int/water_sanitation_health/publications/2013/jmp_report/en/ (accessed 1.6.14).
4-Malhotra, D.V.K., n.d. Indian Official Statistics: IN EIGHT HIGH FOCUS STATES OF INDIA OVER 73.5
MILLION HOUSEHOLDS ARE STILL DEFECATING IN OPEN.
5-Ministry of Drnking Water & Sanitation, n.d. Project Implementation Plan (Baseline Survey - 2012).
6-Water Aid Australia, 2008. Sharing Experiences-Sustainable Sanitation in South East Asia and the pacific-The
Sanitation gap.
7-cencus of india-2011, n.d.
सांदभम ग्रांि सूची
•
इां वडयन जनमलजन स्व स्थ्य-2013
•
आि सहयोवगनी प्रक िन (एनआरएचएम) 2009
•
स्व स्थ्य बड़ि 2013
•
भ ग्य के पवहयोां
•
स मुद वयक क यम योजन
•
अनुभि लोक वबरदरी प्रकि
•
स म वजक क रम ि ई volume63-no-3
•
सोिल एक्शन-Volume63-no-4
•
कन म टक सांथि पांजीकरण अवर्वनयम-17 1960-2013
•
•
•
वक्रय न्वछन वदि वनदे ि –MPVHA
Govt. of india in planning Commission Faster,More Inclusive and Sustainable Growth Volume -1
Building Capacities of Womens Groups on Woman’s health- distric Level Traing moduleschetna,Ahmedabad For Minstry of Health And Family WelFare,New Delhi.
swasthya or samaj ek bhin swar
Report of the national Expert Commttee on TecnoloGical Options for Implementation of rural
sanitation Programme in india.
www.community.ACTION
www.NRHM.NIC.IN
•
•
•
•
41
Figure1 : Discussion with community at Mandla
Figure 2 PHC- Discussion in Medical officer
42
Figur 3Mandla Hospital Discussion to nrhm program
43
Position: 3925 (1 views)